तहव्वुर राणा पर फिर नहीं मिली भारत को कामयाबी, अमेरिका की जेल में ही रहेगा 26/11 का आरोपी
तहव्वुर राणा, रिचर्ड हेडली का बचपन का दोस्त है और सरकारी गवाह बने हेडली ने राणा के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं।
वॉशिंगटन, जून 25: तहव्वुर राणा, पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक, जिसपर पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर 2008 में भारत के मुंबई में आतंकी हमलों को अंजाम देने का इल्जाम है, उसपर एक बार फिर से भारत को नाकामयाबी हाथ लगी है। अमेरिकी जेल में बंद तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने को लेकर लॉस एंजिल्स की जज ने सुनवाई की। भारत सरकार की अपील पर तहव्वुर राणा की कोर्ट रूम सुनवाई लॉस एंजिल्स में मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जैकलीन चुलजियान की अदालत में हुई थी। जिसमें जज जैकलीन चुलजियान ने डिफेंस एटॉर्नी और प्रॉसीक्यूटर से कई और कागजात मांगे हैं। जज ने 15 जुलाई तक सभी कागजात कोर्ट में जमा करने को कहा है।
प्रत्यर्पण पर सुनवाई
भारत सरकार ने अमेरिका की लॉस एंजिल्स की अदालत में तहव्वुर राणा के खिलाफ अपील दायर कर रखी है। जिसमें भारत सरकार की तरफ से इल्जाम लगाए गये हैं कि तहव्वुर राणा ने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश की थी। तहव्वुर राणा ने आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सहायता की थी। मुंबई में हुए आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे।
|
तहव्वुर राणा पर आरोप
अभियोजकों का कहना है कि तहव्वुर राणा के शिकागो में इमिग्रेशन लॉ सेंटर शिकागो के साथ-साथ मुंबई में एक सैटेलाइट ऑफिस का इस्तेमाल 2006 से 2008 के बीच आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया था। वहीं, तहव्वुर राणा के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल को हेडली की आतंकवाद की साजिश के बारे में पता नहीं था और वह केवल अपने बचपन के दोस्त की मदद करने की कोशिश कर रहा था। तहव्वुर राणा के वकीलों ने अमेरिकी अदालत में दलील दी है कि वो रिचर्ड हेडली के इरादों से अनजान था और उसने अनजाने में मुंबई में उसके लिए दफ्तर खोली थी। राणा के वकीलों ने अमेरिकी अदालत में कहा कि राणा के बचपन का दोस्त रिचर्ड हेडली एक नंबर का सीरियल झूठा है और उसके खिलआफ अमेरिका में दर्जनों मुकदमे चल रहे हैं, लिहाजा उसने राणा के खिलाफ जो बयान दिए हैं, अदालत में उसे विश्वसनीय नहीं माना जाए। राणा के वकीलों ने कहा कि हेडली ने राणा को बताए बगैर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए राणा का इस्तेमाल किया है।
हेडली-राणा में संबंध
रिचर्ड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा बचपन का दोस्त है। रिचर्ड कोलमैन हेडली पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था। 2008 में भारत में आतंकी हमला होने के बाद भारत सरकार की जांच में तहव्वुर राणा का नाम सामने आया था और फिर भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार को राणा के खिलाफ सबूत भेजे थे और उन सबूतों के आधार पर लॉस एंजिलिस से 10 जून 2020 को राणा को गिरफ्तार किया गया था। आपको बता दें कि हेडली भी पाकिस्तानी मूल का है और मुंबई बम धमाके वो अपनी संलिप्तता स्वीकार कर चुका है और सरकारी गवाह बन चुका है। हेडली ने ही तहव्वुर राणा के खिलाफ कई अहम जानकारियां सुरक्षा एजेंसियों को सौंपी थीं। अमेरिका की अदालत में रिचर्ड हेडली को भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के आरोप में 35 सालों की सजा सुनाई गई है। सरकारी गवाह बनने की वजह से उसे फांसी की सजा नहीं दी गई।
राणा को भारत लाना चाहती है सरकार
भारत सरकार तहव्वुर राणा को भारत लाना चाहती है और अमेरिकी सरकार भी इसके लिए राजी है। अमेरिकी सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के अनुसार है और अमेरिकी सरकार प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक ही राणा को भारत भेजना चाहती है। अमेरिकी सरकार ने कोर्ट में दलील दी है कि राणा के प्रत्यर्पण के लिए हर जरूरी मापदंडों को पूरा किया गया है, जबकि राणा की तरफ से अपने बचाव में और भारत सरकार के सबूतों के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिया गया है।