सीरियाः आम लोगों पर बमबारी से रूस का इनकार
रूस के अनुसार हवाई हमला चरमपंथियों और उसके कब्ज़े वाले इलाके पर किया गया था.
एक निगरानी समूह के अनुसार अल-शफ़ह के पूर्वी सीरियाई गांव में रूसी हवाई हमले में 53 नागरिक मारे गए हैं. वहीं, सीरिया ने कहा है कि उसने लोगों पर बमबारी नहीं की है, सिर्फ़ चरमपंथी संगठनों को निशाना बनाया है.
ब्रिटेन के संस्थान सीरियन ऑब्ज़रवेटरी ऑफ ह्यूमन राइट्स (एसओएचआर) ने कहा है कि रविवार को मारे गए लोगों में 21 बच्चे शामिल थे लेकिन सोमवर को रूस के रक्षा मंत्रालय
गांव दियर अल-जॉर में स्थित है, जो इस्लामिक स्टेट के कब्ज़े वाले अंतिम प्रांतों में से एक है.
एसओएचआर ने शुरुआत में आवासीय इमारतों पर हमले में 34 लोगों के मारे जाने की बात कही थी.
लेकिन निगरानी समूह के प्रमुख ने एएफपी न्यूज़ एजेंसी से कहा है कि अब यह समझा जा रहा है कि मरने वालों की संख्या अधिक थी.
रमी अब्देल रहमान ने कहा, "एक पूरे दिन के बचाव कार्य के दौरान मलबा हटाए जाने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ी है."
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इससे पहले रूस ने इस बात की पुष्टि की थी कि हवाई हमला चरमपंथियों और उसके कब्ज़े वाले इलाके पर किया गया था.
सीरिया में लंबे वक्त से चल रहे गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल असद का रूस मुख्य सहयोगी है.
संयुक्त राष्ट्र समर्थित शांति वार्ता के अगले सप्ताह जेनेवा में शुरू होने की संभावना है, लेकिन इससे पहले कई दौर की बातचीत असफल रही है.
इससे पहले रविवार को 23 लोगों के मारे जाने की ख़बर आई थी. एसओएचआर का कहना है कि पूर्वी घाउटा के कई शहरों पर हवाई और तोपों से हमले किए गए थे.
किसी भी घटना की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई है.
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निगरानी समूह का कहना है कि करीब दो सप्ताह में इलाके में सीरियाई सेना की कार्रवाई में 120 लोग मारे गए हैं.
सालों की घेराबंदी के बाद पूर्वी घाउटा के चार लाख रहने वाले लोगों की स्थिति भयावह है. लोगों के भूख से मरने की भी ख़बर है.
संयुक्त राष्ट्र के पिछले सप्ताह की रिपोर्ट के मुताबिक खाने की भीषण कमी के कारण कुछ लोग जानवरों का चारा और कूड़ा खा रहे हैं.
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