स्वीडन ने रिलीज की फेमिनिस्ट फॉरेन पॉलिसी पर आधारित हैंडबुक
स्वीडन में नौ सिंतबर को आम चुनाव होने वाले हैं और इन चुनावों से पहले इस देश ने फेमिनिस्ट फॉरेन पॉलिसी यानी नारीवाद पर आधारित विदेश नीति से जुड़ी नियमावली जारी की है। यह मैन्युल जो कि एक हैंडबुक है उसे संगठनों और विदेशी सरकारों को ध्यान में रखकर जारी किया गया है।
स्टॉकहोम। स्वीडन में नौ सिंतबर को आम चुनाव होने वाले हैं और इन चुनावों से पहले इस देश ने फेमिनिस्ट फॉरेन पॉलिसी यानी नारीवाद पर आधारित विदेश नीति से जुड़ी नियमावली जारी की है। यह मैन्युल जो कि एक हैंडबुक है उसे संगठनों और विदेशी सरकारों को ध्यान में रखकर जारी किया गया है। इस हैंडबुक का मकसद दुनियाभर में महिला अधिकारों को बढ़ाना है। हैंडबुक में उन खास बातों का जिक्र है जो इस देश की उस नीति से जुड़ी हैं जो महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका देती है।
चार वर्षों में हुए कामों का जिक्र
सरकार की वेबसाइट पर इस मैन्युल को इंग्लिश भाषा में जारी किया गया है। इस हैंडबुक में पिछले चार वर्षों के अंदर लैंगिक असामनता को खत्म करने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, उनका जिक्र किया गया है। स्वीडन ने महिला अधिकारों को बढ़ावा देना अपने इंटरनेशनल एजेंडे में शामिल किया था। इस हैंडबुक के मुताबिक स्वीडन ने फेमिनिस्ट फॉरेन पॉलिसी की शुरुआत उस पराधीनता और भेदभाव को खत्म करना है जिसका सामना आज दुनिया की अनगिनत महिलाओं को करना पड़ता है। इसमें यह भी कहा है कि लैंगिक मतभेद अपने आप में विरोधी है और सरकारों को कई लक्ष्यों को जैसे शांति, सुरक्षा और लंबे समय तक चलने वाले विकास को रोकता है।
साल 2014 में लॉन्च हुई थी नीति
साल 2014 में स्वीडन की विदेश मंत्री मारगॉट वॉलस्ट्रॉम यह नीति लेकर आई थीं। इस नीति के तहत आर्थिक उदार को बढ़ावा देना, यौन हिंसा से लड़ना और राजनीति में महिलाओं की भागीदारी की और बेहतर करना था। स्टॉकहोम में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शुरुआती दिनों में इस नीति पर उन्हें मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली जिसमें कुछ लोगों ने इसका मजाक तक उड़ाया था। लेकिन उनकी मानें तो जो कुछ भी लोगों ने उनसे कहा, वह सिर्फ कुछ शब्द थे और ऐसे में यह हैंडबुक काफी जरूरी है।