महामारी से बचाव के लिए एक ओर जहां प्रतिबंध थोपे जा रहे हैं, पर यहां आज भी खुले हैं बार व रेस्तरा!
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के कहर से जूझ रहे यूरोपीय देशों में एक तरफ जहां अन्य पड़ोसी देश महामारी से बचने के लिए अपनी सीमाएं, स्कूल्स, बार और व्यवसाय को बंद कर दिया है, तो दूसरी ओर यूरोप में स्वीडन एक अकेला ऐसा देश हैं, जहां महामारी के बीच आज भी बार और रेस्तरा यथासंभव खुले हुए हैं।
दरअसल, स्वीडन उच्च जोखिम वाले समूहों की रक्षा करते हुए सामान्य आबादी के बीच वायरस प्रतिरक्षा बनाने के लिए जोखिम की अनुमति देने की रणनीति पर काम कर रहा है, जो कि विवादास्पद रही है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ रूसी रूलेट खेलने की उपमा दी है, लेकिन स्वीडन के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ का कहना है कि यह रणनीति काम करती दिखाई देती है और कुछ ही हफ्तों में झुंड प्रतिरक्षा राजधानी स्टॉकहोम में पहुंच सकती है।
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गत मंगलवार को स्वीडन की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी में मुख्य महामारी विज्ञानी डॉ एंडर्स टेगनेल ने बताया, हम स्टॉकहोम के आसपास स्वीडन के प्रमुख हिस्सों में नए मामलों को रोकने में सफल हुएए हैं और वो पहले से ही झुंड प्रतिरक्षा के प्रभाव को देख रहे थे और कुछ हफ्तों में उसके प्रभाव को और भी अधिक देखेंगे। उन्होंने बताया कि देश के बाकी हिस्सों में स्थिति स्थिर है।
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गौरतलब है 60 फीसदी नागरिकों में मानित प्रतिरक्षा वाली एक आबादी के बीच टीकाकरण के जरिए झुंड प्रतिरक्षा आमतौर पर हासिल की जाती है, लेकिन कोरोना वायरस के लिए टीका के बिना यह संभव नहीं हैं। हालांकि वैज्ञानिक देख रहे हैं कि Covid -19 से संपर्क और पुनर्प्राप्ति लंबे समय तक प्रतिरक्षा की ओर ले जाता है या नहीं। हालांकि कोरोना वायरस के पुनः संक्रमण की रिपोर्ट सामने आ चुकी है।
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