इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, सेना प्रमुख बाजवा की सेवा विस्तार पर रोक
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार तीन साल के लिए बढ़ाया था। यह फैसला बाजवा की 29 नवंबर को होने जा रही सेवानिवृत्ति से ठीक पहले आया है। प्रधान न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने के बाद सुनवाई बुधवार (27 नवंबर) तक के लिए स्थगित कर दी।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने 'क्षेत्रीय अशांत वातावरण' का हवाला देकर जनरल बाजवा के कार्यकाल को और तीन साल बढ़ाने के लिए 19 अगस्त को मंजूरी दी थी। अधिसूचना में कहा गया था, जनरल कमर जावेद बाजवा को उनके मौजूदा कार्यकाल पूरा होने के बाद से और तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया जाता है। कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान ने बाजवा के सेवा विस्तार से जुड़ी अधिसूचना वापस ले ली है। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति की तरफ से नई अधिसूचना जारी करने के लिए उन्हें एक समरी भेजी गई है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सेना प्रमुख के कार्यकाल को केवल पाकिस्तान के राष्ट्रपति बढ़ा सकते हैं। अदालत ने इस पर भी गौर किया कि जब मामले पर कैबिनेट में चर्चा हुई थी तब 25 में से केवल 11 सदस्यों ने इस सेवा विस्तार को स्वीकृति दी थी। अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर ने प्रधान न्यायाधीश की टिप्पणी के विरोध में दलील दी कि कार्यकाल के विस्तार की घोषणा राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद की गई थी।
उधर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निलंबित किए के बाद पैदा हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कानून मंत्री फरोग नसीम ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। संघीय कैबिनेट की आपात बैठक के बाद पाकिस्तान के रेलवे मंत्री शेख रशीद, संघीय शिक्षा मंत्री शफकत महमूद और जवाबदेही मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक शहजाद अकबर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कानून मंत्री के इस्तीफे की जानकारी दी।
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