New Research: विटामिन डी की कमी से हो सकता है मधुमेह
लंदन।
विटामिन
डी
की
कमी
वाले
लोगों
को
मधुमेह
होने
का
खतरा
अधिक
होता
है।
यह
मायने
नहीं
रखता
कि
उनका
वजन
कितना
है।
एक
नए
अध्ययन
में
यह
बात
सामने
आई
है।
निष्कर्ष
के
मुताबिक,
संतुलित
आहार
के
अलावा
लोग
बाहरी
गतिविधियों
(धूप
सेंकना)
पर
भी
कुछ
समय
देकर
मधुमेह
के
खतरे
को
कम
कर
सकते
हैं।
विटामिन डी शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है, जो अस्थियों तथा मांसपेशियों को स्वस्थ बनाए रखने में सहायता करता है। सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर त्वचा विटामिन डी का स्वाभाविक तौर पर निर्माण करता है। इसके अलावा, लोग कुछ खाद्य पदार्थो से भी विटामिन का अवशोषण करते हैं।
अध्ययन के एक लेखक स्पेन स्थित मलागा विश्वविद्यालय के मैनुएल मकास-गोंजिलेज ने कहा, "हमारे निष्कर्ष में इस बात का खुलासा हुआ है कि मोटापे की तुलना में विटामिन डी ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म से ज्यादा नजदीकी रूप से जुड़ा है।"
पहले के अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि वैसे लोग जिनमें विटामिन डी की कमी है, उन्हें मोटापा से पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है। वर्तमान अध्ययन के मुताबिक विटामिन डी का स्तर सीधे तौर पर ग्लूकोज के स्तर से जुड़ा हुआ है, न कि बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) से।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।