सूडान : नील नदी से निकले 40 शव
सूडान में विपक्षी कार्यकर्ताओं ने देश की सैन्य परिषद के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. विपक्ष का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के हिंसक दमन के बाद उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. विपक्षी कार्यकर्ताओं का दावा है कि अर्धसैनिक बलों ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर हिंसक हमला किया जिसमें कम से कम 100 लोग मारे गए हैं.
सूडान में विपक्षी कार्यकर्ताओं ने देश की सैन्य परिषद के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
विपक्ष का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के हिंसक दमन के बाद उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.
विपक्षी कार्यकर्ताओं का दावा है कि अर्धसैनिक बलों ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर हिंसक हमला किया जिसमें कम से कम 100 लोग मारे गए हैं और राजधानी खारतूम में नील नदी से 40 शवों को निकाला गया हैं.
विपक्षी कार्यकर्ताओं से संबंध रखने वाली सूडान के डॉक्टरों की एक कमेटी ने फेसबुक पर लिखा है, "हमारे 40 शहीदों के शव कल नील नदी से मिले हैं."
इसी ग्रुप के एक सदस्य ने बीबीसी को बताया है कि उन्होंने खुद शवों को अस्पताल में देखा है और मरने वालों की संख्या 100 बताई है.
एक सूत्र ने चैनल 4 के सूडानी पत्रकार को बताया है कि इन लोगों में से कुछ को नदी में फेंकने से पहले बुरी तरह पीटा गया या गोली मारी गई.
वहीं खारतूम के निवासियों ने बीबीसी से कहा है कि वे घर से भी नहीं निकल रहे क्योंकि उन्हें डर है कि सेना उन्हें पीटेगी या मार डालेगी.
सूडान में इस वक्त सेना का शासन है और उसके नेता जनरल बुरहान का कहना है कि वे इसकी जांच करवाएंगे.
6 अप्रैल से ही प्रदर्शकारी सेना के हेडक्वार्टर के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं. 30 साल सत्ता में रहने के बाद सेना ने राष्ट्रपति उमर अल-बशीर का तख्तापलट कर हटा दिया जिसके बाद से ही प्रदर्शकारी सेना के साथ समझौते की कोशिश कर रहे थे कि अब सूडान की सत्ता किसके हाथ होगी.
एक समझौता हो भी गया था कि 3 साल बाद सूडान में चुनाव होंगे लेकिन सोमवार को ही अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शकारियों पर गोलियां चलाईं.
मंगलवार को जनरल बुरहान ने कहा कि प्रदर्शकारियों के साथ समझौते की कोशिशें खत्म हो गई हैं और अब 9 महीने बाद चुनाव होंगे.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चुनाव के लिए लंबा वक्त मिलना चाहिए ताकि चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो सकें और पिछली सरकार से जुड़े सभी राजनीतिक तारों को खत्म किया जा सके.
सूडान में इस वक्त हालात ख़राब हैं और सूडान की सेना के सहयोगी सऊदी अरब ने सूडान के सभी राजनीतिक पक्षों में बातचीत करवाने की बात कही है.