श्रीलंका: राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी
कोलंबो। श्रीलंका में महिंदा राजपक्षे को सत्ता सौंपने के बाद उठापठक अब बहुत तेज हो चुकी है। श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी-तमिल गठबंधन ने शनिवार को कहा कि वे संसद में नए प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। पिछले महीने 26 अक्टूबर को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सीरिसेना ने रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री से बर्खास्त कर राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी थी।
महिंदा राजपक्षे का दावा है कि बहुमत साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त संख्याएं हैं। उनका दावा है कि रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी से छह मेंबर्स ने बगावत की है। फिलहाल स्थिति यह है कि विक्रमसिंघे की पार्टी के मेंबर्स को राजपक्षे तोड़ने में लगे हुए हैं, ताकि पार्लियामेंट में बहुमत हासिल कर सके।
सत्ता से बेदखल हुई यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने कहा कि राजपक्षे की नियुक्ति संविधान के 19 वें संशोधन का उल्लंघन था। पार्टी ने अपने बयान में कहा है कि गठबंधन ने राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने का फैसला किया गया है। रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने कहा कि उन्होंने राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास की गति सौंपी है। विक्रमसिंघे ने कहा कि पार्लियामेंट में फ्लोर टेस्ट के लिए राष्ट्रपति सिरीसेना ने उसे अनदेखा करते हुए 16 नवंबर तक संसद को निलंबित कर दिया है। राष्ट्रपति सिरीसेना ने पार्लियामेंट को निलंबित कर श्रीलंका की राजनीति में और ज्यादा तनाव पैदा कर दिया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो पार्लियामेंट को निलंबित करने का उद्देश्य विक्रमसिंघे की पार्टी और अन्य सहयोगी दलों के बहुमत के लिए आवश्यक 113 सीटों का जुगाड़ करना है। वहीं, कुछ पार्लियामेंट मेंबर्स का कहना है कि मेंबर्स खरीद फरोख्त के लिए विक्रमसिंघे की पार्टी द्वारा बड़ी मात्रा में पैसा दिया जा रहा है।
ये भी पढ़ें: क्या श्रीलंका में भारत के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा