श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने दिया इस्तीफा
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार के गोटाबाया राजपक्षे से हारने के बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कोलंबो गजट न्यूज पेपर की खबर की मानें तो प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को राजपक्षे से मुलाकात की और श्रीलंका के संसद के भविष्य पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पास अभी भी संसद में बहुमत है। राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे को दिए गए जनादेश का सम्मान करते हुए पद छोड़ने का फैसला किया गया।
राजपक्षे के शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद उन्हें पद छोड़ने और सरकार को विपरीत खेमे को सौंपने का दबाव था। राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे ने विक्रमसिंघे के डिप्टी साजिथ प्रेमदासा को हराया है। आधिकारिक परिणामों के अनुसार राजपक्षे ने प्रेमदास को 13 लाख से अधिक मतों से पराजित किया था। वह राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के स्थान पर पांच वर्षों तक इस पद पर काबिज रहेंगे। राजपक्षे परिवार से राष्ट्रपति बनने वाले वह दूसरे सदस्य है। उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 तक राष्ट्रपति रहे थे।
गोटाबाया राजपक्षे के बारे में
गोटाबाया राजपक्षे आर्मी अफसर थे। लिबरेशनल टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) का खात्मा करने में गोटाबाया का अहम हाथ है। वो उस वक्त देश के रक्षा प्रमुख थे। 2009 में पूरे श्रीलंका में आर्मी ने ऑपरेशन चलाकर 26 साल पुराने तमिल विवाद को समाप्त किया था।
आपको बता दें कि LTTE वही आतंकी संगठन है जिसने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश रची थी। गोटाबाया पर ह्यूमन राइट्स के हनन के आरोप लगते रहे हैं। उनपर 2007 और 2009 के ऑपरेशन के दौरान मानवाधिकारों को कुचलने के आरोप भी लगे थे।