लड़की की हत्या करके खोपड़ी के 64 टुकड़े करने वाले को राष्ट्रपति ने दिया क्षमादान, देशभर में विरोध प्रदर्शन
कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने एक हत्यारे को क्षमादान दिया है और इसके बाद देशभर में उनके फैसले पर सवाल उठाने लगे हैं। सिरीसेना ने स्वीडन की एक लड़की की निर्ममता से हत्या करने वाले जूड जयमह को क्षमादान दिया है। अधिकारियों की ओर से रविवार को इस बात की जानकारी दी गई है। इस खबर के आते ही देशभर में उनके खिलाफ विरोध के सुर उठने का सिलसिला शुरू हो गया है। सिरीसेना अगले हफ्ते अपने पद से जाने वाले हैं और जाने से पहले इस विवादित फैसले पर सवाल उठने लगे हैं।
अमीर खानदान से आता है जूड जयमहा
जूड जयमहा ने स्वीडन की एक लड़की की हत्या करके उसकी खोपड़ी के 64 टुकड़े कर डाले थे। वह श्रीलंका के एक अमीर और हाई-प्रोफाइल परिवार से आता है। शनिवार को वह वेलीकाड़ा जेल से बाहर आ गया। इस क्षमादान को राष्ट्रपति की तरफ से लिया गया एक फैसला माना जा रहा है जो काफी असाधारण है और फैसले ने लोगों को खासा नाराज कर दिया है। 16 नवंबर को सिरीसेना देश में राष्ट्रपति चुनावों के बाद अपना पद छोड़ देंगे। इस बार चुनावों में वह उम्मीदवार नहीं हैं। पिछले माह उन्होंने इस बात की ऐलान किया था कि वह जयमहा को क्षमादान देने पर विचार कर रहे हैं। स्वीडन की 19 साल की योवोने जॉनसन जो लंदन में फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई कर रही थीं, श्रीलंका में छुट्टी मनाने आई थीं।
साल 2005 की घटना
घटना 30 जून 2005 की है जब कोलंबो में जयमहा के साथ उसकी बहस हुई और फिर उसे बुरी तरह से पीटा गया। पिटाई में उसकी मौत हो गई। घटना को कोलंबो के रॉयल पार्क लग्जरी अपार्टमेंट में अंजाम दिया गया था। कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि उसकी खोपड़ी 64 टुकड़ों में मिली थी। शुरुआत में जयमहा को 12 साल की कैद मिली थी। इसके बाद उसने उच्च न्यायालय में अपील की थी। कोर्ट ने उसकी अपील को ठुकरा दिया और मृत्युदंड दिया। इसके बाद जब उसने सुप्रीम कोर्ट में अपील की तो यहां भी साल 2014 में अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा।
बहन ने फेसबुक पोस्ट पर जताई नाराजगी
राष्ट्रपति की ओर से क्षमादान मिलने के बाद जॉनसन की बहन कैरोलिन ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर इस फैसले पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा, 'उसे कभी भी अपने किए पर कोई पछतावा नहीं था और आज भी उसे अपने किए पर जरा भी अफसोस नहीं हैं।' उन्होंने आगे लिखा, 'बड़ी मुश्किल से हमने अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाया है और 15 सालों से हम इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं। दुर्भाग्य से अब हमें सबसे खराब नतीजे के लिए खुद को तैयार करना है, मेरी बहन के हत्यारे को माफ कर दिया गया है।'
'असफल राष्ट्रपति का राक्षसी फैसला'
श्रीलंका के कई नागरिक भी राष्ट्रपति के फैसले से नाराज हैं। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, 'एक असफल राष्ट्रपति का राक्षसी फैसला।' वहीं एक और यूजर ने लिखा, ' इस खबर ने मुझे हैरान कर दिया है।' वहीं कुछ यूजर्स ने इस बात का अंदेशा भी जताया कि शायद राष्ट्रपति लोगों की नब्ज एक और संभावित क्षमादान को लेकर टटोलना चाहते हैं। इस मामले में एक ऐसे कैदी पर फैसला आना है जिसके परिवार देश में रेडियो और टेलीविजन स्टेशन का मालिक है और जो सिरीसेना का समर्थन करता है।