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श्रीलंका के राष्ट्रपति ने बताया क्यों न चाहते हुए भी फिर से विक्रमसिंघे को बनाना पड़ा प्रधानमंत्री

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कोलंबो। श्रीलंका में करीब दो महीने तक चले राजनीतिक विवाद खत्म हो चुका है और बर्खास्त किये गए रानिल विक्रमसिंघे ने एक बार फिर तमिल राष्ट्र के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ भी ले ली है। हालांकि, श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच अभी भी खटास खत्म नहीं हो पाई है। पिछले सप्ताह महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जो संसद में कई बार बहुमत साबित करने में नाकाम रहे थे। हालांकि, अब जब विक्रमसिंघे ने सत्ता फिर से संभाल ली हैं तो श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने कहा कि उन्होंने सिर्फ लोकतांत्रिक समाज को ध्यान में रखते हुए उन्हें सत्ता सौंपी है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने बताया क्यों विक्रमसिंघे फिर बने PM

अंग्रेजी न्यूजपेपर हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में सीरिसेना ने कहा, 'मैंने कहा था कि अगर वे (विक्रमसिंघे) 225 सांसदों की सहमति प्राप्त करते हैं, फिर भी मैं रानील विक्रमेसिंघे को प्रधानमंत्री के रूप में दोबारा नहीं मानूंगा। यह मेरा निजी राजनीतिक विचार है और मैं अभी भी एक व्यक्ति के रूप में मैं अपनी राय पर कायम हूं।' सिरीसेना ने आगे कहा कि संसदीय परंपरा का सम्मान करता हूं और प्रधानमंत्री पद के विक्रमसिंघे को दिया जाने का फैसला लिया। उन्होने कहा कि वे इसे लोकतांत्रिक समाज की एक विशेषता के साथ-साथ समाज के रूप में देखते हैं, जो लोकतांत्रिक प्रथाओं को मानते हैं।

इंटरव्यू में सिरीसेना ने कहा कि वे राजपक्षे के साथ काम करेंगे और एक बड़ा गठबंधन करेंगे। बता दें इससे पहले सिरीसेना और राजपक्षे दोनों एक-दूसरे के घोर प्रतिद्वंदी रह चुके हैं। सिरीसेना ने कहा कि उन्होंने जो निर्णय लिया था, वह देश के हित में लिया था।

26 अक्‍टूबर को श्रीलंका के राष्‍ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को उनके पद से हटा दिया था। सिरीसेना ने महिंदा राजपक्षे को देश का पीएम नियुक्‍त किया और इसके साथ ही तीन वर्ष बाद राजपक्षे की श्रीलंका की सत्‍ता में वापसी हुई थी। विक्रमसिंघे ने राजपक्षे को पीएम मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिरीसेना की ओर से संसद भंग करने को अवैध बताया है। इसके बाद 16 दिसंबर को एक बार फिर से 51 दिन बाद रविवार को रानिल विक्रमसिंघे की देश के प्रधानमंत्री पद पर फिर से वापसी हुई। कोलंबो में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने विक्रमसिंघे को शपथ दिलाई।

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English summary
Sri Lanka President explains why he reappointed Ranil Wickremesinghe as Prime Minister
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