दक्षिण पूर्व एशिया में श्रीलंका बना दूसरा देश, जहां मलेरिया हुआ खत्म
नई दिल्ली। श्रीलंका के खाते में एक ऐसा तमगा आ गया है जिसे वो बढ़ चढ़कर दुनिया को बता सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने श्रीलंका को मलेरिया से मुक्त देश घोषित कर दिया है।
सबसे ज्यादा पीड़ित होने वाले देशों में शामिल!
विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय निदेशक पूनल खेत्रपाल ने बताया कि श्रीलंका का मलेरिया से मुक्त देश घोषित होना, एक बहुत बड़ा एचीवमेंट है। एक देश जो 20वीं सदी के मध्य तक मलेरिया से सबसे ज्यादा पीड़ित होने वाले देशों में शामिल था। आज वो मलेरिया मुक्त देश बन गया है।
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उन्होंने कहा कि यह श्रीलंका के नेताओं की हिम्मत और उनके दूरदृष्टि को दिखाता है। इससे यह पता चलता है कि कठिन से कठिन काम को किया जा सकता है एक निश्चित लक्ष्य को तय करके कार्य किया जाता है।
श्रीलंका में वर्ष 1970-80 के दौरान मलेरिया के मामले लगातार बढ़ने शुरू हुए थे। इसके बाद से ही मलेरिया को खत्म करने के लिए काम करन शुरू कर दिया गया था।
श्रीलंका में हर साल मलेरिया के 1000 मामले सामने आते थे
मलेरिया को खत्म् करने के लिए मोबाइल मलेरिया क्लीनिक शुरू किए गए। इन क्लीनिक की मदद से मलेरिया के असर को कम किया गया और मलेरिया को आगे बढ़ने से रोका गया। साथ ही लोगों को मलेरिया खत्म करने के लिए जागरूक किया गया और आम लोगों की मदद से इस काम को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया गया।
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वर्ष 2006 तक श्रीलंका में हर साल मलेरिया के 1000 मामले सामने आते थे। वर्ष 2012 तक यह संख्या घटकर शून्य तक पहुंच गई। पिछले साढ़े तीन साल में स्थानीय स्तर पर एक भी मलेरिया का मामला सामने नहीं आया है।
दक्षिण पूर्व एशिया में मालदीव के बाद श्रीलंका दूसरा ऐसा देश है जिसने मलेरिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया।