आर्थिक संकट में श्रीलंका का अशोक वाटिका भी फंसी, सीता माता मंदिर के अध्यक्ष की भारत से बड़ी अपील
नुवारा एलिया (श्रीलंका) मई 17: श्रीलंका में चल रहे भीषण आर्थिक संकट के बीच, द्वीप राष्ट्र श्रीलंका के नुवारा एलिया में स्थित रामायण प्रसिद्धि अशोक वाटिका, जिसे सीता अम्मा मंदिर भी कहा जाता है, वित्तीय संकट का सामना कर रही है। आर्थिक मंदी के बीच मंदिर प्रबंधन को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

संकट में अशोक वाटिका
सीता अम्मा मंदिर के अध्यक्ष और नुवारा एलिया सांसद वी राधाकृष्णन ने एएनआई के साथ एक विशेष इंटरव्यू में बताया कि, सीता माता मंदिर की व्यवस्था सही तरीके से बनाए रखने के लिए मंदिर और उसके कर्मचारियों को कठिन समय का सामना करने पर मजबूर होना पड़ रहा है और उन्होंने कहा कि, श्रीलंका की स्थिति काफी ज्यादा गंभीर हो चुकी है।सीता मंदिर के अध्यक्ष वी राधाकृष्णन, जो श्रीलंका के सांसद भी हैं, उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि, 'अशोक वाटिका ने रामायण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और भारत से विशेष रूप से उत्तर भारत से हजारों भक्त यहां आते हैं लेकिन फिलहाल, कोई नहीं आ रहा है।

भारत के लोगों से बड़ी अपील
सीता अम्मा मंदिर के अध्यक्ष ने कहा कि, मंदिर को चलाना कठिन है जबकि इसका विकास भक्तों और पर्यटकों पर निर्भर है। कर्मचारियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, 'पर्यटक अभी श्रीलंका आने से डर रहे हैं'। आपको बता दें कि, रामायण में इसका उल्लेख है, कि कैसे रावण ने सीता को लाकर अशोक वाटिका में रखा था। आपको बता दें कि, आयात के लिए भुगतान करने के लिए कठिन मुद्रा की कमी के कारण दवाओं, रसोई गैस, ईंधन और भोजन सहित बुनियादी आवश्यकताओं की कमी के साथ श्रीलंका में आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। वहीं, सीता अम्मा मंदिर के अध्यक्ष ने भारत के लोगों से श्रीलंका आने की अपील की है, ताकि देश में पर्यटन फिर से शुरू हो सके।

लोगों के पास नहीं है नौकरी
पिछले 10 सालों से टूरिस्ट गाइड का काम कर रहे प्रमोद बताते हैं कि, ऐसा पहली बार हुआ है, जब वो पूरी तरह से बेरोजगार हो चुके हैं और उनके पास लंबे वक्त से कोई काम नहीं है। उन्होंने कहा कि, "मैंने पहले कभी सीता अम्मा मंदिर को खाली नहीं देखा। लोग हर बार यहां पूजा करते थे, लेकिन अभी यहां कोई भक्त नहीं आ रहे हैं। लोग आने से डरते हैं, क्योंकि श्रीलंका भारी बिजली कटौती से पीड़ित है, डीजल-पेट्रोल और गैस नहीं है'। रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका में होटल, रेस्टोरेंट के रूप में कारोबार ठप हो गया है। एक स्थानीय ने एएनआई को बताया कि, "श्रीलंका में घूमने के लिए समुद्र, समुद्र तट और रामायण के इतिहास सहित कई जगहें हैं, लेकिन संकट के कारण लोग नहीं आ रहे हैं।"

श्रीलंका में भारी आर्थिक संकट
देश की अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए श्रीलंकाई पीएम ने एक दिन पहले कहा कि, पूर्व सरकार के बजट राजस्व 2.3 ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपये के अनुमान के मुकाबले इस साल राजस्व 1.6 ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपये रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि देश को 372 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा इन सब से निपटने के लिए देश को तत्काल 75 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाने होंगे। इसके साथ ही उन्होंने श्रीलंकन एयरलाइंस के प्राइवेटाइजेशन का भी प्रस्ताव दिया है। उन्होंने प्रस्तावित निजीकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एयरलाइन को 2020-21 के लिए 45 बिलियन और कुल 342 बिलियन श्रीलंकाई रुपये का नुकसान हो रहा है।

सरकार पेश करेगी काल्पनिक बजट
पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि नवंबर 2019 में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 7.5 बिलियन अमेरीकी डॉलर था। लेकिन अभी खजाने के लिए दस लाख अमेरिकी डॉलर जुटाने में मुश्किल हो रही है। वित्त मंत्रालय को गैस आयात करने के लिए जरूरी 50 लाख अमेरिकी डॉलर जुटाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था अभी अनिश्चित है। उनकी सरकार आने वाले समय में काल्पनिक बजट पेश करेगी।
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