Sri Lanka Blast: पीएम विक्रमसिंघे ने आतंकी हमलों के बाद जनता से कहा मुझे माफ कर दीजिए
कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने ईस्टर संडे के मौके पर हुए आतंकी हमलों के बाद देश की जनता से सॉरी कहा है। पीएम विक्रमसिंघे ने सुरक्षा और सरकार की चूक पर जनता से माफी मांगी है। पीएम विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्हें इस बात को लेकर बहुत पछतावा है कि सरकार की चूक की वजह से जतना को दर्द सहना पड़ रहा है। विक्रमसिंघे ने यह बात एक विशेष बयान जारी कर कही है। आपको बता दें कि पीएम विक्रमसिंघे ने दो दिन पहले यह बात स्वीकारी है कि भारत की ओर से उन्हें हमलों से पहले पुख्ता इंटेलीजेंस मिली थी लेकिन एजेंसियों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया था।
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'जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता हूं'
पीएम विक्रमसिंघे ने कहा कि उनके साथ हमले से जुड़ी किसी भी इंटेलीजेंस को शेयर नहीं किया गया था, मगर वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागेंगे। श्रींलकाई पीएम के शब्दों में, 'एक प्रधानमंत्री के तौर पर मैं सामूहिक जिम्मेदारी साझा करता हूं। मैं सरकार की तरफ से हुइ चूक के लिए हमारे देश के लोगो के प्रति खेद जताता हूं। लेकिन सिर्फ माफी मांगना काफी नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आने वाले समय में ऐसी गलतियां न हों। हमें उन उपायों को अपनाना ही होगा जो इस तरह के सिस्टम फेल्योर को रोंके और हर इंसान की जिंदगी सुरक्षित करनी होगी।'
फिर से होगा चर्चों का निर्माण
पीएम विक्रमसिंघे ने कहा कि सरकार हमलों में तबाह हुए चर्चों का फिर से निर्माण कराएगी। पीएम के मुताबिक उन्होंने सुरक्षाबलों, राज्य मंत्री के साथ ही कार्डिनल मैल्कम रंजीत के साथ इस पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि सभी तरह की धार्मिक गतिविधियों को सुरक्षित तरीके से बहाल करने के लिए सरकार कड़ी मेहनत कर रही है। पीएम विक्रमसिंघे की मानें तो श्रीलंका में आतंकवाद को बहुत ही छोटे स्तर पर परिभाषित किया जाता है। वर्तमान कानून 21 अप्रैल को पैदा हुई असाधारण स्थिति से निबटने में कारगर नहीं हैं।
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भारत ने साझा की थी इंटेलीजेंस
विक्रमसिंघे ने पिछले दिनों भारतीय न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत में कहा था 'भारत ने हमारे साथ इंटेलीजेंस साझा की थी लेकिन इंटेलीजेंस पर ठीक से अमल नहीं हुआ।' उन्होंने बताया कि श्रीलंका के जांचकर्ता कई, देशों जिसमें चीन और पाकिस्तान भी शामिल हैं, के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।उन्होंने कहा था कि अभी तक ऐसा लग रहा है कि श्रीलंका के नागरिकों का एक ग्रुप हमलों में शामिल था लेकिन उनके विदेशों से संबंध थे। उन्होंने जांच के लिए विदेशी एजेंसियों की मदद लेने की बात भी कही है।
राष्ट्रपति पर सुरक्षाबलों की जिम्मेदारी
विक्रमसिंघे ने हमलों के बाद कहा था कि उन्हें प्लान के बारे में तो मालूम था। अधिकारियों की ओर से न तो उन्हें और न ही उनके मंत्रियों को किसी तरह की कोई अपडेट दी जा रही थी। श्रीलंका में सुरक्षाबलों का जिम्मेदारी राष्ट्रपति पर होती है। हमलों के बाद राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने रक्षा मंत्री समेत कई टॉप डिफेंस और पुलिस ऑफिसर्स से इस्तीफे ले लिए गए हैं।
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