हेरोइन की लत की वजह से एक ऑटो ड्राइवर ने 1100 लोगों को दे दिया कोरोना का इनफेक्शन!
कोलंबो। श्रीलंका में इस समय तेजी से कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है। देश में इस समय कोरोना के करीब 2,674 मामले हैं और 11 लोगों की मौत हो चुकी है। श्रीलंका की सरकार ने अब एक ऑटो ड्राइवर को इन सभी मामलों के लिए जिम्मेदार माना है। ऑटो ड्राइवर प्रसाद दिनेश पिछले कई दिनों से गुमनामी में थे और अब वह सामने आकर सरकार के दावों से इनकार कर रहे हैं। दरअसल दिनेश हेरोइन का नशा करने के आदी हैं और इसी वजह से वह कोविड-19 पॉजिटिव हो गए थे।
यह भी पढ़ें-डोनाल्ड ट्रंप बोले- कोरोना वैक्सीन पर है एक ग्रेट न्यूज
अप्रैल में आए कोरोना पॉजिटिव
33 साल के दिनेश अप्रैल में कोरोना वायरस पॉजिटिव आए थे। कुछ नौसैनिकों को उनके गांव भेजा गया था। इन नौसैनिकों को महामारी से निबटने के लिए जिम्मेदारी दी गई थी तो मिलिट्री के जरूरी अभियान के तहत थी। नौसैनिकों ने दिनेश पर जोर डाला कि वह अपने संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन करे। लेकिन इसके बाद जो कुछ सामने आया, वह होश उड़ाने वाला था। नौसैनिकों को 1,100 अतिरिक्त कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के बारे में पता लगा। अब अधिकारियों ने कहा है कि ये सभी 1100 लोग दिनेश की वजह से संक्रमित हुए हैं।
900 नौसैनिक भी चपेट में
सरकारी अधिकारियों ने दिनेश को 'पेंशेंट 206' के तौर बुलाना शुरू कर दिया है। टीवी और सोशल मीडिया पर दिनेश को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है और उन्हें कोरोना के तीन क्लस्टर्स को दोषी बताया जा रहा है। जिन लोगों को दिनेश ने संक्रमित किया है उनके करीब 900 नौसैनिक भी हैं। इन नौसैनिक ने दिनेश के टाउन जा-एला में हुए एक ऑपरेशन में हिस्सा लिया था। यह जगह राजधानी कोलंबो से करीब 12 मील दूर है। दिनेश का कहना है कि उसे ड्रग्स का नशा है। इसे श्रीलंका में अपराध समझा जाता है और अब इसकी वजह से ही उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
अब नहीं मिल रही नौकरी
दिनेश ने न्यूज एजेंसी एपी को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैं इस बात को स्वीकार नहीं कर सकता हूं कि मैं इतने लोगों को संक्रमित करने के लिए जिम्मेदार हूं जिसमें नेवी सेलर्स भी शामिल हैं।' दिनेश करीब एक माह तक अस्पताल में रहे हैं और उन्हें हाल ही में छोड़ा गया है। श्रीलंका में महामारी से पहले दिनेश ऑटो चलाने का काम करते थे। महामारी की वजह से देश में लॉकडाउन लगा और अब उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, 'जब पता लगता है कि मैं मरीज 206 हूं तो कोई भी नौकरी नहीं देता है।'
डकैती के जुर्म में हुए थे गिरफ्तार
पुलिस प्रवक्ता अजित रोहन्ना का कहना है कि दिनेश ने कोविड-19 के खिलाफ जारी श्रीलंका की लड़ाई को कमजोर किया है। रोहन्ना की मानें तो दिनेश ने उनके देश को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है। अथॉरिटीज ने बताया कि पांच अप्रैल को दिनेश को उनके गांव के लोगों ने डकैती के जुर्म में पकड़ा था। इसके बाद उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया था। दिनेश ने इन आरोपों से इनकार भी नहीं किया कि वह और उनके दोस्तों ने पास के गांव में नारियल चुराने की कोशिश थी। वो नारियल बेचकर हेरोइन खरीदने की फिराक में थे।
100 लोगों को किया गया क्वारंटाइन
पुलिस स्टेशन में दिनेश को बुखार आया और उनके पैर में चोट भी लगी थी। इसके बाद उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। यहां पर उन्हें कोविड-19 की पुष्टि हुई और 31 दिनों तक वह अस्पताल में रहे। पुलिस ने इसके बाद दिनेश के दोस्तों और उनके पड़ोस में 100 लोगों को घरों में ही क्वारंटाइन करने का आदेश दिया। लेकिन हर किसी ने इस आदेश को नहीं माना। घनी आबादी वाले इलाके में कोरोना वायरस तेजी से फैल सकता है इसलिए श्रीलंका की नेवी को भेजा गया। नौसैनिक यहां पर हेल्थ वर्कर्स की मदद के लिए आए थे मगर इनके आते ही दिनेश के करीबी नाराज हो गए।
दिनेश बोले-इसमें मैं क्या करूं
4000 नौसैनिकों को एक कैंप में क्वारंटाइन किया गया है। जबकि 15 गांवों को दो हफ्तों के लिए आइसोलेट किया गया। इसके अलावा 1300 लोग सेल्फ क्वारंटाइन हुए। करीब 900 नौसैनिक पॉजिटिव निकले हैं। दिनेश ने अपनी ड्रग्स लेने की आदत पर कहा है , 'इसमें मैं क्या करूं? क्या ड्रग्स लेना कोई अपराध है?' दिनेश का कहना है कि वह साल 2002 से हीरोईन ले रहे हैं और कभी भी नशेड़ी नहीं बने। लेकिन लॉकडाउन के दौरान वह नियमित तौर पर ड्रग्स का सेवन करने लगे और तीन और लोगों के साथ हेरोइन खरीदने के लिए चोरी का प्लान बनाया।