खुलासा: ZOOM एग्जीक्यूटिव चीन के लिए कर रहा था यूजर्स की जासूसी, जानिए आप कितने हैं सेफ ?
वाशिंगटन। Spying in Zoom: दुनिया भर में बहुत तेजी से लोकप्रिय हुए वर्चुअल मीटिंग प्रोग्राम सॉफ्टवेयर ZOOM के यूजर्स की चीन द्वारा जासूसी करने की बात सामने आई है। जूम के चीन स्थित एक एग्जीक्यूटिव पर चीनी सरकार (Chinese Government) के लिए यूजर्स की जासूसी करने का आरोप लगा है। आरोप में कहा गया है कि जूम के चीनी एग्जीक्यूटिव शिनजियांग जिन ने चीन के तिएनमान चौक की घटना को याद करने के लिए की गई एक वर्चुअल मीटिंग को रोक दिया था। इसके साथ ही उन पर कई और मामलों में चीन के लिए जासूसी के आरोप लगे हैं।
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अमेरिकी कोर्ट में जिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट
अमेरिका के ब्रुकलिन स्थिति फेडरल कोर्ट ने 39 वर्षीय शिनजियांग जिन (Xinjiang Jin) के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। शिनजियांग जिन चीन के झीजियांग प्रांत में टेलीकम्युनिकेशन कंपनी के लिए तकनीकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। जिन पर आरोप हैं कि चीनी सरकार के लिए वह जूम पर होने वाली राजनीतिक और धार्मिक बहसों की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने चीनी खुफिया एजेंसी के निर्देश पर कई इस साल मई और जून के बीच कई वीडियो मीटिंग को बंद करवाया। ये मीटिंग अमेरिकियों द्वारा आयोजित की गई थीं। ये मीटिंग 1989 में चीन के तिएनमान चौक पर हुए नरसंहार की याद में की जा रही थी। जिन अभी अमेरिकी हिरासत में नहीं है।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन सी डेमर्स ने कहा कि चीन में काम करने वाली कोई भी कंपनी चीनी कम्युनिष्ट पार्टी की मजबूत ताकत से खुद को बचा नहीं सकती। जहां तक चीन की कम्युनिष्ट पार्टी की पहुंच है और जहां भी चीनी लोगों के दमन की बात होगी वहां पर ये आजादी और फ्री स्पीच को बाधित करने का हरसंभव प्रयास करेगी।
खुफिया एजेंसियों को यूजर्स की निजी जानकारी
डेमर्स ने कहा ये वास्तविकता है कि "चीन में जो कंपनिया इस तरह का संचालन कर रही हैं चीन उनके अधिकारियों को अपनी दमनकारी गतिविधियों को जारी रखने में मदद कर रहा है और साथ ही उन मूल्यों को भी कुचला जा रहा है जिन्होंने कंपनी को आगे बढ़ने में मदद की है। शिकायत के अनुसार जिन ने चीन की खुफिया एजेंसियों के लिए पहली 2019 में जूम यूजर्स की जासूसी की थी।
जिन अक्सर चीनी सरकार और खुफिया एजेंसियों को यूजर्स की जानकारी दिया करते थे। इनमें यूजर्स की मीटिंग, ईमेल एड्रेस और आईपी एड्रेस तक की जानकारी शामिल थी। उनका काम उन राजनीतिक बहसों और मीटिंग्स की निगरानी करना था जिन्हें चीन की सरकार अनुमति नहीं देती है।
चीनी सरकार के निर्देश पर रोकी गई मीटिंग
सरकार के निर्देश पर जिन और उनके दूसरे साथियों ने कम से कम चार ऐसी मीटिंग को बंद कर दिया था जो तिएनमान चौक की 31वीं वर्षगांठ पर मनाए जा रहे थे। चीन के तिएनमान चौक (Tiananmen Square) पर 1989 में लोकतंत्र के समर्थन में बड़ी संख्या में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। 4 जून को चीनी सैनिकों ने टैंक लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हमला कर दिया था। इस घटना में 300 से अधिक निहत्थे प्रदर्शनकारी मारे गए थे।
इस घटना की याद में वर्चुअल कार्यक्रम करने वाले चीनी नागरिक थे जो अमेरिका में जाकर रह रहे हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था या फिर इससे बचकर निकले थे। जिन ने तब यूएस एग्जीक्यूटिव को नकली सबूतों के आधार पर ये समझाने में सफल रहे थे कि ये मीटिंग आतंकी समूहों के समर्थन में हो रही है। इसके लिए उन्होंने फेक प्रोफाइल पिक्चर्च और इस्लामिक आतंकी संगठन के आईएस के झंडे का इस्तेमाल बदनाम करने के लिए किया। जिन के खिलाफ ये आरोप साबित होते हैं तो उन्हें दस साल की जेल हो सकती है।
चीन में काम कर रही कंपनियों की सुरक्षा पर सवाल
जूम में जासूसी की घटना के बाद से चीन में काम कर रही और चीन से संचालित होने वाली कंपनियों के यूजर्स की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है। इस मामले के खुलासे ने ये साबित किया है कि चीन की खुफिया एजेंसियां जिस तरह की गतिविधियां इस्तेमाल कर रही हैं उससे इंटरनेट यूजर्स की निजता और सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई के डायरेक्टर ने इस पर चिंता जताते हुए कहा है कि 'लोगों को ये समझना चाहिए कि चीन की कम्युनिष्ट सरकार अपने अंतरराष्ट्रीय एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए चीन में काम कर रही कंपनियों का उत्पीड़न करने में संकोच नहीं करेगी।' भारत में भी जूम का इस्तेमाल वर्चुअल मीटिंग के लिए बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। इसके साथ ही बहुत सारे चीन में बने सॉफ्टवेयर और एप भी इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि पिछले कुछ महीनों में सरकार ने चीन में बने कई सारे एप पर सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध लगाया है।
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