महज 750 रुपए में मिलेगी रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन, जनवरी से शुरू होगी अंतर्राष्ट्रीय डिलीवरी
नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी का दूसरा दौर निःसंदेह लोगों को डरा दिया है, जिस तरह पूरी दुनिया में कोरोना के नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में सिर्फ एक ही बात लोगों की जुबान पर है कि आखिर कब आएगा वैक्सीन। अब खुशखबरी यह है कि लगभग 91.4 फीसदी असरकारी स्पुतनिक वी वैक्सीन का वितरण जनवरी, 2021 में शुरू होने जा रही है। बड़ी बात यह है कि संभावित वैक्सीन की प्रति खुराक की कीमत लगभग 10 डॉलर से भी कम होगी। माना जा रहा है कि यह वैक्सीन समान प्रभावकारिता के स्तर के mRNA- आधारित टीकों की तुलना में काफी सस्ता है।
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रिपोर्ट के मुताबिक रूसी वैज्ञानिकों द्वारा विकसित और लगभग 91.4 फीसदी असरकारक स्पुतनिक वी की प्रति खुराक वैक्सीन भारतीय रुपयों में 750 रुपए में मिल सकती है, जिसकी दो खुराक एक व्यक्ति को लेनी होगी। हालांकि यह वैक्सीन रूसी नागरिकों के लिए मुफ्त होगी। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आईडीआईएफ) ने मंगलवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दुनिया को दी। रूस के गामलिया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) द्वारा संयुक्त रूप से स्पुतनिक वी को विकसित किया गया है।
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बयान में कहा गया है कि स्पुतनिक वी वैक्सीन की पहली अंतर्राष्ट्रीय डिलीवरी जनवरी 2021 में विदेशी निर्माताओं के साथ मौजूदा साझेदारी के आधार पर ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगी। दूसरी ओर, क्लिीनिकल ट्रायल के दूसरे अंतरिम विश्लेषण के अनुसार स्पुतनिक वी की पहली खुराक के 28 दिनों के बाद परिणाम 91.4 फीसदी प्रभावी थी। आईडीआईएफ के सीईओ किरील दिमित्रीव ने कहा कि बेलारूस, ब्राजील, यूएई और भारत में वैक्सीन के क्लीनिकिल ट्रायल चल रहे हैं और परिणाम विभिन्न देशों के लिए उपलब्ध होंगे।
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हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी ने भारत में वैक्सीन के परीक्षण और वितरण के लिए रूसी एजेंसी के साथ साझेदारी की है। रूसी वैक्सीन दो रूपों में उपलब्ध होगा। पहला तरल रुप में और दूसरा लिनोफाइन्ड (फ्रीज) के रूप में मिलेगा। तरल रूपों को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहित किया जा सकता है, जबकि लियोफिनेटेड रूपों को सुरक्षित रखने के लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहीत करने की जरूरत होती है।
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गौरतलब है रूस ने अब तक तीन कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया है। गत अगस्त में उसने अपना पहला टीका स्पुतनिक वी लांच किया था। इसके बाद गत 14 अक्टूबर को एक दूसरा वैक्सीन एपिवाकोकोरोना लांच किया था और हाल में रूस ने कोरोना के लिए तीसरा टीका विकसित करने का दावा किया है। रूस का तीसरा टीका रूसी एकेडमी ऑफ साइंसेज के चुमाकोव केंद्र में बनाया जा रहा है। रिपोर्ट कहती है कि इस सक्रिय वैक्सीन को दिसंबर 2020 तक मंजूरी मिलने की संभावना है।
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