अमेरिका से युद्ध की खबरों के बीच ईरान की जैस्मिन को मिला नासा के साथ अंतरिक्ष की सैर का मौका
वॉशिंगटन। एक तरफ तो ईरान और अमेरिका के बीच तनाव की खबरें सुर्खियां बटोर रहीं हैं। सबको डर है कि कहीं दोनों देशों के बीच युद्ध न हो जाए। इन खबरों के बीच ही एक खबर जैस्मिन मोघबेली की आती है और सबके चेहरे पर मुस्कुराहट दौड़ जाती है। जैस्मिन, ईरान की पहली अंतरिक्ष यात्री हैं जो अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा की मदद से अंतरिक्ष जाने की तैयारी कर रही हैं। जैस्मिन कहती हैं कि अंतरिक्ष ने दोनों देशों को एक साथ ला दिया है।
अफगानिस्तान में 150 से ज्यादा मिशन
जैस्मिन का निकनेम जॉस है और यह नाम उन्हें उस समय मिला था जब वह अफगानिस्तान में एक हेलीकॉप्टर पायलट के तौर पर सर्विस को पूरा कर रही थी। जैस्मिन ने अफगानिस्तान में 150 से ज्यादा मिशन पूरे किए हैं। जैस्मिन एक मरीन कोर मेजर हैं और प्रतिष्ठित मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से ग्रेजुएट हैं। कॉलेज में बेहतरीन बास्केटबॉल प्लेयर रहीं और अब उनके हिस्से एक नई उपलब्धि आई है। नासा से हाल ही में ग्रेजुएट हुईं 36 साल की जैस्मिन को उम्मीद है कि उनका उदाहरण बाकीलोगों को प्रेरित करेगा।
जर्मनी में हुआ था जन्म और न्यूयॉर्क बना होमटाउन
जैस्मिन और उनके भाई का जन्म जर्मनी में हुआ था। ईरानी माता-पिता की संतान जैस्मिन और उनके भाई ने आर्किटेक्चर की पढ़ाई की। उनके माता-पिता सन् 1979 में ईरान की क्रांति के समय अपना देश छोड़कर चले गए थे। जैस्मिन, न्यूयॉर्क के बाल्डविन में पली बढ़ीं और वह न्यूयॉर्क को अपना घर मानती हैं। 15 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला स्पेस कैंप अटेंड किया और इसके साथ ही वह अंतरिक्ष यात्री बनकर सितारों तक पहुंचने के सपने देखने लगीं। एमआईटी में उन्होंने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उनके माता-पिता की चिंताएं उस समय बढ़ गईं जब जैस्मिन ने बताया कि उन्हें एक मिलिट्री पायलट बनना है।
साल 2005 में बनी अमेरिकी सेना का हिस्सा
साल 2005 में जैस्मिन ने अपने सपने को पूरा करने की तरफ एक कदम बढ़ाया और वह एक पायलट के तौर पर यूएस मिलिट्री का हिस्सा बन गईं। अमेरिका में हुए 9/11 हमलों के चार साल बाद जैस्मिन एक पायलट के तौर पर शामिल हुई थीं। उनके माता-पिता को चिंता थी कि उनकी बेटी को कहीं ईरान का होने की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। एएफपी को दिए इंटरव्यू में जैस्मिन ने कहा है कि जब एक बार उन्होंने मिलिट्री ज्वॉइन कर ली तो माता-पिता ने उन्हें पूर सपोर्ट दिया। वह कहती हैं कि माता-पिता और पार्टनर सैम का समर्थन उन्हें न मिला होता तो शायद आज वह इस मुकाम पर नहीं होती। जैस्मिन ने तीन माह पहले ही सैम से शादी की है।
तनाव के बाद भी कभी नहीं हुई कोई दिक्कत
हाल ही में अमेरिकी मिलिट्री ने ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को एक एयर स्ट्राइक में ढेर कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी तल्ख हो गए हैं। जब इस बारे में जैस्मिन से पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें अपनी सर्विस के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा है। जैस्मिन के मुताबिक उन्हें कभी अहसास ही नहीं हुआ कि उनके साथ होने वाला बर्ताव इसलिए बदल गया है क्योंकि वह ईरान की नागरिक हैं।