पीएम मोदी ने 'सियोल शांति पुरस्कार' में मिले 1 करोड़ 30 लाख रुपए 'नमामि गंगे' को दिए
सियोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे के लिए साउथ कोरिया में हैं, जहां शुक्रवार को उन्हें सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैं। पीएम मोदी को यह सम्मान भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान और दुनिया को मोदीनॉमिक्स के जरिए बदलने की कोशिशों की वजह से दिया गया। साउथ कोरिया का सर्वोच्च पुरस्कार पाने वाले पीएम मोदी 14वें व्यक्ति हैं। पीएम मोदी को इस पुरस्कार में सम्मान के तौर पर 2 लाख अमेरिकी डॉलर (1 करोड़ 30 लाख) की राशि प्राप्त हुई हैं। ज्वॉइंट प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सियोल शांति पुरस्कार पा कर सम्मानित महसूस कर रहे पीएम मोदी ने पूरी राशि को नमामि गंगे को समर्पित करने ऐलान भी किया है।
सम्मानित
राशि
नमामि
गंगे
को
समर्पित
साउथ
कोरिया
का
सर्वोच्च
पुरस्कार
हासिल
करने
से
पहले
पीएम
मोदी
ने
कहा
था,
'सियोल
शांति
पुरस्कार
प्राप्त
करना
मेरे
लिए
बहुत
बड़े
सम्मान
का
विषय
होगा।
मैं
यह
सम्मान
अपनी
निजी
उपलब्धियों
के
तौर
पर
नहीं
बल्कि
भारत
की
जनता
के
लिए
कोरियाई
जनता
की
सद्भावना
और
स्नेह
के
प्रतीक
के
तौर
पर
स्वीकार
करूंगा।'
ज्वॉइंट
प्रेस
कांफ्रेंस
के
दौरान
पीएम
मोदी
ने
कहा,
'आज
इस
सम्मान
के
साथ
जो
राशि
सम्मान
निधि
के
रूप
में
मिली
है
वो
मैं
नमामि
गंगे
को
समर्पित
करता
हूँ।'
क्या
है
नमामि
गंगे?
गंगा
नदी
को
अविरल
और
निर्मल
बनाने
के
लिए
मोदी
सरकार
ने
7
जुलाई
2016
को
नमामि
गंगे
परियोजना
की
शुरुआत
की
थी।
उस
दौरान
सरकार
ने
देशभर
में
अगल-अगल
स्थानों
पर
231
परियोजनाओं
की
शुरुआत
की
थी,
जिसका
मकसद
गंगा
को
साफ-सुथरा
करना
था।
परियोजना
का
शुभारंभ
उत्तराखंड
के
हरिद्वार
से
हुआ
था।
नमामि
गंगे
परियोजना
के
तहत
घाटों
का
निर्माण,
गंगा
को
साफ
करना,
वृक्षारोपण,
जैव
संरक्षण
करना
है।
नामामि
गंगे
के
तहत
सबसे
ज्यादा
परियोजनाएं
उत्तराखंड
में
शुरु
की
गई
थी,
जहां
देहरादून,
गढ़वाल,
टिहरी
गढ़वाल,
रूद्र
प्रयाग,
हरिद्वार
और
चमोली
जिलों
में
47
परियोजनाओं
की
शुरुआत
हुई।
क्या
है
सियोल
शांति
पुरस्कार?
सियोल
शांति
पुरस्कार
की
शुरुआत
साल
1990
में
हुई
थी।
उस
समय
सियोल
में
24वें
ओलंपिक
खेलों
का
आयोजन
हुआ
था।
इन
खेलों
के
समापन
पर
पुरस्कार
की
शुरुआत
की
गई।
इस
ओलंपिक
में
दुनियाभर
के
160
देशों
ने
हिस्सा
लिया
था।
इस
पुरस्कार
को
देने
का
मकसद
कोरियाई
गणतंत्र
के
नागरिको
में
मौजूद
शांति
की
भावना
से
दुनिया
को
रूबरू
करवाना
था।
पीएम
मोदी
से
पहले
यह
पुरस्कार
यूएन
के
पूर्व
मुखिया
कोफी
अन्नान,
जर्मन
चासंलर
एंजेला
मार्केल,
अंतरराष्ट्रीय
राहत
संगठनों
जैसे
डॉक्टर्स
विदआउट
ब्रदर्स
एंड
ऑक्सफेम
को
दिया
जा
चुका
है।
दुनिया
भर
से
करीब
1300
से
ज्यादा
लोगों
को
पुरस्कार
के
लिए
नामित
करने
का
प्रस्ताव
भेजा
जाता
है।
सियोल
शांति
पुरस्कार
2018
के
लिए
कुल
1,300
हस्तियों
को
नामित
किया
गया
था,
जिनमें
से
पीएम
मोदी
को
इससे
सम्मानित
किया
गया।