जब ट्रेन में तीन घंटे तक फंसे रहे राष्ट्रपति तो समझ आई जनता की परेशानी
जोहांसिबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा सोमवार को कई घंटों तक ट्रेन के चक्कर में फंसे रहे। इस घटना के साथ ही उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि आखिर जब आम जनता इस तरह से फंसती है तो उस पर क्या गुजरती है। यह घटना एक तरह से साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति के लिए रियल्टी चेक है क्योंकि मई में साउथ अफ्रीका में आम चुनाव होने वाले हैं। जिस समय यह घटना हुई उस समय रामफोसा चुनाव प्रचार के लिए ही जा रहे थे।
पहले तो ट्रेन एक घंटा लेट
राष्ट्रपति रामफोसा को सोमवार को उस समय एक घंटे तक ट्रेन का इंतजार प्लेटफॉर्म पर करते रहे जब उन्हें प्रचार के लिए रवाना होना था। राष्ट्रपति को माबोपाने टाउनशिप से इसकी राजधानी प्रिटोरिया के लिए जाना था। आमतौर पर ट्रेन को इतनी दूरी तय करने में बस 45 मिनट ही लगते हैं लेकिन सोमवार को माबोपाने से प्रिटोरिया तक पहुंचने में ट्रेन को करीब तीन घंटे का समय लग गया। ट्रेन अचानक रुक गई और फिर वहीं खड़ी रही। जो जर्नलिस्ट्स रामफोसा के पीछे थे उन्होंने राष्ट्रपति की मुस्कुराती हुई कई तस्वीरों को साझा किया है। इसमें राष्ट्रपति बाकी यात्रियों के साथ बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं।
साउथ अफ्रीका की जनता परेशान
साउथ अफ्रीका में ट्रेनों का लेट होना और पटरी से उतरना रोज का नियम है। ट्विटर पर इस घटना के बाद कई लोगों ने इस पर कमेंट्स किए और मजाक भी उड़ाया। लोगों ने लिखा 45 मिनट की दूरी को तय करने में तीन घंटे लग गए, आपका हमारी दुनिया में स्वागत है। लोग प्रासा के बारे में पिछले एक दशक से बातें कर रहे हैं। प्रासा, साउथ अफ्रीका की नेशनल रेल एजेंसी है। सफर खत्म होने पर राष्ट्रपति ने प्रण लिया कि वह रेल एजेंसी के अधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे और इस 'राष्ट्रीय समस्या' का समाधान करेंगे। रामफोसा ने कहा कि यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है कि 50 किलोमीटर की दूरी को तय करन में तीन घंटे का समय लग जाए और यह हर हाल में खत्म होना चाहिए। हम प्रासा को इसे ठीक करने को बोलेंगे या फिर उसके मुखिया को अपना पद छोड़ना पड़ेगा।
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