अमेरिका के कॉलेजों में चीनी छात्र कर रहे हैं जासूसी, यूनिवर्सिटीज को नजर रखने का आदेश
वॉशिंगटन। अमेरिका की जांच एजेंसी, एफबीआई ने अमेरिकी यूनिवर्सिटीज से मदद मांगी है। एफबीआई ने यूनिवर्सिटीज से कहा है कि वे अपने यहां मौजूद चीनी छात्रों और चीन के रिसर्च इंस्टीट्यूशंस से जुड़े रिसर्चर्स पर करीब से नजर रखें। एफबीआई ने खासतौर पर टेक्नोलॉजी, साइंस, गणित, इंजीनियरिंग और ऐसे हर विषय जो रक्षा क्षेत्र से जुड़ा है, उससे जुड़े छात्रों पर नजर रखने को कहा है।
340,000 छात्रों पर नजर
एफबीआई की ओर से यूनिवर्सिटीज को करीब 340,000 या इससे कुछ ज्यादा चीनी छात्रों की जासूसी करने को कहा गया है। एफबीआई ने अपने आदेश में पिछले वर्ष मेरिका और चीन के बीच जारी तनाव के बीच एडमिशन लेने वाले छात्रों की निगरानी करने को कहा है। एफबीआई के अधिकारियों ने पिछले वर्ष कम से कम एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज के 10 सदस्य कॉलेजों का दौरा किया था। इस एसोसिएशन में 62 रिसर्च यूनिवर्सिटीज शामिल है। यूनिवर्सिटीज को सलाह दी गई है कि वे अमेरिकी कैंपस में छात्रों पर नजर रखें। तीन एडमिनिस्ट्रेशंस जिन्हें अलग-अलग इस मामले पर ब्रीफ किया गया है, उनकी ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
यूनिवर्सिटीज तैयार करें प्रोटोकॉल
अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों की ओर से अमेरिकी रिसर्च यूनिवर्सिटीज की ओर से ऐसे प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए कहा गया है जिनकी मदद से छात्रों पर नजर रखी जा सके। साथ ही साथ चीनी इंस्टीट्यूट से जुड़े रिसर्चर्स की भी निगरानी के दायरे में लाया जा सके। साथ ही एफबीआई ने कॉलेजों से कहा है कि ऐसी सभी रिसर्च का रिव्यू किया जाए जिनसे चीनी नागरिक जुड़े हैं और जो रक्षा क्षेत्र से जुड़ी हो सकती हैं। इंडियान यूनिवर्सिटी में रिसर्च डिपार्टमेंट से जुड़े वाइस प्रेसीडेंट फ्रेड केट ने कहा, 'हमें एक प्रक्रिया लाने के लिए कहा गया है कि जिसके जरिए पता लग सके कि कौन सी लैब में चीनी छात्र काम कर रहे हैं या फिर उनके पास कौन सी जानकारी है, इस बात का पता लग सके।' उनका कहना है कि यह सवाल यह नहीं है कि एजेंसियां सिर्फ संदिग्ध बर्ताव को नोटिस कर रही हैं बल्कि वे कुछ खास देशों और उनके नागरिकों पर नजर रख रही हैं।