क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

‘समाज ने अल्लाह से बेटा मांगने पर मजबूर किया’

पाकिस्तानी समाज में भी घर में बेटे के होने को ज़रूरी समझा जाता है.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
महिला
Getty Images
महिला

पाकिस्तान के पेशावर शहर की जमीला (बदला हुआ नाम) की चार बेटियां हैं. वो अपनी छोटी बेटी के लिए खाना पकाने में व्यस्त हैं. उनकी सबसे बड़ी बेटी भी उनके साथ है जबकि बाक़ी दो छोटी बच्चियां खेल रही हैं.

जमीला के पति पेशावर में सरकारी कर्मचारी हैं और उनकी शादी को 15 साल से ज़्यादा का वक़्त गुज़र गया है और उनकी चार बेटियां हैं लेकिन बेटा कोई नहीं है.

जमीला ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि उन्होंने बेटे की पैदाइश की उम्मीद पर अब तक चार बेटियों को जन्म दिया है क्योंकि वो और उनके पति चाहते हैं कि उनके एक बेटा हो.

उन्होंने कहा, "हम ऐसे समाज में रह रहे हैं जहां पर बेटा न होना एक बड़ा विषय बना दिया गया है क्योंकि ज़्यादातर बाहर के काम मर्द करते हैं इसलिए घर में एक बेटा ज़रूरी होता है."

उनसे जब पूछा गया कि क्या लड़कियां बाहर के काम नहीं कर सकतीं तो उन्होंने जवाब में कहा कि कर सकती हैं लेकिन परिजन डरते हैं कि ऐसा न हो कि लड़कियों को बाहर कोई नुकसान पहुंचा दे.

घर का चूल्हा जलाने के लिए फ़ेसबुक का सहारा

पाकिस्तान में क्यों छप रहा है चीनी अख़बार?

महिला
Getty Images
महिला

उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि वो और उनके पति बेटियों से नफ़रत करते हैं या उनकी पढ़ाई और परवरिश में कोई कमी रखते हैं, उनकी बेटियां अच्छे स्कूल में पढ़ रही हैं लेकिन समाज के चलते दोनों इस पर मजबूर हैं कि ख़ुदा से एक बेटे की दुआ करें.

जमीला ने कहा, "जब भी गर्भवती होती हूं जैसा कि अब तीन महीनों की गर्भवती हूं, अल्लाह से यही दुआ करते हैं कि काश उनका एक बेटा हो जाए लेकिन अभी तक अल्लाह ने यह दुआ क़ुबूल नहीं की है."

उनसे पूछा गया कि उनके पति बेटा नहीं होने की वजह से क्या नाराज़ होते हैं तो उन्होंने कहा कि गुस्सा नहीं होते लेकिन कभी-कभी जब बाहर से कोई चीज़ लाना हो और घर में कोई मर्द न हो तो ज़रूर गुस्सा हो जाते हैं.

जमीला की तरह सेकड़ों ऐसी महिलाएं हैं जो ख़ानदान और समाज के दबाव का शिकार हैं कि इनका एक बेटा हो और विशेषज्ञों के अनुसार यह दबाव महिलाओं की सेहत पर बुरा असर डालते हैं.

कुछ रिपोर्टों के मुताबिक़, हर बार बेटी पैदा होने पर कई महिलाओं को तलाक़ का सामना करना पड़ा है.

नवजात
AFP
नवजात

'मानसिक दबाव'

बेटा पैदा करने के समाजी दबाव की वजह से औरतें किस क़िस्म की मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं. इस बारे में पेशावर के ख़ैबर टीचिंग हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक एजाज़ जमाल का कहना है कि कई बार तनाव इस हद तक बढ़ जाता है कि औरतें ख़ुदकुशी करने पर मजबूर हो जाती हैं.

उन्होंने पाकिस्तान में मेडिकल रिसर्च का हवाला देते हुए बताया कि औरतों में तनाव के बुनियादी कारणों में से एक बेटा न होने की वजह से सामाजिक और ख़ानदानी दबाव भी है.

बेटा न होने के कारण बताते हुए जमाल ने कहा कि बेटा और बेटी पैदा करना पुरुष पर निर्भर करता है.

महिलाएं
Getty Images
महिलाएं

उन्होंने कहा इस क़िस्म के दबाव ख़त्म करने के लिए ज़रूरी है कि समाज में जागरुकता अभियान चलाया जाए और लोगों को यह बताया जाए कि मर्द और औरत बराबर हैं और उनके बीच फ़र्क़ नहीं करना चाहिए.

पेशावर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉक्टर जमील अहमद ने बीबीसी को बताया कि समाज में 'मर्दानगी' और 'मर्द औरत से मज़बूत है' का ख़याल अभी तक मौजूद है क्योंकि समाज विकासवादी दौर से गुज़र रहा है.

उन्होंने कहा पहले बादशाहत होती थी जिसमें अधिकतर मर्द ही समाज में ताक़तवर समझे जाते थे लेकिन अभी बदलते दौर में 'मर्दानगी' को नहीं बल्कि किसी की बौद्धिक ताक़त को अहमियत दी जानी चाहिए.

पाक में कटासराज मंदिर पर कोर्ट का सख़्त आदेश

आवाज़ उठाने वाली महिलाएं बनीं 'पर्सन ऑफ़ द ईयर'

साइबर क्राइम से कैसे बचें महिलाएं?

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Society forced the son to ask Allah
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X