भारत में है 'हाइजैक' हुआ मलेशियायी विमान एमएच 370!
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दो दिन पहले ही अमेरिकी जांचकर्ता इस नतीजे पर पहुंच गए थे कि इस फ्लाइट को हाइजैक कर लिया गया है। लेकिन मलेशियन एयरलाइन के अधिकारी और एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े लोग इस इस बात को मानने से इंकार करते आ रहे थे।
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक टेकऑक करने के थोड़ी देर बाद ही यह फ्लाइट रडार से बाहर हो गई थी। मलेशियन एविएशन अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस तरह के कोई भी डाटा नहीं मिले जिनसे इस बात का इशारा मिलता हो कि यह फ्लाइट काफी देर तक हवा में थी। जांचकर्ता अपनी बात पर कायम हैं और उनका कहना है कि यह फ्लाइट काफी देर तक हवा में थी। अगर ऐसा है तो फिर इस बात की पूरी संभावना है कि इस फ्लाइट को अंडमान ले आया गया है।
इस बात की संभावना है कि इस फ्लाइट को अंडमान ले आया गया है
जांचकर्ताओं के मुताबिक इस फ्लाइट के दो कम्यूनिकेशन सिस्टम को टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद ही स्विच ऑफ कर दिया गया था। फ्लाइट का डाटा रिपोर्टिंग सिस्टम जहां 1:07 मिनट पर ऑफ किया गया तो वहीं फ्लाइट के दूसरे ट्रांसपोंडर को 1:21 मिनट पर ही स्विच ऑफ कर दिया गया था।
जांचकर्ताओं के मुताबिक या तो पायलट या फिर फ्लाइट में ही मौजूद किसी संदिग्ध शख्स ने इस काम को अंजाम दिया है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि फ्लाइट रडार डिटेक्शन से बची रहे। जांचकर्ताओं ने एमएच370 में लगे रोल्स रॉयस इंजन के ऑटोमैटिक डाउनलोडेड डाटा के एनासलिसिस के आधार पर यह बात कही गई है।
ट्रांसपोंडर किसी भी विमान की ऐसी डिवाइस होते हैं जो उन इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलों को छोड़ते हैं जिनके जरिए एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स की स्क्रीन पर फ्लाइट की मौजूदा स्थिति की पल-पल की जानकारी डिस्प्ले होती रहती है।
मलेशिया के प्रधानमंत्री और जांचकर्ताओं ने माना है कि टेकऑफ के एक घंटे बाद ही ट्रांसपोंडर स्विच ऑफ हो गए।
जांचकर्ता मान रहे हैं कि इस फ्लाइट को आखिरी लोकेशन से सैंकड़ों मील दूर ले जाया गया है और विशेषज्ञों के मुताबिक अगर ऐसा है तो इस बात की पूरी संभावना है कि यह अंडमान में ही कहीं मौजूद है।