Coronavirus: कोबरा सांप की वजह से चीन में फैल रहा है जानलेवा वायरस, मेडिकल एक्सपर्ट का दावा
बीजिंग। चीन का जानलेवा कोरोना वायरस अब अमेरिका तक पहुंच चुका है। मंगलवार को अमेरिका के सिएटल में 30 साल के युवक को इस वॉयरस से संक्रमित पाया गया है। अब ऐसा अनुमान लगाया है कि चीन के वुहान में इस वायरस के फैलने की सबसे बड़ी वजह चीनी करैत और कोबरा हैं और इनकी वजह से ही इस बार सर्दियों में लोगों को इस वायरस का शिकार होना पड़ा है। अब तक इस वायरस की वजह से नौ लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में इसका एक मरीज पाया गया है।
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वुहान की बाजार में बिकता है सांप
सांप, वुहान में सी-फूड के थोक बाजार में भारी मात्रा में बिकता है। वुहान की होल सेल मार्केट को बंद करने से पहले सांप की भी बिक्री जमकर हुई थी। हुबई प्रांत के वुहान की थोक मार्केट में ही इस वायरस की जड़ होने का अनुमान लगाया जा रहा है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक वुहान की बाजार में बिकने वाला करैत जिसे ताइवानी या चीनी करैत कहते हैं, सांपों की काफी जहरीली प्रजाति है। इस सांप की सेंट्रल और सदर्न चीन के अलावा साउथ ईस्ट एशिया में भारी तादाद में पाया जाता है। दिसंबर 2019 में पहली बार इस वायरस की वजह से बीमारी का पहला केस दर्ज किया गया था। वुहान, सेंट्रल चीन का घनी आबादी वाला शहर है। इसके बाद से काफी तेजी से यह वायरस फैल रहा है। अब चीन की सीमा से निकलकर वायरस अमेरिका, साउथ कोरिया, थाइलैंड और ऑस्ट्रेलिया तक पहुंच चुका है।
क्यों पड़ा नाम कोरोना वायरस
चीन में साइंटिस्ट्स ने मरीजों में पाए गए वायरस के सैंपल लिए थे। इसके बाद वायरस के जेनेटिक कोड का पता लगा सका है। माइक्रोस्कोप की मदद से इसकी फोटो भी ली गई है। यह वायरस उसी वायरस से संबधित है जिसकी वजह से साल 2004 में चीन और हांगकांग में सीवियर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम यानी सार्स और मिडिल ईस्ट में मिडिल ईस्ट रेस्पीरेटरी सिंड्राम यानी मार्स फैला था। पिछले 17 वर्षों में इस वायरस की वजह सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की तरफ से नए कोरोनावायरस को coronavirus 2019-nCoV नाम दिया गया है। इस वायरस को यह नाम इसके आकार की वजह से दिया गया है। यह वायरस किसी क्राउन यानी ताज की तरह नजर आता है। इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखने पर इसकी शेप का पता चल सका है।
क्या हैं इनफेक्शन के लक्षण
इस वायरस का इनफेक्शन होने के बाद पीड़ित वयक्ति बीमार हो जाता है और उसे सांस से जुड़ी बीमारी होती है। सांस लेने में बिल्कुल उसी तरह तकलीफ होती है जैसे सर्दी जुकाम के समय होती है। कोरोना वायरस के इनफेक्शन की वजह से नाक से पानी निकलता रहता है, कफ की शिकायत होती है, गला में खरास रहती है और बुखार के साथ ही सिर दर्द भी होता है। यह लक्षण कुछ दिनों तक रह सकते हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कमजोर है जैसे की वृद्ध और बहुत छोटे बच्चे, उनमें इस वायरस से इनफेक्टेड होने की आशंका काफी ज्यादा है। वायरस की वजह से हल्की और गंभीर दोनों ही प्रकार की सांस की बीमारियां जैसे न्यूमोनिया या फिर ब्रोकाइटिस हो सकती है।
कोई निश्चित इलाज नहीं, बचाव जरूरी
इस वायरस का कोई निश्चित इलाज नहीं है। लक्षण अपने आप ही जाते हैं। डॉक्टर सिर्फ बुखार या दर्द की ही दवाई देते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक कमरे को नम रखने वाला यंत्र यानी ह्यूमिडफायर या फिर गर्म पानी का शॉवर खराब गले और कफ से निजात दिला सकता है। खूब पानी पिएं, आराम करें और जितना हो सके उतना सोएं। अगर लक्षण सर्दी जुकाम से बढ़ जाएं तो फिर डॉक्टर के पास जाने में देर न करें। उन लोगों से मिलने से बचें जो इस वायरस के शिकार हैं। अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचे। हर 20 सेकेंड्स में अपने हाथ को साबुन और पानी से साफ करें। अगर आप बीमार हैं तो फिर घर पर रहें, भीड़ से बचें और दूसरे लोगों से संपर्क कम करें। जब कभी भी छींक आए तो अपना मुंह और नाक ढंक लें।