यहां छोटे बंदरों को चेन में बांधकर मशीन की तरह करवाया जा रहा काम, इस बिजनेस से लोग कमा रहे करोड़ों रुपये
थाईलैंड। आज के समय में जंगली जानवरों के साथ अत्याचार काफी बढ़ गया है। हमें रोजाना ऐसी कई खबरें सुनने को मिलती हैं, जिनमें जानवरों के साथ अत्याचार के बारे में बताया जाता है। इस बीच जानवरों से जुड़ी एक ऐसी खबर आई है, जो मानवता को ही शर्मसार कर रही है। ये खबर थाईलैंड से आई है, जहां छोटे बंदरों को उनकी मां से छीनकर मशीन की तरह काम कराया जाता है। इन बंदरों से ये काम नारियल के बिजनेस में कराया जाता है। हाल ही में जानवरों के लिए दुनियाभर में काम करने वाले गैर-सरकारी संस्थान पेटा (PETA) ने इसका भंडाफोड़ किया है।
नारियल के बिजनेस में होता है बंदरों का इस्तेमाल
घटना थाईलैंड की है, जहां इन बंदरों से नारियल के बिजनेस में काम कराया जाता है। थाईलैंड नारियल दूध के दुनिया के बड़े उत्पादक देशों में गिना जाता है। यहां इस इंडस्ट्री में 400 मिलियन डॉलर का कारोबार होता है। जो पूरी तरह से बंदरों पर चल रही है। बंदरों से गुलाम की तरह काम कराए जाने की बात का पता चलने के बाद इन प्रोडक्टस का अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में विरोध हो रहा है। पेटा ने आरोप लगाया है कि थाई उत्पादनकर्ता बंदरों का शोषण करते हैं। इनसे मशीनों की तरह नारियल तुड़वाए जाते हैं।
अब प्रोडक्ट पर कोड लगाने की योजना
इस विरोध के बीच देश के वाणिज्य मंत्रालय, पशु कल्याण एजेंसी के अधिकारी और उद्योग प्रतिनिधि बुधवार को बैंकॉक में मिले और कई उपायों को अपनाने पर सहमत हुए हैं। इन उपायों के तहत प्रोडक्ट के पैकेट पर कोड लगाया जाएगा, जिससे पता चलेगा कि संबंधित सामान का उत्पादन किस तरह से किया गया है। इससे ये भी पता चलेगा कि कहीं इस काम के लिए बंदरों का तो इस्तेमाल नहीं हुआ है। पेटा की रिपोर्ट आने से बाद से हर जगर इस घटना का विरोध हो रहा है। कुछ स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटेन की सुपरमार्केट्स ने थाई नारियल प्रोडक्ट बेचना बंद कर दिया है।
प्रोडक्ट्स को बॉयकॉट करने की मांग
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की मंगेतर कैरी सेमंड्स ने भी इसे लेकर ट्वीट किए हैं। जिसमें उन्होंने लोगों से ऐसे प्रोडक्ट को बॉयकॉट करने को कहा है, जिनमें बंदरों का इस्तेमाल होता है। इसके साथ ही पेटा का कहना है कि आठ खेतों में जांच की गई थी, जिसके बाद कई बंदरों के ट्रेनिंग स्कूल का पता चला। हैरान करने वाली बात ये थीं कि इन बंदरों को चेन में जकड़कर रखा जाता है, इनसे काम लेने के बाद इन्हें पिंजड़ों में बंद कर दिया जाता है। इन्हें जबरन पेड़ पर चढ़ाकर नारियल तुड़वाए जाते हैं। इस संगठन ने थाईलैंड की सरकार से बंदरों से गुलामी कराने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
हर खेत में ऐसा नहीं हो रहा
हालांकि हर खेत में ऐसा नहीं हो रहा है। कई जगह इंसान खुद ही नारियल तोड़ने का काम कर रहे हैं। अगर उनका हाथ नहीं पहुंचता तो वो इसके लिए बांस जैसी चीजों की सहायता ले रहे हैं। आमतौर पर दूध के उत्पादन वाले नारियल पेड़ों की ऊंचाई 15 मीटर तक की होती है। जिसके लिए नारियल तोड़ने हेतु आमतौर पर बंदरों का इस्तेमाल होता है। बंदरों को ट्रेनिंग देने वाले स्कूल के सोनजाई साइकू नामक शख्स का कहना है, 'हमें ये समझना होगा कि ऊंचे पेड़ों पर चढ़ना इंसानों के लिए खतरनाक है। इससे चोट भी लग सकती है और मौत भी हो सकती है।'
@yoabbaabba BREAKING: @PETAAsia investigation uncovers monkeys are reportedly kidnapped from the wild, chained, & forced to pick coconuts in #Thailand 😯💔
— PETA (@peta) July 8, 2020
Be sure your coconut products don’t exploit monkeys & join us in taking action to end this! https://t.co/sIQRgPMQIf pic.twitter.com/EYDqTlFoS5