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जब आस्मां जहांगीर को बाल ठाकरे के साथ देखकर पाकिस्तान सरकार ने कहा था- इंडिया की एजेंट

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इस्लामाबाद। यह बहुत ही दुखद है कि पाकिस्तान की आवाम को अपनी सरकार से कहना पड़ रहा है कि आस्मां जहांगीर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए। लाहौर शहर में रविवार को पाकिस्तान की 'आयरन लेडी' आस्मां जहांगीर ने 66 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। जहांगीर को आयरन लेडी कहना इसलिए उचित है, क्योंकि पाकिस्तान की हुकूमत के खिलाफ एक महिला ने जिन परिस्थितियों में जंग छेड़ रखी थी, उस अदभुत साहस को भुला पाना आसान नहीं है। पाकिस्तान की सरकारें आस्मां जहांगीर को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी, कई बार उन्हें राष्ट्र विरोधी तक कहा गया। पाकिस्तान की सरकारों ने आस्मां जहांगीर की बाला साहेब ठाकरे के साथ तस्वीर को अपने मुल्क में शेयर कर बहुत बदनाम करने की कोशिश की। यहां तक आस्मां जहांगीर को इंडिया की एजेंट तक कहा गया।

आस्मां जहांगीर और बाल साहब ठाकरे की मुलाकात

आस्मां जहांगीर और बाल साहब ठाकरे की मुलाकात

मुंबई में 1992 में हुए हिंदू-मुस्लिम दंगों की रिपोर्ट के लिए यूनाइटेड नेशन (UN) ने आस्मां जहांगीर को मुंबई भेजा था। आस्मां जहांगीर 2008 में मुंबई आईं और उन्होंने शिव सेना चीफ बाला साहेब ठाकरे (बाल ठाकरे) से मुलाकात की थी। पाकिस्तान सरकार ने इस मुलाकात का विरोध करते हुए आस्मां जहांगीर को इंडिया की एजेंट तक बता दिया था। पाकिस्तान सरकार ने बाल ठाकरे के साथ बैठीं आस्मां जहांगीर को 'मुस्लिम विरोधी' तक कह दिया था। पाकिस्तान में इस तरह की बदनामी के बाद आस्मां जहांगीर एक इंटरव्यू में कहती हैं, 'मैं बाला साहेब के साथ कोई चाय-पानी पीने नहीं गई थी। मुझे वहां यूएन ने एक रिपोर्टर के रूप में भेजा था। मैं उनसे (ठाकरे) उनका राजनीतिक विचार जानना चाहती थी और दंगों पर उनकी राय लेना चाहती थी। पाकिस्तान की सरकारों को बाल ठाकरे के साथ-साथ विक्टिम के साथ हुई मेरी मुलाकात की तस्वीरों को भी साझा करना चाहिए था।' गुजरात के 2002 गोधरा दंगों को लेकर आस्मां जहांगीर ने उस वक्त मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।

आजाद खयालों की एक अद्भुत शख्सियत थी आस्मां

आजाद खयालों की एक अद्भुत शख्सियत थी आस्मां

दुनिया में कई लोग जहांगीर को एक फ्रीडम फाइटर के रूप मे संबोधित करना पसंद करते हैं। हालांकि, आस्मां जाहंगीर से पहले उनके पिता भी पाकिस्तान में सैन्य हुकूमत के खिलाफ आवाज बुंलद करने के आरोप में जेल जा चुके थें। आस्मा जहांगीर अपने पिता के कदम-ताल और अपने उसूलों पर जीने वाली आजाद ख्यालों की एक अद्भुत शख्सियत थी। पाकिस्तान की सेना से लेकर प्रमुख खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ भी कई बार अपनी आवाज उठा चुकी थी। 2007 में जनरल मुशर्रफ ने तो आस्मां जहांगीर को नजरबंद करवा दिया था।

आस्मां को पाक एजेंसियों से था खतरा

आस्मां को पाक एजेंसियों से था खतरा

आस्मां जहांगीर पाकिस्तान को धर्म की बंदिशों से और लोगों के विचारों की आजादी का सपना देखती थी। आस्मां जहांगीर एक मुसलमान थी, लेकिन वो धर्म से बहुत आजाद थी। धर्म की जोर-जबरदस्ती और कट्टरवाद के खिलाफ हमेशा आस्मां ने अपनी आवाज को उठाया था। 2012 में आस्मां जहांगीर ने कहा था कि पाकिस्तानी एजेंसियों से उन्हें खतरा है, लेकिन फिर भी वो पाकिस्तान तो क्या लाहौर भी नहीं छोड़ना चाहेगी।

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English summary
Sitting with Balasaheb Thackeray, Asma Jahangir labelled as India's Agent by Pakistan Government
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