पाकिस्तान के अत्याचार और शोषण के खिलाफ सड़क पर उतरे सिंधी समुदाय के लोग
जेनेवा। स्विट्जरलैंड के जेनेवा में स्थित यूनाइटेड नेशंस ह्मून राइट काउंसिल के बार लगातार विश्व सिंधी समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग सिंध प्रांत में लोगों पर पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ ये प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन 39 यूएन ह्मून राइट काउंसिल सेशन के दौरान भी किया गया था, जिसमे बलूच, पश्तून एक्टिविस्ट भी शामिल थे। ये लोग पीओके में हो रहे मानवाधिकारों के हनन के खिला प्रदर्शन कर रहे थे।
विश्व सिंधी कांग्रेस के महासचिव लाखू लुहाना ने कहा कि यहां मानवाधिकारों की हालत बहुत दयनीय है। उन्होंने कहा कि यहां लोगों की निर्मम हत्या की जा रही है, जबरन लोगों को बंधक बनाया जा रहा है, अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा है। यहां हो रहे डैम के निर्माण को उन्होंने जिंदगी और मौत का सवाल बताया है। उन्होंने पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जो भी डैम के निर्माण का विरोध करेगा वह देशद्रोही है, ये लोग चाहते हैं कि धरती से सिंधी लोग खत्म हो जाएं।
उन्होंने कहा कि जो सिंधी अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं उन्हें भारतीय एजेंट कहा जा रहा है। जिसे भी गिरफ्तार किया गयाहै उसके साथ सेना टॉर्चर कर रही है, लोगों को यहां दयनीय हालत में रखा जा रहा है, जिसमे से कई लोगों की मौत हो चुकी है। सिंधी मानवाधिकार एक्टिविस्ट नावीद बशीर ने कहा कि हम लोग भेदभाव, नफरत, पानी के अकाल और जबरन इलाके से सिंधिओं को हटाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों को टॉर्चर किया जा रहा है और उनपर दबाव डाला जा रहा है कि वह इस बात को स्वीकार करें कि वह भारतीय एजेंट हैं।
बशीर ने कहा कि ये लोग सिंध प्रांत में डैम का निर्माण करना चाहते हैं, ये सभी डैम यहां सिंधू नदी पर बन रहे है, यहां खेती की समस्या है और पूरा इिलाका रेगिस्तान है। ऐसे में यहां नदी से पानी लेना बड़ी समस्या बन सकती है।