सिंध में भीषण गर्मी से मचा हाहाकार, पानी के बंटवारे को लेकर भिड़ गए ये दोनों प्रांत
इस्लामाबाद, 16 मईः पाकिस्तान के दक्षिणीपूर्वी इलाकें में रिकॉर्डतोड़ तापमान में वृद्धि से सिंध प्रांत भयंकर सूखे का सामना कर रहा है। प्रचंड गर्मी से यहां हाहाकार मचा हुआ है। इस बीच पाकिस्तान में चिलचिलाती गर्मी के बीच पानी के बंटवारे को लेकर अंतर-प्रांतीय विवाद भी बढ़ गए हैं। सिंध चैंबर ऑफ एग्रीकल्चर ने पाकिस्तान सरकार से सिंध प्रांत को 'आपदा प्रभावित' घोषित करने की मांग की है। उन्होंने सिंध में पानी की भारी कमी पर चिंता जताई है।

किसानों के कर्ज माफ करने की मांग
पंजाब की ओर से नदियों का पानी छोड़ने में कमी होना भी सिंध में सूखे की वजह बताई जा रही है। इसके खिलाफ सिंध चेंबर ऑफ एग्रिकल्चर ने प्रदर्शन भी किया है। सिंध चेंबर ऑफ एग्रिकल्चर की रविवार को एक बैठक में मांग की गई कि 16 एकड़ तक के छोटे किसानों के कर्ज माफ किए जाएं। उन्होंने पानी के प्रवाह में कमी की भी जांच की मांग की।

पीपीपी सरकार को बताया दोषी
सिंधु युनाइटेड पार्टी के नेता रोशन अली बुरिरो का कहना है कि अब पाकिस्तान पीपल्स पार्टी देश की सत्ता में साझीदार है, इसके बाद बाद भी सिंध को उसके हिस्से का पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंधु नदी के पानी की लूट चश्मा-झेलम लिंक नहर और थाल नहर के जरिए पंजाब की ओर से जा रही है। लेकिन पीपीपी सरकार इस पर आपराधिक रूप से मौन थी।

किसान पानी की आपूर्ति का कर रहे इंतजार
अली बुरिरो ने आगे कहा कि पीपीपी सरकार सिंचाई के साथ-साथ पीने के पानी की कमी के लिए भी जिम्मेदार थी। उन्होंने कबा कि प्रांत में पानी की कमी के बावजूद सामंतो को भूमि चैनलों के माध्यम से अवैध रूप से पानी सप्लाई की गयी। जबकि गरीब किसानों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सिंध के 70 फीसदी छोटे शहर और कस्बे पानी की आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। पीपीपी 30 सालों से सत्ता में है लेकिन वह प्रांत को पीने का पानी मुहैया नहीं करा पाई।
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