शिप से गिरी महिला तो बचाने के लिए 40 फीट से कूदा 60 साल का कैप्टन, इतनी जानें बचाईंं कि याद भी नहीं
नई दिल्ली। जो इंसान किसी की जान बचाए वो भगवान से कम नहीं होता। वो ही असली इंसानियत की मिसान बनता है। ऐसा हुआ जब 60 साल के शिप कैप्टन ने 40 फीट से कूदकर डूबती महिला की जान बचाई। म्यांमार के डाला पोर्ट की है। 34 साल की किन चान म्या नाम की यह महिला शिप से नीचे पानी में जा गिरीं। उसी और दूसरी तरफ से एक शिप आ रहा था। जिसे देख कैप्टन यू माएंट ने महिला को बचाने के लिए बिना सोचे-समझे समुद्र में छलांग मारते हुए महिला की जान बचा ली।
कैप्टन के बाद दो युवकों ने भी पानी में मारी छलांग
कैप्टन को पानी में कूदता देख, महिला को बचाने के लिए दो और लड़कों ने छलांग मार दी। कैप्टन यू माएंट ने बताया की वे कई साल से यहां कार्यरत हैं और वे पहले भी कई लोगों की जान बचा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उस समय मुझे सिर्फ महिला की जान की परवा थी, मैं सिर्फ उसे बचना चाहता था। मैं बुजुर्ग हूं, जान बचाते मर भी जाता तो कुछ नहीं होता, उनको बचना मेरी जान से ज्यादा महत्वपूर्ण था।
कोई युवा डूबकर न मरे
कैप्टन माएंट ने कहा- मैं 40 साल से यहां काम कर रहा हूं, इतने सालों में इतने लोगों को बचा चुका हूं कि उनकी संख्या तक भूल चुका हूं। उन्होंने कहा अब मैं बूढ़ा हो गया हूं। यदि अब मैं मर जाऊं, तो ठीक है। लेकिन कोई युवा डूबकर नहीं मरना चाहिए। इसी उद्देश्य से मैंने छलांग लगाई।
म्यांमार की बातें जो उसे दूसरे देशों से अलग करती हैं
- म्यांमार को जानने वाले इस बात को भी बखूबी जानते हैं कि इस देश को कभी बर्मा के नाम से जाना जाता था। इस देश की राजधानी का नाम भी बदलता रहा जो कभी रंगून और कभी यांगून रहा। अब इसकी राजधानी नैप्यीदा है।
- म्यांमार की 89 फीसदी जनता बौद्ध धर्म को मानती है। भारत से शुरू होकर बौद्ध धर्म आज पूरी दुनिया में फैल गया है लेकिन म्यांमार में उसके अनुयायियों की तादाद बहुत ज्यादा है।
- म्यांमार में रेगिस्तान के अलावा सबकुछ है। सब कुछ बोले तो यहां की भौगोलिक खूबसूरती बेजोड़ है। पहाड़ियों की श्रृंखला, झरने और झील यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।
- यहां लंबे समय तक सैन्य शासन रहा है। साल 1962 तक म्यांमार में सेना का शासन रहा है, और यहां की अवाम ने सैन्य शासन के खिलाफ लंबा संघर्ष किया है।
- म्यांमार के सकल घरेलू उत्पाद का आधा हिस्सा कृषि के माध्यम से आता है। चावल यहां का प्रमुख खाद्य पदार्थ है।
- म्यांमार की इरावदी नदी को वहां सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। इसे म्यांमार में अनहद प्रवाह का द्योतक माना जाता है।
- बच्चों के जन्म के 7 दिनों के भीतर उनका नामकरण नहीं किया जाता।
- गर्भवती महिलाओं को केला और मिर्च खाने की मनाही है। म्यांमार में ऐसा मानना है कि केला खाने से बच्चे का आकार बेतहाशा बढ़ेगा होगी तो वहीं मिर्च उसके बाल उगने के क्रम को रोक देंगी।
- यहां लोग सोमवार, शुक्रवार और जन्मदिन के मौके पर बाल नहीं कटवाते।
- यहां एक डॉलर की कीमत 1031.60 लोकल क्यात है। क्यात यहां की करेंसी है।
जिसे देखने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक रहते हैं परेशान, उत्तराखंड में दिखा वो दुलर्भ जीव