गजब: माउंट एवरेस्ट की चोटी पर 27 साल में 25वीं बार पहुंचा ये शख्स, तोड़ा अपना ही पुराना रिकॉर्ड
नई दिल्ली, मई 8: माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है। आम लोगों के लिए इसे फतह करना तो दूर बल्कि ऊंचाई देखकर ही हालत खराब हो जाती है, लेकिन दुनिया में एक शख्स ऐसा भी है जिसने 25 बार माउंट एवरेस्ट को फतह किया। जिस वजह से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। खास बात तो ये है कि ये शख्स अपने शौक पूरे करने के लिए नहीं बल्कि लोगों की मदद के लिए एवरेस्ट पर जाता है।
11 लोगों के साथ पहुंचे चोटी पर
नेपाली पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक शेरपा गाइड कामी रीता ने शुक्रवार शाम 6 बजे एवरेस्ट की चोटी को फतह किया। 51 साल की उम्र में एवरेस्ट पर ये उनकी 25 चढ़ाई थी। उनकी मदद के लिए 11 और शेरपा भी चोटी पर पहुंचे। नेपाली अधिकारियों ने बताया कि कामी ने पहली बार 1994 में एवरेस्ट को फतह किया था। इसके बाद पिछले 27 सालों में वो 25 बार चोटी पर सकुशल पहुंचे। इतनी बार एवरेस्ट की यात्रा करने की वजह से अब वो पूरे इलाके के एक्सपर्ट बन गए हैं।
रस्सियां लगाना है उनका काम
वैसे कामी रीता का एवरेस्ट के अभियान में काफी अहम रोल है। वो हर साल चढ़ाई शुरू होने से पहले अन्य शेरपा के साथ एवरेस्ट की चोटी पर जाते हैं, ताकी रास्ते में रस्सियां लगा सकें। इन्हीं रस्सियों के सहारे पर्वतारोही सुरक्षित तरीके से चढ़ाई कर पाते हैं। वहीं एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचने का रास्ता काफी ज्यादा खतरनाक है, लेकिन कामी को वहां के वातावरण, खतरों आदि की पूरी जानकारी है, जिस वजह से उनकी काफी ज्यादा डिमांड रहती है।
इस साल 43 टीमों को इजाजत
नेपाली पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक मई के अंत में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई का सिलसिला शुरू होगा। इस बार सरकार ने 43 टीमों को परमिट दिया है, जिनकी मदद के लिए 400 शेरपा तैनात हैं। पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से नेपाली सरकार ने पर्वतारोहण रोक दिया था। जिस वजह से इस साल बंपर आवेदन आए। काफी मशक्कत के बाद नेपाली पर्यटन मंत्रालय ने 408 विदेशी पर्वतारोहियों को एवरेस्ट पर चढ़ाई करने की इजाजत दी है। वैसे एवरेस्ट पर तो 12 महीने बर्फ रहती है, लेकिन मई के अंत और जून की शुरुआत में मौसम थोड़ा साफ रहता है, जिस वजह से ये वक्त चढ़ाई के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
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कई लोगों की बचाई जान
वहीं कामी रीता ने पहले के कुछ इंटरव्यूज में बताया था कि उन्होंने माउंट एवरेस्ट के अलावा के-2, चोयु और ल्होत्से जैसी दुनिया की कई ऊंची चोटियों पर भी फतह हासिल की है। 2015 में जब माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर हिमस्खलन हुआ था, तो कामी वहीं पर थे। उस दौरान 19 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोगों की जान कामी की वजह से बची थी। कामी के मुताबिक उस घटना के बाद उनके परिवार वालों ने उन्हें ये काम छोड़ने को कहा था, लेकिन वो नहीं माने।