अमेरिका में भयंकर आंधी-तूफान और बवंडर ने 7 की जान ली
वॉशिंगटन डीसी। कोरोना वायरस के चलते जिस तरह से अमेरिका में तकरीबन 50 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और 8 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, उसे बाद संभावित बवंडर (Tornado) के खतरे ने अमेरिका की मुश्किल और बढ़ा दी थी। गुरुवार को कई इलाकों में तेज आंधी, बाढ़ और बवंडर देखने को मिला। ओक्लाहोमा और टेक्सास में बेहद खतरनाक ट्विस्टर के चलते पांच लोगों की मौत हो गई है। जबकि लुइसियाना में तूफान में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य बाढ़ में बह गया। लाखों लोगों पर मौसम की मार देखने को मिल सकती है।
10 हजार घरों की बिजली गुल
खराब मौसम के चलते अमेरिका के दक्षिण में 100,000 से अधिक घरों को गुरुवार दोपहर तक बिजली के बिना रहना पड़ा। नेशनल वेदर सर्विस (NWS) की ओर से कहा गया है कि कि बेहद खतरनाक बवंडर जिसने ओनालास्का शहर, टेक्सास में पोल्क और सैन जैसिंटो काउंटियों के अन्य हिस्सों को प्रभावित किया है। बता दें कि ओनालास्का ह्यूस्टन शहर से तकरीबन 144 किलोमीटर दूर है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बवंडर की वजह से 3 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 30 लोग घायल हुए हैं। यही नहीं कई घरों को इससे नुकसान पहुंचा है और व्यापार और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
दक्षिण ओकलाहोम
टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने कहा कि राज्य आपदा विभाग लगातार स्थानी लोगों की मदद के लिए काम कर रहा है। इसके अलावा दक्षिण ओकलाहोम के मार्शल काउंटी में भी बवंडर ने अपना उत्पात मचाया। यहां दो लोगों की मौत हो गई है। काउंटी के आपदा मैनेजमेंट चीफ रॉबर्ट चैनी ने बताया कि एक व्यक्ति का शव माडिल शहर के बाहर पाया गया है। यहां के हालात को देखते हुए फैक्ट्री के लोग अपने घर वापस जा रहे हैं। इसके अलावा बवंडर ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है। लुसिआना में एक महिला की मौत हो गई है।
महीने की शुरुआत में 26 की मौत हुई थी
मिसिसिप्पी में भी बवंडर देखने को मिला है। एनडब्ल्यूएस के अनुसार भारी बारिश हो सकती है। कई इलाकों में आंधी, तूफान के साथ बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है। यह खतरा दक्षिण से देश के पूर्वी हिस्से में बढ़ रहा है। दक्षिण के हिस्से में अभी भी खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में बवंडर और बाढ़ की वजह से 26 लोगों की मौत हो गई थी। बवंडर के चलते इस वर्ष अमेरिका में 74 लोगों की मौत हो चुकी है, जोकि 2011 के बाद एक वर्ष में मरने वालों की संख्या के लिहाज से सर्वाधिक है।