साउथ कोरिया के एयर डिफेंस जोन में लगातार घुसपैठ कर रहा चीन
सिओल। दक्षिण कोरिया के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में चीनी सैन्य विमान बार-बार घुसपैठ कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया ने चीन के इस कदम से बेहद परेशान है और लगातार आपत्ति भी दर्ज करा रहा है। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों के मुताबिक, वह संभवत: चीन का शांक्षी वाई-9 इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर एंड सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने बिना सूचना कोरियाई क्षेत्र में प्रवेश किया। विमान ने कोरियाई एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में सोकोत्रा रॉक (सी ऑफ जापान) की ओर से घुसपैठ की। उस वक्त सुबह 11 बजे का समय था। कोरियाई सीमा में घुसपैठ के करीब 40 मिनट बाद चीन का विमान जापान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में भी देखा गया। जापानी क्षेत्र में घुसने के बाद एक बार फिर चीन के विमान कोरियाई सीमा में घुसपैठ की। उस वक्त करीब दोपहर के करीब 12.43 बजे थे।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी विमान साउथ कोरिया के एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन के ऊपर उड़ता रहा। चीन के विमान का इस रूट से जाना असामान्य घटना है। चीन का विमान करीब 3.53 मिनट पर साउथ कोरियाई जोन से बाहर निकला। एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन अंतर्राष्ट्रीय संधि के तहत नहीं आते हैं, लेकिन यह कॉमन प्रेक्टिस है कि इस वायुक्षेत्र में जाने से पहले संबंधित राष्ट्र को सूचित किया जाता है।
दक्षिण कोरियाई के मुताबिक, यह बात सही है कि चीनी एयरक्राफ्ट साउथ कोरिया की वायुसीमा में नहीं घुसा, लेकिन एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में चीनी विमानों की घुसपैठ लगातार बढ़ती जा रही है। दक्षिण कोरिया का आरोप है कि 2016 में करीब 60 बार चीनी विमानों ने क्षेत्र में घुसपैठ की। 2017 में 70 बार और 2018 में सितंबर तक करीब 110 बार चीनी विमान एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में घुस चुके हैं।
दक्षिण कोरिया ने इस बारे में चीन के सामने आपत्ति दर्ज कराई। सोमवार को हुई घुसपैट की घटना के बाद साउथ कोरिया ने चीन से इन घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा है। साउथ कोरिया एयरफोर्स के एक अधिकारी ने कहा कि हम चीन की ओर से की जा रही घुसपैठ पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि साउथ कोरिया में बढ़ती अमेरिकी सेना की गतिविधियों की वजह से चीन लगातार ऐसा कर रहा है। चीन को डर है कि अगर अमेरिका-नॉर्थ कोरिया की बातचीत फेल हुई तो उसके लिए रीजन में खतरा पैदा हो सकता है। दूसरी ओर अमेरिका पहले ही सी ऑफ जापान में परमाणु क्षमता से लैस बी-52 बम वर्षकों की तैनाती कर चुका है। अमेरिका लगातार कहता रहा है कि नॉर्थ कोरिया के आक्रामक बर्ताव की वजह से ही यूएस आर्मी और साउथ कोरियाई सेना सैन्य अभ्यास करते हैं।