क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

SCO vs G-7: चीन में इकट्ठा हुआ आर्थिक महाशक्तियों का जमावड़ा, तो कनाडा बना विवादों का अखाड़ा

Google Oneindia News

नई दिल्ली। कनाडा के क्यूबेक में जी 7 और चीन के किंगदाओ में एससीओ (शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन) समिट चल शुरू हो चुकी है, जहां दो अलग-अलग मंचों पर आर्थिक महाशक्तियों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ ट्रेड वॉर की वजह से बड़े औद्योगिक देशों के संगठन जी 7 देशों में फूट पड़ चुकी है, जो समिट के दौरान अमेरिका के साथ विवाद दिख सकता है। वहीं, दूसरी तरफ एससीओ राष्ट्र व्यापार और फ्री ट्रेड को बढ़ावा देने पर फोकस करेंगे। इन दोनों समिट ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है और लंबे वक्त तक इसका प्रभाव देखा जाएगा।

इकनॉमिक पावरहाउस

इकनॉमिक पावरहाउस

एशिया में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चीन और भारत दो बड़ी आर्थिक शक्तियों के रूप में आगे बढ़ रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि यह दोनों एशियाई मुल्क परिपक्वता के साथ अपने-अपने व्यापार को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। विश्व विकास के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र तेजी के साथ इकनॉमिक पावरहाउस बनने जा रहा है। चीन जिस तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है, उससे लगता है कि आने वाले वक्त में दुनिया के कुल जीडीपी का 30 प्रतिशत हिस्सा चीन का होगा। वहीं, वैश्विक जीडीपी में भारत की भागीदारी भी 10 प्रतिशत हो जाएगी। आईएमएफ के मुताबिक, 2023 तक वैश्विक जीडीपी में एशिया प्रशांत क्षेत्र की 39 प्रतिशत भागीदारी होगी।

शी और मोदी: फ्री ट्रेड के समर्थक

शी और मोदी: फ्री ट्रेड के समर्थक

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी अमेरिका से उलट फ्री ट्रेड के समर्थक रहे हैं। चीन के किंगदाओ में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच पिछले 6 सप्ताह में दूसरी बार मुलाकात होने वाली है। जहां दोनों देश के नेता एक बार फिर अपने ट्रेड पर ही सबसे ज्यादा फोकस करते नजर आएंगे। पिछले माह सिंगापुर दौरे पर पीएम मोदी ने कहा था कि अगर चीन और भारत मिलकर काम करे तो एशिया और दुनिया का भविष्य उज्ज्वल होगा। पीएम मोदी ने सिंगापुर में चीन के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों की भी जमकर तारीफ की थी। पीएम मोदी एससीओ समिट के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे।

G7 और G6+1?

G7 और G6+1?

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने मिलकर 2014 में यू्क्रेन संकट के बाद रूस को इस ग्रुप से बाहर निकाल दिया था, जिसका बाद इसे जी8 से जी7 कहा गया। इस बार डोनाल्ड ट्रंप ने ना सिर्फ चीन के साथ नई व्यापार नीतियां लागू कर तनाव पैदा किया है, बल्कि कनाडा, मैक्सिको और ईयू पर नए शुल्क लगाकर बखेड़ा खड़ा दिया है, जिसका प्रभाव इस समिट में जरूर दिखेगा। हालांकि, ट्रंप इस समिट में भाग लेने के लिए कनाडा पहुंच गए हैं, लेकिन इस ग्रुप के 6 देश अमेरिका को भी किनारे कर एक साथ आगे बढ़ने का मन बना सकते हैं। जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप का गर्मजोशी से स्वागत किया है, लेकिन अमेरिका ने जिस तरह से आयात शुल्क लगाए हैं, यह उनके अर्थव्यवस्था पर किसी चोट से कम नहीं

 G7 के सामने SCO का दबदबा

G7 के सामने SCO का दबदबा

कई जी7 देश बड़ी आर्थिक शक्तियां होने के बावजूद भी वैश्विक विकास में इनकी भूमिका घटती जा रही है। अमेरिका 2.3 प्रतिशत के साथ ग्रो कर रहा है, तो वहीं यूरोपियन यूनियन की अर्थव्यवस्था की गति पिछले साल 2.5 प्रतिशत रही। वहीं, जापान की बात की जाए तो 2017 में आर्थिक विकास वृद्धि 1.6 प्रतिशत रही। अनुमान है कि इस साल जापान की आर्थिक विकास वृद्धि और भी ज्यादा कम रहने वाली है।
वहीं, भारत की जीडीपी 7.7 फिसदी रही है और चीन 6.8 फिसदी के साथ तेजी से विकास कर रहा है। इस एससीओ मीटिंग के बाद भारत और चीन व्यापार के मामले में और ज्यादा नजदीक व मजबूती के साथ आगे बढ़ते हुए दिखाई देंगे। पिछले साल भारत एससीओ ग्रुप में शामिल हुआ था, जिसके बाद पीएम मोदी पहली बार इस महत्वपूर्ण समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन के किंगदाओ पहुंचे हैं।

Comments
English summary
SCO's Econominc power arrives China, Canada becomes clash of G-7
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X