कोरोना के इलाज में लंदन में इस जानेमाने पैनकिलर का हो रहा है ट्रायल
लंदन। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए वर्तमान में ज्यादातर देशों में वैक्सीन बनाने के लिए व्यापक स्तर पर काम हो रहा है। अमेरिका, चीन, रूस समेत कई यूरोपियन और एशियाई देश वैक्सीन का ट्रायल कर रहे हैं। लंदन में वैज्ञानिकों की एक टीम दर्द निवारक एक सस्ती दवा इबूप्रोफेन (Ibuprofen) उन रोगियों को दे रहे हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। इससे पहले जानवरों पर की गई स्टडी में ये सामने आया था कि इबूप्रोफेन से कोरोना मरीजों के बचने की संभावना 80 फीसदी बढ़ सकती है।
कोरोना के इलाज में यूज होगी पैनकिलर
लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल और किंग्स कॉलेज की टीम का मानना है कि, पैनकिलर और एंटी इन्फ्लैमेटरी दवा आइबूप्रोफेन कोरोना मरीजों की सांस लेने की समस्या में सुधार ला सकती है। डॉक्टरों को उम्मीद है कि बेहद सस्ती दवा से कोरोना मरीजों को राहत मिलेगी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत घटेगी। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रायल के दौरान कोरोना मरीजों को सामान्य इलाज के साथ-साथ इबूप्रोफेन दवा भी दी जा रही है।
इबुप्रोफेन के एक टैबलेट की कीमत करीब एक रुपये है
रिपोर्ट में कहा गया कि, ट्रायल में इबूप्रोफेन दवा का एक खास फॉर्मुलेशन यूज किया जा रहा है। नियमित तौर पर ली जाने वाली इबूप्रोफेन से अलग है। कुछ लोग गठिया जैसी बीमारियों के लिए पहले से ही इस लिपिड कैप्सूल को दवा के रूप में ले रहे हैं। जानवरों पर की गई स्टडी में ये सामने आया था कि इबुप्रोफेन से एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम का सामना कर रहे मरीजों की स्थिति बेहतर हो सकती है। बता दें कि, बाजार में इबुप्रोफेन के एक टैबलेट की कीमत करीब एक रुपये है।
दवा को लेकर वैज्ञानिकों में बहुत आशा
किंग्स कॉलेज लंदन में टीम में से एक प्रोफेसर मितुल मेहता ने कहा कि, हमें यह दिखाने के लिए एक परीक्षण करने की आवश्यकता है कि सबूत वास्तव में उससे मेल खाते हैं हम जो होने की उम्मीद कर रहे हैं। बता दें कि कोरोना वायरस के शुरुआती दिनों में इबुप्रोफेन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। तब फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरन ने कहा था कि ये दवा कोरोना मरीजों के संक्रमण को बढ़ा सकती है।
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