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कोरोना संकट के बीच चंद्रमा पर मिले ऐसी गतिविधियों के सबूत, रिपोर्ट देख वैज्ञानिक भी हैरान

वैज्ञानिकों को पहली बार चंद्रमा की सतह पर ऐसी गतिविधियों के सबूत मिले हैं, जिनसे उसकी वर्षों पुरानी धारणा बदल गई है...

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नई दिल्ली। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही है। दुनिया के अलग-अलग देशों में इस वायरस के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान जाने का सिलसिला जारी है। कोरोना वायरस के इस महासंकट के बीच अब चंद्रमा को लेकर एक बड़ी रिसर्च सामने आई है। दरअसल वैज्ञानिकों को पहली बार चंद्रमा की सतह पर टेक्टोनिक (ढांचागत) गतिविधियों के सबूत मिले हैं। पिछले लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि चंद्रमा एक मृत खगोलीय पिंड है, जिसपर कोई भूगर्भीय गतिविधि नहीं होती। इस नई रिसर्च के बाद चंद्रमा को लेकर ये धारणा अब बदल सकती है।

पिछले कुछ दशकों में महसूस किए गए कंपन

पिछले कुछ दशकों में महसूस किए गए कंपन

'द वेदर चैनल' की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ दशकों में, अपोलो मिशन के दौरान चंद्रमा की सतह पर रखे गए सीस्मोमीटर (भूंकपमापी) में वहां कुछ कंपन महसूस किए गए थे। इन कंपनों के चलते जहां ये माना गया कि चंद्रमा अभी भी भूगर्भीय रूप से सक्रिय है, वहीं वैज्ञानिकों ने इसके पीछे चंद्रमा के लंब समय से शीतल रहने को वजह माना। वैज्ञानिकों ने यह भी माना कि इसी वजह से चंद्रमा की सतह सिकुड़ती है और वहां कंपन होते हैं।

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चंद्रमा की सतह पर मौजूद चोटियों में मिली टेक्टोनिक गतिविधि

चंद्रमा की सतह पर मौजूद चोटियों में मिली टेक्टोनिक गतिविधि

अब ब्राउन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की नई रिसर्च में चंद्रमा की सतह पर मौजूद चोटियों में टेक्टोनिक गतिविधियों का पता चला है। अपोलो मिशन की पुरानी तस्वीरों से खुलासा हुआ था कि चंद्रमा की ज्यादातर सतह रेगोलिथ (पाउडरनुमा सामग्री) से ढकी है। ताजा रिसर्च में वैज्ञानिकों को कुछ ऐसी जगहें मिली, जो बोल्डर्स (बड़े पत्थरों) से ढकी हुई हैं और जिनसे चंद्रमा की सतह पर दरारें बनने के संकते मिले।

'अभी भी चरमरा रही है चंद्रमा की सतह'

'अभी भी चरमरा रही है चंद्रमा की सतह'

ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीटर शुल्ज ने रिसर्च के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए बताया, 'अभी तक यह धारणा थी कि चंद्रमा लंबे समय से एक मृत खगोलीय पिंड है, लेकिन हमारे शोध में ये सामने आया कि ऐसा नहीं है। रिसर्च के आधार पर हम कह सकते हैं कि हमें ऐसा महसूस होता है कि चंद्रमा की सतह अभी भी चरमरा रही है और ये टूट सकती है और इसके सबूत हम उन चोटियों पर देख सकते हैं।'

इस गतिविधि के कारण टूटती है चंद्रमा की सतह

इस गतिविधि के कारण टूटती है चंद्रमा की सतह

इस रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों ने नासा के LRO (Lunar Reconnaissance Orbiter) से डेटा इकट्ठा किया, जिसके जरिए चंद्रमा की सतह पर टेक्टोनिक गतिविधियों का खुलासा हुआ। रिसर्च में इस बात के संकेत मिले कि कुछ चोटियों का निर्माण पुराने ज्वालामुखी के ऊपर हुआ है, और जो अभी भी ऊपर की तरफ बढ़ रही हैं। रिसर्च के मुताबिक, चोटियों पर इस गतिविधि के कारण चंद्रमा की सतह टूटती है और उन दरारों में रेगोलिथ भरने के कारण बोल्डर बन जाते हैं।

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English summary
Scientists Find Evidence Of Tectonic Activity On Moon Surface.
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