वैज्ञानिकों ने खोजा करोड़ों साल पुराना दुर्लभ 'एलियंस' का 'खजाना', गुप्त संसार में दफ्न थे लाखों जीव
यूनाइटेड किंगडम में वैज्ञानिकों ने धरती के नीचे दफ्न कोरोड़ों साल पुराने जीवाश्म को खोजने में कामयाबी हासिल की है। ये एक दुर्लभ खजाने को खोजने जैसा खोज है।
लंदन, अगस्त 02: ब्रिटिश नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के वैज्ञानिकों की एक टीम ने करोड़ों साल पुराने बेहद दुर्लभ 'खजाना' धरती के अंदर से खोजने में कामयाबी हासिल की है। वैज्ञानिकों की ये उपलब्ध काफी बड़ी बताई जा रही है। वैज्ञानिकों के लिए इस 'खजाने' को खोजना और धरती से बाहर निकालना कतई आसान नहीं था लेकिन जैसे ही ये दुर्लभ 'खजाना' धरती की गोद से मिला, ठीक वैसे ही वैज्ञानिक उछल पड़े। ब्रिटे के कॉस्वल्ड्स क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने इस दुर्लभ 'खजाने' को खोजने में कामयाबी हासिल की है।
16.7 करोड़ साल है पुराना
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन दिन की खुदाई के दौरान धरती के अंदर से इस खजाने को खोजने में कामयाबी मिली है। वैज्ञानिकों को धरती के अंदर जीवाश्म का भंडार मिला है और पता चला है कि यहां पर दसियों हज़ार जीवाश्म धरती के अंदर पाए गये हैं, जो ब्रिटेन में अब तक मिले सबसे महत्वपूर्ण जुरासिक स्थलों में से एक है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि ये जीवाश्म 167 मिलियन वर्ष यानि करीब 16.7 करोड़ साल पुराने हैं। कोरोनवायरस लॉकडाउन के दौरान पुराने रिसर्च पेपर्स का अध्ययन करने वाले दो हॉबी पेलियोन्टोलॉजिस्ट ने इस जगह के बारे में पता लगाया था।
वैज्ञानिकों के लिए अद्भुत खोज
धरती के अंदर मौजूद करोड़ों साल पुराने जीवाश्म को खोजने वाले वैज्ञानिकों ने इस खोज को अद्भुत बताया है। खोज करने वाले वैज्ञानिकों में से एक टिम ने बीबीसी को बताया कि उन्होंने गुगल मैप के जरिए इस स्थान का पता लगाया था और जब ब्रिटेन में लॉकडाउन हटा लिया गया था, उसके बाद वो इस जगह की खोज करने के लिए निकल गये थे। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि धरती के अंदर से जिन जीवों के जीवाश्म मिले हैं, उनकी मृत्यु करोड़ों साल पहले हो गई थी और वो पानी में रहने वाले जीव थे। उनमें से कई आज के स्टारफिश, सी क्यूकुंबर, सी अर्चन और सी लिजीज से जलीय जीवों के पूर्वज थे। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से ये सभी जीव धरती के अंदर दफ्न हो गये होंगे और इन सभी जीवों का जीवन एक साथ खत्म हो गया होगा।
क्या भूकंप में मारे गये थे सभी जीव?
वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि करोड़ों साल पहले हो सकता है धरती पर ऐसा विनाशकारी भूकंप आया हो, जिसने जानवरों के इस पूरे नस्ल को ही खत्म कर दिया हो। वैज्ञानिकों का मानना है कि विनाशकारी भूकंप की वजह से धरती फट गई होगी और सभी जीव धरती के अंदर दफ्न हो गये होंगे और उसी वजह से उन जीवों के जीवाश्म अभी तक धरती के अंदर सुरक्षित मिले हैं। गुप्त स्थल पर मौजूद पैलियोन्टोलॉजिस्ट टिम इविन ने बीबीसी को चट्टानों पर लिखी इस आपदा के बारे में बताया। वैज्ञानिक ने कहा कि, ''ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने आप को बचाने की काफी कोशिश की होगी''। उन्होंने कहा कि ''आप देख सकते हैं कि उनकी बाहें खुली हुई हैं और ऐसा लग रहा है कि उन्हें धरती के अंदर धकेल दिया गया होगा और फिर वो हमेशा के लिए सेडिमेंट के नीचे जिंदा दफ्न हो गये होंगे।''
जीवाश्म से मिलेगी कई जानकारियां
वैज्ञानिकों ने कहा कि ''अगर ये जीव सामान्य तरीके से मरे होते और फिर धीरे-धीरे धरती में दफ्न हो गये होते तो फिर इनका जीवाश्म बिल्कुल नहीं बचता''। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ''16.7 करोड़ साल पहले दुर्भाग्यवश इन जीवों की मिट्टी फटने से मौत हो गई थी और अब इनका दुर्लभ जीवाश्म मिलना वैज्ञानिकों और मानव इतिहास के लिए किसी खजाने से कम नहीं है।'' वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी तक यूनाइटेड किंगडम में खुदाई के दौरान जो भी खोज हुए हैं, निर्विवाद तौर पर सबसे महत्वपूर्ण खोज ये है''
लाखों जीव हैं धरती में दफ्न
इस खोज को अंजाम देने वाले वैज्ञानिक टिम और संग्रहालय के अन्य कर्मचारियों ने इस खोई हुई दुनिया को उजागर किया है और खुदाई के दौरान अविश्वसनीय संख्या में दुर्लभ जीवाश्म की तलाश की है। अब तक वैज्ञानिकों को एक हजार से ज्यादा जीवाश्म मिल चुके हैं और अनुमान है कि लाखों जीवाश्म धरती के नीचे दफ्न हैं। धरती के नीचे मिले ये जीवाश्म बिल्कुल एलियंस की तरफ दिख रहे हैं, लिहाजा वैज्ञानिकों ने इसे 'एलियंस का खजाना' करार दिया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक क्रिनोइड समुद्री जानवर होते हैं, जिनमें पंख लगे होंगे। इसके अलावा समुद्री लिली भी धरती के अंदर से मिले हैं। उनके जीवाश्म दुर्लभ हैं क्योंकि उनके कंकाल की प्लेटों को एक साथ रखने वाले नरम ऊतक मौत के बाद जल्दी से विघटित हो जाते हैं और शायद ही कभी जीवाश्म बन पाते हैं।
ये जुरासिक जीव कैसे दिखते थे?
खुदाई के दौरान धरती के अंदर से मिले जीवाश्म को ईचिनोडर्म कहा जाता है। इस समूह में समुद्री अर्चिन, स्टारफिश, क्रिनोइड्स, ब्रिटलस्टार, समुद्री खीरे और पंख वाले सितारे शामिल हैं। ये जानवर मध्य जुरासिक में तेजी से विकसित हो रहे थे और उनके वंशज आज भी धरती पर मौजूद हैं। वैज्ञानिक टिम कहते हैं, 'ये जीव इतने परिचित लगते हैं कि यह चौंका देने वाला है।'' ये जीवाश्म चूना पत्थर के खदान में मिले हैं और इनके हाथ खुले हुए हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये जीव अभी भी खौफनाक दिखते हैं और यकीनन उस वक्त ये काफी ज्यादा डरावने रहे होंगे। खासकर पानी में तैरने और फिर पंख के सहारे उड़ने वाले जीव। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये इनमें से कुछ जीव समुद्र के किनार भोजन की तलाश में उड़ान भी भरते होंगे और शिकार की तलाश करते होंगे। ये जीव धरती पर चलने में असमर्थ होने के कारण वो जमीन पर काफी तेजी से रेंगते होंगे और फिर शिकार करते होंगे।