सऊदी शाह ने कतरे विदेश मंत्री ज़ुबैर के पर, ओहदा घटा
जानकारी नहीं है. बाद में सऊदी अरब ने माना कि उनकी हत्या हो गई थी.
सऊदी अरब का कहना है कि इसमें शाही परिवार की कोई भूमिका नहीं थी. हत्या का आरोप 'बेकाबू अधिकारियों' पर लगाया गया.
इस मामले में आदिल जुबैर सऊदी अरब का पक्ष रख रहे थे. उन्होंने ख़ाशोज्जी मामले की कवरेज को लेकर पश्चिमी देशों की मीडिया पर 'उन्माद' फैलाने का आरोप भी लगाया था.
सऊदी अरब के शाह सलमान ने सरकार की जिम्मेदारियों में फेरबदल करते हुए विदेश मंत्री आदिल अल जुबैर का ओहदा घटा दिया है.
आदिल अल जुबैर को विदेश राज्यमंत्री बनाया गया है. उनकी जगह इब्राहिम अल आसफ को विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है.
इस फेरबदल को पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है.
पत्रकार ख़ाशोज्जी की सऊदी अरब के तुर्की में इस्तांबुल स्थित वाणिज्यिक दूतावास में बीते अक्टूबर में हत्या हो गई थी. उसके बाद से ही सऊदी अरब को लेकर दुनिया भर में मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ रहा है.
शाही परिवार के बचाव में जुटे थे जुबैर
खाशोज्जी सऊदी अरब के शासक परिवार ख़ासकर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आलोचक माने जाते थे.
ये माना जाता है कि सऊदी अरब की वास्तविक सत्ता क्राउन प्रिंस के ही हाथों में है. ख़ाशोज्जी वाशिंगटन पोस्ट के लिए आलेख लिखते थे. अपने कॉलम में वो क्राउन प्रिंस सलमान की आलोचना करते रहे थे.
ख़ाशोज्जी तीन अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में गए थे और उसके बाद से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी थी. शुरुआत में सऊदी अरब ने कहा था कि उसे ख़ाशोज्जी के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बाद में सऊदी अरब ने माना कि उनकी हत्या हो गई थी.
सऊदी अरब का कहना है कि इसमें शाही परिवार की कोई भूमिका नहीं थी. हत्या का आरोप 'बेकाबू अधिकारियों' पर लगाया गया.
इस मामले में आदिल जुबैर सऊदी अरब का पक्ष रख रहे थे. उन्होंने ख़ाशोज्जी मामले की कवरेज को लेकर पश्चिमी देशों की मीडिया पर 'उन्माद' फैलाने का आरोप भी लगाया था.
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कार्रवाई करते दिखना चाहता है सऊदी अरब
बीबीसी के सुरक्षा संवाददाता फ्रैंक गार्डनर का आकलन है कि ऐसा संभव नहीं लगता कि आदिल अल जुबैर को ख़ाशोज्जी की हत्या के बारे में कुछ भी पता नहीं हो. वाणिज्यक दूतावास उनकी जिम्मेदारी के अंदर ही आता है और ये अपराध भी दूतावास में ही हुआ.
इस मामले में कुछ होता दिखना चाहिए.
जुबैर को राज्यमंत्री बनाए जाने से निश्चित ही उनका ओहदा घटा है. उनकी जगह लाए गए इब्राहिम अल आसफ के पास अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का सीमित अनुभव है.
गार्डनर कहते हैं कि जुबैर विश्व पटल पर सऊदी अरब के दूत की तरह थे. वो सऊदी अरब के पहले अधिकारी थे जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर ये माना कि ख़ाशोज्जी की हत्या हुई है.
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