सऊदी अरब ने खैरात में भेजी चावल की बोरियां, पाकिस्तान में इमरान खान पर फूटा लोगों का गुस्सा
पाकिस्तान के पीएम 7 मई से 9 मई के बीच सऊदी अरब के दौरे पर थे। वापसी के वक्त सऊदी अरब ने इमरान खान को 19 हजार चावल की बोरियां दिए हैं। जिसके बाद पाकिस्तान में लोग इमरान खान को शर्म करने के लिए कह रहे हैं।
रियाद/इस्लामाबाद, मई 12: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तीन दिनों के दौरे पर सऊदी अरब गये थे और वहां से वापस पाकिस्तान आने पर अब इमरान खान कह रहे हैं कि उनका दौरा बेहद कामयाब रहा है। लेकिन, पाकिस्तान के अंदर इमरान खान की थू-थू हो रही है। लोग पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को जमकर कोस रहे हैं और इसके पीछे जो सबसे बड़ी वजह है, वो है चावल को बोरियां। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच कुछ समझौतों पर दस्तखत किए गये हैं, जिसमें सऊदी अरब ने आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को मदद देने की भी बात कही है लेकिन असली बवाल चावल की बोरियों को लेकर हो रहा है।
चावल की बोरियों पर बवाल
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री 7 मई से 9 मई के बीच सऊदी अरब के दौरे पर रहे और वापसी के वक्त सऊदी अरब ने इमरान खान को 19 हजार चावल की बोरियां भी दिए हैं। जिसके बाद पाकिस्तान में बवाल मच गया है और लोग इमरान खान को शर्म करने के लिए कह रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि अब पाकिस्तान की औकात खैरात में चावल और गेहूं लेने की ही रह गई है। सऊदी अरब से मिली इस जकात को लेकर पाकिस्तानी इमरान खान के खिलाफ काफी कड़ी प्रतिक्रिया दिखा रहे हैं। लोग इमरान खान को सबसे कमजोर और लाचार प्रधानमंत्री कह रहे हैं। वहीं, सऊदी अरब की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इमरान खान को जो जकात दिया है, उसे पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह और पंजाब में बांटा जाएगा। पाकिस्तान से आई रिपोर्ट के मुताबिक चावल की इन बोरियों से इन दोनों शहरों के एक लाख 14 हजार 192 लोगों को मदद मिलेगी।
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हर किसी के निशाने पर इमरान खान
पाकिस्तान सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक सऊदी अरब से मिले इस 440 टन चावल को पंजाब प्रांत के लाहौर, फैसलाबाद, खानेवाल, साहिवाल के साथ साथ खैबर पख्तूनख्वाह के कुछ जिलों में भी बांटे जाएंगे। सऊदी अरब से पाकिस्तान को मिली इस खैरात की खबर को पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने भी शेयर किया है। वहीं, कई पूर्व किस्तानी डिप्लोमेट इमरान खान को आड़े हाथ ले रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने बिना नाम लिए इमरान खान पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 'हाल के दिनों तक पाकिस्तान चावल का निर्यात करता था, दूसरे देशों को चावल सप्लाई करता था लेकिन ऐसी क्या वजह हो गई है कि पाकिस्तान को सऊदी अरब से खैरात के तौर पर चावल लेने की जरूरत पड़ी है। सऊदी अरब को उदारता दिखाने के लिए आभार, लेकिन इस वक्त पाकिस्तान को आत्ममंथन करने की जरूरत है।'
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कटघरे में इमरान खान की नीतियां
पाकिस्तान के डिप्लोमेट्स और जानकारों ने इमरान खान की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। अमेरिका में कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान की रिसर्च स्कॉलर मारवी सिरमद ने इमरान खान की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इमरान खान की नीतियों की वजह से पंबाज प्रांत के किसान काफी परेशान हैं। उन्हें चावल की पैदावार के लिए ना समय पर पानी मिलता है और ना ही किसानों को किसी तरह की कोई सब्सिडी दी जाती है। बिचौलिये किसानों से काफी ज्यादा फायदा उठाते हैं और किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में किसान अब थक चुके हैं और बड़ी संख्या में किसानों ने चावल की खेती करना ही बंद कर दिया है, जिसकी वजह से पाकिस्तान में चावल संकट पैदा होने लगा है।
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'भीख मांगते हैं इमरान खान'
वहीं, पाकिस्तान के मशहूर अर्थशास्त्री डॉ. कैसर बंगाली ने इमरान खान को भीख मांगने वाला शख्स करार दिया है। उन्होंने कहा कि इमरान खान गरीबी घटाने और विकास के नाम पर पिछले चार सालों से कभी अमेरिका के सामने, कभी चीन के सामने, कभी सऊदी अरब के सामने भीख मांगते रहते हैं और अब नौबत ये आ गई है कि हमें सऊदी अरब के सामने हाथ पसारकर कहना पड़ रहा है कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वाह के जरूरतमंदों के लिए चावल दे दो। क्या रावलपिंडी और इस्लामाबाद में थोड़ी सी भी शर्म बची है? वहीं, मारवी सिरमद ने कहा कि 'इस इलाके में सुगर इंडस्ट्री के लिए सरकार ने दूसरे किसानों को अलग थलग कर दिया। जिससे इस इलाके में दूसरी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। सरकार ने हार मान ली है।' वहीं, पाकिस्तान के कुछ लोगों ने सऊदी अरब से चावल मिलने पर हैरानी जताई है। कई पाकिस्तानियों ने पूछा है कि आखिर सऊदी अरब ने चावल उगाना कब से शुरू कर दिया है।
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काबा की यात्रा के दौरान हाथ हिलाया
पाकिस्तान के अंदर इमरान खान के काबा यात्रा को लेकर भी कटाक्ष किए जा रहे हैं। दरअसल, काबा यात्रा के दौरान वहां मौजूद श्रद्धालु हाथ उठाए हुए थे, जिसपर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी हाथ उठाकर अभिवादन करना शुरू कर दिया, लेकिन इमरान खान के साथ चल रहे एक अधिकारी ने उन्हें बताया कि लोग उनके स्वागत में हाथ नहीं हिला रहे हैं बल्कि काले पत्थर के लिए हाथ उठाए हुए हैं। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग पाकिस्तानी प्रधानमंत्री पर कटाक्ष कर रहे हैं।
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