मॉरीशस: हिंद महासागर में फैला हजारों टन तेल, सैटेलाइट इमेज देखने के बाद बड़ी तबाही की आशंका
पोर्ट लुईस। हिंद महासागर पर स्थित मॉरीशस कोरोना वायरस महामारी के बीच ही एक नई मुसीबत को झेल रहा है। यहां पर शनिवार को एक जहाज की वजह से समंदर में तेल लीक करने लगा है। शनिवार को जापान से आ रहा एक जहाज जिस पर 4000 टन तेल था वह हिंद महासागर में मूंगे की चट्टान से टकरा गया। इस घटना के बाद से ही कई टन ईधन समंदर में लीक हो गया है। इस घटना की जो नई सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, उसके बाद विशेषज्ञ कह रहे हैं एक नई तबाही दुनिया का इंतजार कर रही है।
Recommended Video
यह भी पढ़ें- बेरुत ब्लास्ट: Before-After की तस्वीरों में नजर आई तबाही
25 जुलाई को टकराया जापानी जहाज
जापान का जहाज एमवी वाकाशियो मॉरीशस के दक्षिण-पूर्व में था तभी यह चट्टानों से टकरा गया। अब तक करीब 1000 टन तेल समंदर में बह गया है। बाकी अभी तक जहाज पर ही है और 25 जुलाई को यह घटना हुई थी। लेकिन पिछले एक हफ्ते से इसकी तली पर एक क्रैक सा नजर आने लगा है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अगर अब और तेल जहाज से लीक हुआ तो फिर पर्यावरण पर काफी असर पड़ेगा और साथ ही मॉरीशस की अर्थव्यवस्था भी चौपट हो जाएगी। सैटेलाइट तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि एक पतली सी रेखा समंदर के किनारे पर है और सरकार इसे बहुत संवेदनशील करार दे रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों ने भी इसे लेकर ट्वीट किया और लिखा, 'अब समय लेने का समय है क्योंकि जैविक विविधता खतरे में आ गई है।'
पीएम बोले देश पर बढ़ा खतरा
कई दर्जन कछुओं और विशेष प्रकार के पौधों को द्वीप से हटा दिया गया है। जिस जगह पर हादसा हुआ है वहां पर आसपास रहने वाले लोगों और पर्यावरणविदों ने इस बात पर हैरानी जताई है कि आखिर अभी तक अथॉरिटीज ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया। मॉरीशस की वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन के साथ काम करने वाले जीन हगीस गार्डेने ने कहा है कि यह बहुत बड़ा सवाल है और समझ ही नहीं आ रहा है कि अभी तक कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया। उनका कहना है कि जो नुकसान होगा, उससे उबर पाना बहुत मुश्किल है। प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ की तरफ से इमरजेंसी घोषि कर दी गई है। उनका कहना है कि 13 लाख की आबादी वाले देश के लिए घटना ने कई खतरे पैदा कर दिए हैं।