राष्ट्रपति पद की दावेदार को पसंद है एक ऐसी भारतीय डिश कि कोई नहीं लगा पाया अंदाजा
वॉशिंगटन। भारतीय खाना, अब देश की सीमाओं से निकलकर अमेरिका और ब्रिटेन तक में अपनी पकड़ बना चुका है। अमेरिका में इस वर्ष होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में किस्मत आजमा रहीं सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन को भी एक भारतीय डिश काफी पसंद है। वॉरेन ने इस पसंदीदा डिश के बारे में भी बताया। मगर उन्होंने जिस तरह से इसकी व्याख्या की, उसके बाद कई लोग काफी कन्फ्यूज हो गए। किसी ने इसे बूंदी का रायता बताया तो किसी ने कहा इडली सांभर लेकिन ये इन दोनों में से ही कुछ नहीं था। कई लोगों ने सोचा कि ये या तो बटर चिकन होगा या फिर पनीर बटर मसाला होगा या फिर दाल मखनी होगा। संभावनाओं का कोई अंत नहीं था और लोग हैरान थे।
'आप दाल के साथ सर्व करते हैं'
वॉरेन इस समय राष्ट्रपति चुनावों के लिए कैंपेनिंग में बिजी हैं। वॉरेन और न्यूज वेबसाइट के बीच हुई बातचीत को कैंपेन रिपोर्टर जोहरीन शाह ने ट्वीट किया था। इसमें जोहरीन ने लिखा था, 'वॉरेन से उनके पसंदीदा भारतीय भोजन के बारे में पूछा गया था। इस पर उन्होंने जवाब दिया मुझे बड़ा टैपीओक पसंद है। और आप इसे दाल के साथ सर्व करते हैं।' वॉरेन का यह कहना था कि लोग कनफ्यूज हो गए और सोचने लगे कि आखिर वॉरेन कौन सी डिश के बारे में बात कर रही हैं। रिपोर्टर ने भी लोगों से अंदाजा लगाने को कहा था।
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लोगों को लगा इडली-सांभर की हो रही है बात
टैपीओक, साबुदाना होता है और इस वजह से ही लोग परेशान थे कि आखिर दाल के साथ इसे कैसे खाया जा सकता है। वॉशिंगटन पोस्ट के रिपोर्टर डेव वीगल ने ट्विटर पर लिखा, 'मुझे लगा था कि वह खीर की बात कर रही हैं मगर मैंने इसे कभी दाल के साथ नहीं खाया।' इसके बाद जोहरीन ने भी जवाब दिया कि वह भी जवाब सुनकर चौंक गई थीं। एक यूजर ने लिखा कि उन्हें लगा शायद एलिजाबेथ, इडली-सांभर की बात कर रही होंगी।
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कौन हैं वॉरेन
टाइम मैगजीन और सीएनएस के साथ जर्नलिस्ट रहे ऋषि अयंगर ने लिखा कि दाल के साथ साबूदाना खिचड़ी कौन खाता है। एक यूजर ने तो बूंदी का रायता तक जवाब के तौर पर बता डाला। एलिजाबेथ वॉरेन, डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से उम्मीदवारी के लिए किस्मत आजमा रही हैं। उन्होंने पहली बार साल 2012 में चुनाव लड़ा था और उस समय वह मैसाचुसेट्स से अमेरिकी सीनेट के लिए डेमोक्रेटिक सांसद के लिए पर चुनाव लड़ा था। वॉरेन ने रिपब्लिकन पार्टी के स्कॉट ब्राउन को हराया था।
कश्मीर पर सरकार की निंदा
वारेन पिछले दिनों आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में जारी पाबंदियों लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने भारत सरकार अपील की थी कि वह कश्मीर के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करे। 70 साल की वॉरेन ने ट्वीट किया था, 'अमेरिका-भारत साझेदारी की जड़ें सदैव हमारे साझे लोकतांत्रिक मूल्यों में समाहित रही हैं। मैं कश्मीर में पाबंदियों समेत हाल के घटनाक्रम को लेकर चिंतित हूं। लोगों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।' मैसाचुसेट्स की सीनेटर कश्मीर पर चिंता प्रकट करने वाली दूसरी प्रभावशाली अमेरिकी नेता हैं।