स्पेस में फटा रूसी रॉकेट, हुए 65 टुकड़े, जानें इसके कचरे से सैटेलाइट्स को क्या होगा बड़ा नुकसान ?
स्पेस में फटा रूसी रॉकेट, जानिए इसके टुकड़ों से हमारी सैटेलाइट्स को क्या बड़ा होगा नुकसान ?
नई दिल्ली। दुनिया भर की स्पेस एजेंसियां लंबे समय से इस प्रयास में जुटी हुई हैं कि किस तरह से धरती के ऊपर की कक्षा में मौजूद कचरे को साफ किया जाए। कैसे उन्हें कम किया जाए ताकि भविष्य के मिशन, सैटेलाइट्स और स्पेस स्टेशन को खतरा न हो। लेकिन इसी प्रयास के बीच अंतरिक्ष वैज्ञानियों के लिए एक बुरी खबर सामने आई हैं क्योंकि रुसी अंतरिक्ष एजेंसी के रॉकेट अंतरिक्ष में अचानक फट गया हैं और इसके फटने के बाद इससे निकला सारा कचरा पृथ्वी की कक्षा में फैल गया हैं।
2011 में अंतरिक्ष में इस उद्देश्य से की गई थी स्थापित
अंतरिक्ष में सैटलाइट लॉन्च करने वाला रुस का एक रॉकेट 9 साल के बाद अपनी कक्षा में टूट गया है। इसके दर्जनों टुकड़े मलबे के रूप में धरती पर आ गिरे हैं। बता दें फ्रीगैट-एसबी ऊपरी चरण के रॉकेट का इस्तेमाल 2011 में रूसी वैज्ञानिक उपग्रह स्पेकट्र-आर को कक्षा में पहुंचाने के लिए किया गया था। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस के ने बताया कि इस रुसी रॉकेट का नाम है फ्रीगेट-एसबी जिसने 2011 में रूसी सैटेलाइट स्पेक्टर-आर को अंतरिक्ष में स्थापित किया था। यह रूस का जासूसी सैटेलाइट थी। स्पेक्टर-आर एक रेडियो टेलिस्कोप था जिसे रूसी एजेंसी ने लॉन्च किया था, लेकिन पिछले साल इसने ग्राउंड कंट्रोल को सूचना देना बंद कर दिया था जिसके बाद मई 2019 में इस डेड घोषित कर दिया गया।
दर्जनों टुकड़े मलबे के रूप में धरती पर आ गिरे हैं
रॉसकॉसमॉस ने 8 मई को रॉकेट के टूटने की पुष्टि की है और यह हिंद महासागर में जाकर कहीं गिरा है। एजेंसी ने अपने बयान में बताया कि इस रुसी रॉकेट का ब्रेकडाउन हिंद महासागर के ऊपर 0500 और 0600GMT के बीच पिछली 8 मई को हुआ। रॉसकॉसमॉस ने बताया कि 8 मई को सुबह 10.30 से 11.30 बजे के बीच हिंद महासागर के ऊपर ये रॉकेट फटा है। US18 स्पेस कंट्रोल स्क्वाड्रन के मुताबिक इसके दर्जनों टुकड़े मलबे के रूप में धरती पर आ गिरे हैं
सैटेलाइट्स को क्या बड़ा होगा नुकसान?
रुसी रॉकेट फ्रीग्रेट के फटने की की सूचना पिछले शनिवार को 18 वें अमेरिकन स्पेस कंट्रोल स्क्वाड्रन के ट्विटर अकाउंट द्वारा दी गई। यह अमेरिकी एयरफोर्स इकाई है जो अंतरिक्ष पर एकत्र होने वाले अंतरिक्ष यान के मलबे को ट्रैक करती है। सूचना के अनुसार रुसी रॉकेट 65 टुकड़ों में टूट गया लेकिन ऐसे कोई संकेत नहीं मिल रहे कि ऐसा किस टक्कर के कारण हुआ। वहीं वैज्ञानिक ने बताया कि हम खंडों की मात्रा और कक्षा मापदंडों की पुष्टि करने के लिए डेटा एकत्र करने में जुट गए हैं। बता दें हम सब किसी न किसी सेटेलाइट पर निर्भर हैं वो चाहे टीवी देख रहे हो या वेदर रिपोर्ट देख रहे हो, मोबाइल नेटवर्क और जीपीएस नेविगेशन, फोन पर आप जो कॉल करते हैं वो किसी न किसी सैटेलाइट के भरोसे ही होता हैं। सीधी भाषा में समझे तो एक छोटा आर्ब्जेक्ट जो अपने से कहीं बड़े ऑब्जेक्ट के जारों तरफ अंतिरक्ष में चक्कर लगा रहा हैं उसे सैटेलाइटट कहा जाता हैं। इंसान ने चंद्रमा जैसे उपग्रह से प्रेरणा लेकर अपने खुद के सैटेलाइलट बना कर उन्हें पृथ्वी की कक्षा में छोड़ दिया हैं।
रॉकेट का कचरा धरती की कक्षा में तैर रहा है।
8 मई को हिंद महासागर के ऊपर रूसी रॉकेट फटे इस राकेट से निकले टुकड़ों से सैटेलाइट्स के लिए खतरा और बढ़ गया हैं। स्पेस कंट्रोल स्क्वाड्रन के अनुसार विघटित हुए रुसी रॉकेट का कचरा धरती की कक्षा में तैर रहा है। सैटेलाइट्स के लिए खतरनाक साबित हो सकते है विशेषज्ञों के अनुसार रॉकेट के ये टुकड़े सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ईएसए भी रूस के इस रॉकेट के कचरे को ट्रैक कर रही है। ताकि उनके सैटेलाइट्स को कोई खतरा न हो. अगर हो तो वो अपने सैटेलाइट्स की दिशा बदल सकें
जानें सैटेलाइलट पर कितना एकत्र हो चुका हैं ऐसा कचरा
यूरोपियन स्पेस एजेंसी ईएसए अगले पांच सालों में अंतरिक्ष के कचरे से अपने सैटेलाइट्स को बचाने की तकनीक पर 3271 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रही है। इनमें से एक मिशन ऐसा भी है जो सैटेलाइट्स अब काम नहीं करते उन्हें खींचकर सुदूर अंतरिक्ष में भेज देना या कक्षा से अलग कर देना शामिल हैं। यूरोपियन स्पेस एजेंसी के मुताबिक 1957 से अब तक 5450 रॉकेट अंतरिक्ष में छोड़े गए हैं। 8950 सैटेलाइट्स पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए गए थे। इनमें से 5000 अब भी अंतरिक्ष में हैं। 1950 अब भी काम कर रहे है। वैज्ञानिक धरती की कक्षा में अब तक 2.23 लाख कचरा ही गिन पाए है। 1957 से अब तक अंतरिक्ष में करीब इन कचरों की आपस में या किसी न किसी सैटेलाइट से 500 बार टक्कर हुई है, विस्फोट हुआ है या टूट हुई है।
Russian rocket disintegrated in Earth's orbit leaving behind 65 pieces of dangerous space debris https://t.co/vdJki218Uw
— Daily Mail Online (@MailOnline) May 11, 2020
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