फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम समुदाय में आक्रोश, UFC स्टार खबीब ने राष्ट्रपति की तस्वीर पर लगाया बूट प्रिंट
दुबई। पाकिस्तान, लेबनान से लेकर फलस्तीनी क्षेत्र समेत कई अन्य जगहों पर हजारों मुसलमान फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि फ्रांस के राष्ट्रपति ने पैगंबर के कार्टून छापने के संबंध में अभिव्यक्ति के अधिकार की रक्षा का संकल्प लिया है जिसके बाद से मुस्लिम जगत में उबाल आ गया है। इसी संबंध में दुनिया के सबसे लोकप्रिय मुस्लिम एथलीटों में से एक और हाल ही में रिटायरमेंट लिए मिक्स्ड मार्शल आर्ट चैंपियन खबीब नूरमगोमेदोव ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों को लताड़ा है।
32 वर्षीय दिग्गज एथलीट ने मैक्रोन के चेहरे पर बूट प्रिंट की एक तस्वीर साझा की है। इस तस्वीर पर उन्होंने कड़ा कैप्शन भी दिया है जो अब वायरल हो गया है। तस्वीर पोस्ट होते ही इसपर 3.1 मिलियन लाइक्स आ गए। खबीन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर तस्वीर साझा की और लिखा, "अल्लाह इस प्राणी के चेहरे और उसके सभी अनुयायियों को, जो बोलने की स्वतंत्रता के नारे के तहत, डेढ़ अरब से अधिक मुस्लिम विश्वासियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है को दूर कर सकता है। अल्लाह उन्हें अगले जन्म में अपमानित जरूर करेंगे। उन्होंने आगे लिखा कि अल्लाह की गिनती तेज है और वो सब देख रहे हैं।
शुक्रवार को मॉस्को में फ्रांसीसी दूतावास के बाहर एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों द्वारा फ्रांसीसी नेता की तस्वीरें जलाए जाने के बाद, नूरमगोमेदोव ने सूरह अल-अहज़ाब 57 को पवित्र कुरान साझा किया जिसमें लिखा था, "निश्चित रूप से अल्लाह और उसके रसूल, अल्लाह को चोट पहुँचाने वाले को श्राप देंगे।
राष्ट्रपति मैक्रों के बयान पर मुंबई में भी बवाल
इमैन्युअल मैक्रों के धर्म विशेष के खिलाफ दिए गए बयान के बाद मुस्लिम समुदाय में आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसके बाद भारत में भी विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। मुंबई में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नागपाड़ा और भिंडी बाजार में फ्रांस के राष्ट्रपति की तस्वीर सड़क पर चिपका कर प्रदर्शन किया। भिंडी बाजार इलाके में सड़कों पर राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों की तस्वीरें लगाई गईं जिसपर से गाड़ियां गुजर रही थीं और लोग तस्वीरों पर पैर रखकर आगे निकल रहे थे। आपको बता दें कि इमैन्युअल मैक्रों ने मुस्लिम समुदाय को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिससे आज पूरी दुनिया में संकट है। उनके इस बयान के बाद दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फ्रांस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।