रूस में प्राइमरी स्कूल के बच्चों को युद्ध की ट्रेनिंग, हाथों में दिए गये 'हथियार', वतन पर मरने की खिलाई गई कसम
रिपोर्ट के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बेहद करीबी सुरक्षा अधिकारी के कहने पर बच्चों के इस परेड का आयोजन किया गया था।
मॉस्को, मई 16: रूस के प्राइमरी स्कूलों से ऐसी तस्वीरें निकलकर सामने आई हैं जो हैरान करने के लिए काफी है। रूस अपने प्राइमरी स्कूल के छोटे छोटे बच्चों को युद्ध के गीत गाना सिखा रहा हैं तो उनके हाथों में खिलौने वाले हथियार थमा रहा है। रूस के प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने एक परेड निकाली है, जिसमें उनके हाथों में नकली हथियार दिए गये और बच्चों से युद्ध गववाए गये। परेड में हिस्सा लेने वाले छोटे छोटे बच्चे प्लास्टिक के मशीन गन लिए युद्ध के गीत गाते देखे गये हैं।
'दुश्मनों को माफी नहीं'
प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले 9 साल के बच्चों को रूस अभी से युद्द की ट्रेनिंग दे रहा है। रूस के प्राइमरी स्कूलों में 8 या 9 साल के बच्चे हाथों में खिलौने वाले मशीन गन लेकर 'दुश्मन को कभी माफी नहीं' जैसे गीत गाते हैं। रूस की राजधानी मॉस्को से 36 किलोमीटर दूर ऑद्यौगिक क्षेत्र इलेक्ट्रोस्ट्रल में यह परेड निकाली गई है। इस परेड में रूस के छोटे छोटे स्कूली बच्चे मिलिट्री ड्रेस में थे। रिपोर्ट के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बेहद करीबी सुरक्षा अधिकारी के कहने पर बच्चों के इस परेड का आयोजन किया गया था। रूस ने अपने छोटे छोटे बच्चों से ऐसे वक्त में परेड निकलवाई है, जब कोल्ड वार खत्म होने के बाद फिर से रूस और पश्चिमी देशों के बीच संबंध बेहद खराब चल रहे हैं। (स्क्रीनशॉट)
बच्चों के हाथ में हथियार
रूस से निकलकर सामने आई कई वीडियो फूटेज में दिख रहा है कि 9 साल के बच्चे परेड में शामिल हैं युद्ध के गीत गा रहे हैं। वहीं, इस परेड को देखने के लिए बच्चों के माता-पिता भी मौजूद थे। वहीं दूसरे वीडियो फूटेज में दिख रहा है कि 7 साल 16 साल के बच्चे, जिन्हें मिलिट्री ड्रेस पहनाया गया है वो परेड में शामिल हैं और युद्ध के गीत गा रहे हैं। स्कूली बच्चे युद्ध का गीत गाते हुए कहते हैं कि 'हम रूस के रहने वाले हैं और भगवान हमारे साथ हैं। हम रूस के रहने वाले हैं और रूसी कभी हार नहीं मानते हैं'। बच्चों के इस युद्ध गीत में एक लाइन ये भी शामिल था 'तुम्हारे दुश्मनों के लिए माफी की कोई जगह नहीं है और हम आखिरी सांस भी धरती के लिए कुर्बान कर देंगे।' रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों को खिलौने वाले हथियारों के साथ ट्रेनिंग के साथ तस्वीरें उस वक्त सामने आई हैं, जब क्रेमलिन के सिक्योरिटी चीफ ने रूस की यूथ आर्मी में नौ-जवानों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ाने के निर्देश दिए थे। रूस में यूथ आर्मी का गठन साल 2015 में किया गया था, जिसमें अब तक आठ लाख से ज्यादा युवाओं की भर्ती हो चुकी है। वहीं, आलोचकों ने आरोप लगाया है कि यंग आर्मी कैडेट्स नेशनल मूवमेंट, जिसे युनार्मिया नाम दिया गया है, वो हिटलर के नाजी जर्मनी की याद दिलाता है। इसके साथ ही आलोचकों ने रूस पर सैन्य क्षमताओं में काफी तेजी से विकास करने का भी आरोप लगाया है।
देशप्रेम की भावना
क्रेमलिन के सिक्योरिटी हेड पत्रुशेव, जो एक वक्ते एफएसबी सिक्योरिटी फोर्स का नेतृत्व कर चुके हैं, उन्होंने रूस के अलग अलग हिस्सों में युवाओं के लिए अलग अलग मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर खोलने का आदेश दिया है, ताकि बच्चों में देशप्रेम की भावना बढ़ाई जा सके और उन्हें रूस के प्रति निष्ठावान और देशभक्त बनाया जा सके। इसके पिछे उन्होंने तर्क दिया है कि 'इन तरीकों से चमरपंथी ताकतों के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी और पश्चिमी देशों की सभ्यता से छुटकारा मिलेगा'। वहीं, रूस में बच्चों द्वारा निकाली गई इस मिलिट्री रैली को लेकर काफी आलोचना हो रही। साइकोलॉजिस्ट एलेना कुज़नेत्सोवा ने कहा कि 'बच्चों के बीच युद्ध की भावना को विकसित किया जा रहा है'। उन्होंने कहा कि 'छोटी उम्र के बच्चों को मिलिट्री ड्रेस पहनाना पूरी तरह से गलत है और आयोजनकर्ताओं ने बच्चों के मन में युद्ध अच्छा है, जैसी भावना भरने का काम किया है'। उन्होंने कहा कि 'बच्चों के लिए जिंदगी और नई उम्मीदों वाली ड्रेस होनी चाहिए ना कि मौत की तरफ ले जाने वाली ड्रेस उन्हें पहनाई जाए'।
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