रूस: पुतिन के ख़िलाफ़ नवेलनी की लड़ाई में शामिल ये महिलाएं कौन हैं?
पुरुष प्रधान रूसी राजनीति में विपक्ष के नेता एलेक्सी नवेलनी के साथ कई महिलाएं भी खड़ी हैं. इसे एक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है.
पुरुष प्रधान रूसी राजनीति में विपक्ष के नेता एलेक्सी नवेलनी के साथ कई महिलाएं भी खड़ी हैं. इसे एक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है.
पुलिस कार्रवाई के बावजूद ये महिलाएं नवेलनी के भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई में अहम भूमिका निभा रही हैं. नवेलनी एंटी करप्शन फाउंडेशन (एफबीके) के बैनर तले सितंबर में होने वाले संसदीय चुनाव की तैयारी में जुटे हैं और इसमें इन महिलाओं की भूमिका भी अहम होने वाली है.
पुरुषों के प्रभुत्व वाले रूस की संसद में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के समर्थकों का दबदबा है. रूस की संसद के निचले सदन डूमा में केवल 16 प्रतिशत महिलाएं हैं जबकि उच्च सदन फेडरल काउंसिल में 17 प्रतिशत महिलाएं हैं.
नवेलनी की टीम में अहम भूमिका में लेयोनेड वोल्कोव और एंटी करप्शन फाउंडेशन के निदेशक इवान जहदानोव के रूप में पुरुष ही हैं लेकिन कई महिलाएं भी अहम ज़िम्मेदारी निभा रही हैं और रूस में बदलाव लाने की कोशिशों में जुटी हैं.
यूलिया नावालेनाया
यूलिया, एलेक्सी नवेलनी की पत्नी हैं. दोनों की शादी 2000 में हुई थी. यूलिया के मुताबिक अब उनकी ज़िंदगी पुलिस स्टेशन, अदालत और घरों में तलाशी तक सिमट गई है.
दोनों हमउम्र हैं यानी दोनों की उम्र 44 साल है. दोनों की पहली मुलाकात 1998 में तुर्की में छुट्टियां मनाने के दौरान हुई थीं. दोनों मास्को के एक फ्लैट में रह रहे थे. शादी के बाद अधिकांश समय यूलिया ने घरेलू महिला के तौर पर बिताया है, इस दौरान उनका ध्यान बेटी डारया और बेटे ज़ाखर को लालन पालन पर था. बेटी अब अमेरिका में पढ़ रही है.
यूलिया ने इससे पहले मास्को यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन में पढ़ाई पूरी करने के बाद एक बैंक में काम कर चुकी हैं. उनके बारे में कहा जा रहा है कि सरकारी निगरानी और मीडिया स्पॉटलाइट से दूर फ़िलहाल वह जर्मनी में रह रही हैं.
यूलिया दो फरवरी को अदालत में लाल रंग का टॉप पहनकर पहुंची थी, इस दिन उनके पति को दो साल और आठ महीने के कैद की सज़ा सुनाई गई थी. यूलिया के समर्थन में रूस की महिलाओं ने लाल रंग के कपड़े पहनकर तस्वीरें खिंचवाकर उसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया. इस चलन को फैशन पत्रकार कात्या फेडोरोवा ने शुरू किया था.
इन तस्वीरों वाले पोस्ट में महिलाओं ने हैशटैग उस कथन को बनाया जो नवेलनी ने उस दिन यूलिया से कहा था, "उदास मत हो, सबकुछ ठीक हो जाएगा."
नवेलनी को पिछले साल अगस्त में नर्व एजेंटों ने ज़हर दिया था, इस हमले का आरोप रूस की सरकार पर लगा लेकिन सरकार ने इसमें किसी तरह की संलिप्ता से इनकार किया था. हालांकि इस हादसे के बाद से यूलिया की राजनीतिक भूमिका बढ़ गई है. 31 जनवरी को पति के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए यूलिया पर 20 हज़ार यानी करीब 270 डॉलर का जुर्माना लगाया गया. वह अपने पति के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का पूरा समर्थन कर रही हैं.
यूलिया ने कहा है कि पिछले साल अगस्त में सर्बियाई अस्पताल में इलाज करा रहे एलेक्सी को एयरलिफ्ट करके बर्लिन लाने का फ़ैसला उन्होंने लिया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर एलेक्सी नवेलनी रूस में रहते तो उनकी बीमारी की असली वजह का पता चल पाना असंभव होता. वेस्टर्न टेक्नॉलाजिस्ट्स ने नवेलनी को दिए गए ज़हर की पहचान नोविचोक नर्व एजेंट के तौर पर की थी.
नावेलनी ने यूट्यूबर इंटरव्यूर यूरी डड से बातचीत में बताया कि बुरे सपनों से उबरने में यूलिया ने उनकी काफ़ी मदद की. उन्होंने कहा, "मैं समझ सकता हूं कि वह यूलिया ही थी जो आकर मेरे तकिए सही करती थी. मैं हर वक्त उसका इंतज़ार किया करता था."
ल्यूबोव सोबोल
33 साल की वकील सोबोल नवेलनी की टीम सबसे चर्चित चेहरा हैं. इन दिनों वे अपने घर में कैद का सामना कर रही हैं. सोबोल और नवेलनी के कई दूसरे समर्थकों को कोविड-19 के प्रावधानों के कथित उल्लंघन करके रैली करने के आरोप में हिरासत में रखा जा रहा है.
इन्होंने नवेलनी लाइव यूट्यूब चैनल की शुरुआत करके कथित तौर पर अधिकारिक भ्रष्टाचार को लाखों लोगों के सामने पेश किया था. एक्टिविस्ट के तौर पर उनके करियर में अब तक की सबसे अहम बात अगस्त 2019 में तब हुई जब उन्होंने अपना एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह मास्को चुनाव समिति की इमारत से सोफे सहित अधिकारी उन्हें बाहर कर रहे थे.
मास्को सिटी एसेंबली चुनाव में कुछ अन्य स्वतंत्र उम्मीदवार सहित खुद को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलने पर वह वहां एक महीने के भूख हड़ताल पर बैठी थीं.
सोबोल अब सितंबर में होने वाले रूसी संसदीय चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. उन्होंने नवेलनी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में वकील के तौर पर 2011 से काम करना शुरू किया था. 2014 में उन्होंने बेटी मिरोस्लावा को जन्म दिया. उनके मुताबिक उनके अभियानों के चलते ही 2016 में उनके पति पर हमला हुआ था. हमलावरों ने उनके पांव में केमिकल की सिरींज लगा दी थी जिसके बाद उनके पति बीमार हो गए थे लेकिन अब वे ठीक हो चुके हैं.
सोबोल के भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों के चलते उन पर ढेरों मामले भी चल रहे हैं. सोबोल और नवेलनी पर कैटरिंग टायकून येवगेने प्रिगोहिन ने भी मुकदमा किया था, येवगेने को पुतिन से नज़दीकी के चलते पुतिन का शेफ भी कहा जाता है. इस मुक़दमे में सोबोल और नवेलनी को भारी भरकम हर्जाना भरने को भी कहा गया था.
अनास्तासिया वासिलेइवा
इस डॉक्टर की निडरता ने उन्हें इसी महीने अंतरराष्ट्रीय स्तर का सेलिब्रेटी बना दिया जब सोशल मीडिया पर पियानो बजाती उनकी एक तस्वीर वायरल हो गई थी. वह बीथोवन का संगीत बजा रही थीं जब पुलिस उनके फ्लैट की तलाशी ले रही थीं.
36 साल की डॉक्टर वासिलेइवा नवेलनी का सहयोग कर रही मेडिकल ट्रेड यूनियन एलायंस ऑफ़ डॉक्टर्स की प्रमुख हैं. वह खुद आंखों की डॉक्टर हैं. इन्होंने नवेलनी का 2017 में तब इलाज किया था जब उन पर कसैला हरा रंग फेंका गया था जिससे उनकी आंखों को नुकसान पुहंचा था. नवेलनी का समर्थन करने वाली रैली में शामिल होने के चलते उन्हें भी हाउस अरेस्ट में रहना पड़ रहा है.
वासिलेइवा का एक बेटा और एक बेटी है. मास्को टाइम्स को अप्रैल में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण में सरकार की ओर से उठाए गए क़दमों की काफ़ी आलोचना की थी.
उन्होंने अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर सोशल मीडिया के ज़रिए फंड जमा किया और उससे चिकित्साकर्मियों को तत्काल सुरक्षात्मक किट्स मुहैया कराए. उन्होंने अपील की थी कि कोविड की जांच की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए.
इनकी मां भी आंखों की चिकित्सक थीं. अनास्तासिया के मुताबिक उनकी मां की बर्ख़ास्तगी ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया. नवेलनी की क़ानूनी टीम की मदद से उनकी मां की बर्ख़ास्तगी रद्द हुई. उन्होंने बताया, "अगर देश की मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था में क्या कुछ चल रहा है, इसे देखने के बाद राजनीतिक नहीं हो पाना मुश्किल है."
कायरा यारमेयश
31 साल की कायरा इन दिनों अपने घर में ही कैद हैं. वह 2014 से ही नवेलनी की प्रवक्ता हैं. नवेलनी जब भी यात्रा करते हैं तब वह उनके साथ मौजूद होती हैं. साइबेरिया में जब वे फ्लाइट में गिर गए थे तब कायरा उनके साथ मौजूद थीं.
कायरा का एकैडमिक रिकॉर्ड काफी प्रभावी रहा है.
प्रतिभाशाली बच्चों का एक टीवी टैलैंट शो जीतने के बाद उन्हें प्रतिष्ठित मास्को इंटरनेशनल रिलेशन इंस्टीट्यूट एमजीआईएमओ में दाख़िला मिला था. वहां से उन्होंने जर्नलिज्म में पढ़ाई पूरी की.
कायरा ने भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के चलते अपनी गिरफ़्तारी के बाद एक युवा महिला के जेल के अनुभवों पर इनक्रेडिबल इंसीडेंट्स इन वीमेंस सेल नंबर 3 नाम से एक उपन्यास लिखा है. वह नवेलनी के यूट्यूब चैनल पर कई वीडियो को होस्ट कर चुकी हैं.
ओल्गा मिखाइलोवा
पेशे से वकील ओल्गा लंबे समय से अदालत में नवेलनी का बचाव करती आयी हैं. ओल्गा ने ही 2017 में यूरोपीय मानवाधिकार अदालत में जीत हासिल की थी जिसके बाद रूसी अदालत के उसे फ़ैसले को निरस्त किया गया था जिसमें नवेलनी और उनके भाई ओलेग को योव्स रोचर केस में धोखाधड़ी और पैसों के हेरफेर के आरोप में सज़ा सुनाई गई थी.
इस सज़ा को मानवाधिकार अदालत ने मनमाना और अनुचित क़रार दिया था. यूरोपीय मानवाधिकार अदालत के फ़ैसले के चलते रूसी न्याय व्यवस्था को मुआवजा के तौर पर नवेलनी को हज़ारों डॉलर देने पड़े थे. हालांकि इसी जनवरी में बर्लिन से मास्को लौटने के बाद निलंबित सज़ा का इस्तेमाल नवेलनी को हिरासत लेने के लिए किया गया है.
इसके बाद ओल्गा ने एखो मास्कोवी रेडियो से कहा कि पुलिस स्टेशन में अदालती सुनवाई एक ख़तरनाक क़दम है, क्योंकि पुलिस और न्यायपालिका को एक दूसरे से अलग होना चाहिए. जनवरी में नवेलनी के मामले में ऐसा ही किया गया था.
ओल्गा यूरोपीय मानवाधिकार अदालत और यूरोप में मानवाधिकार की सबसे बड़ी संस्था यूरोपीय परिषद में नवेलनी की लड़ाई को जारी रखने की योजना बना चुकी हैं.