रूस ने दी चेतावनी, शीत युद्ध के दौर की परमाणु संधि को खत्म करना होगा एक खतरनाक कदम
मॉस्को। रूस ने चेतावनी दी है कि अमेरिका का परमाणु हथियार संधि से बाहर होना एक खतरनाक कदम हो सकता है। शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि वह रूस के साथ शीत युद्ध के दौरान रूस के साथ हुई परमाणु हथियार डील से अमेरिका को बाहर कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद रूस के उप-विदेश मंत्री की ओर से अमेरिका को चेतावनी देने वाले लहजे में एक बयान जारी किया गया है। रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने नेशनल न्यूज एजेंसी तास के साथ बातचीत में कहा, 'यह बहुत ही खतरनाक कदम होगा। मैं इस बात को लेकन निश्चित हूं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे समझती है और इसे मानने से इनकार भी कर देगी।'
परमाणु हथियारों के लिए अहम है यह समझौता
रयाबकोव ने कहा कि यह समझौता अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है और साथ ही परमाणु हथियारों के क्षेत्र में और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी इस समझौते की खासी अहमियत है। रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति के ऐलान की निंदा की है और कहा है कि इस तरह की बातों से अमेरिका सिर्फ ब्लैकमेल करके फायदा उठाना चाहता है। उन्होंने एक और न्यूज एजेंसी रिया नोवोस्ती के साथ बातचीत में कहा कि अगर अमेरिका इसी भद्दे और गलत तरीके से काम करता रहा और अंतरराष्ट्रीय समझौतों से एकतरफा तरीका अपनाता रहा तो फिर हमारे पास भी कोई और विकल्प नहीं बचेगा। उनका कहना था कि रूस के पास मिलिट्री टेक्नोलॉजी समेत कुछ और तरीकों से इस तरह के ऐलान पर प्रतिक्रिया देने का विकल्प खुला हुआ है। हालांकि अभी इस स्तर पर ऐसे तरीकों का प्रयोग करने से उन्होंने साफ इनकार कर दिया।
क्या कहा था डोनाल्ड ट्रंप ने
डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अमेरिका तीन दशक पुरानी परमाणु संधि को छोड़ सकता है। इस संधि को साल 1987 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल में साइन किया गया था। ट्रंप का कहना था कि अमेरिका ने हमेशा इस समझौते का सम्मान किया है लेकिन रूस ने दुर्भाग्य से इस संधि को हमेशा अपमानित किया है। ऐसे में हम इस संधि को खत्म करने जा रहे हैं और इससे बाहर हो रहे हैं। हालांकि रूस के उप-विदेश मंत्री ने ट्रंप के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और अमेरिका पर इस तरह के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि रूस ने कभी किसी संधि का अपमान नहीं किया है बल्कि हमेशा सख्त तौर पर इसका पालन किया है।