रूस-यूक्रेन युद्ध: क्या रही क्रिसमस सीज़फ़ायर की हक़ीक़त?
गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 36 घंटे के एकतरफ़ा युद्धविराम का एलान किया था. सीज़फ़ायर कैसे लागू किया गया और उसका हासिल क्या रहा.
यूक्रेन में कोस्त्यांतिनिवका से बख़मूत तक का सफ़र किसी सभ्यता के पतन होने जैसा है. यहां फ़ायर करते टैंक के धमाकों से पता चलता है कि आप यूक्रेन के पूर्वी डोनबास इलाक़े के संघर्षरत क्षेत्र के सबसे सक्रिय इलाक़े के पास पहुंच गए हैं.
इससे यह भी पता चलता है कि रूस की ओर से घोषित 36 घंटे का युद्ध विराम केवल नाम भर का रहा.
इस बारे में यूक्रेन के एक सैनिक एलेक्ज़ेंडर कहते हैं, "उन्होंने वादा किया था कि ऐसा होगा, लेकिन हम इसे देख या महसूस नहीं कर पा रहे हैं."
तोपों के लगातार सुनाई पड़ रहे धमाकों ने उनकी बात की पुष्टि कर दी. हम जहां से रिपोर्टिंग कर रहे थे, वहां से केवल 50 मीटर दूर तोप का एक गोला आकर गिरता है. लगभग बर्बाद हो चुके मुख्य चौराहे पर खड़ा मैं उछल पड़ता हूं.
एलेक्ज़ेंडर कहते हैं, "ये सब किस लिए?" उनका सवाल बिल्कुल उचित था. वो कहते हैं, "सब कुछ बर्बाद हो रहा है. आम लोग मारे जा रहे हैं, सैनिक मर रहे हैं. हमारे लोग मर रहे हैं."
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कैसे मना क्रिसमस का त्योहार
रूस की सेना इस शहर के पूर्वी छोर से क़रीब एक ही मील दूर है. उन्होंने बख़मूत पर नियंत्रण पाने के लिए यूक्रेन की सेना को और पश्चिम की ओर धकेलने की कोशिश में अपना सब कुछ झोंक दिया. लेकिन इस शहर पर उनका क़ब्ज़ा नहीं हो सका.
बीते गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्धविराम का एलान किया. इस एलान में उन्होंने कहा कि इस दौरान उनके सैनिक केवल निरीक्षण करेंगे.
उनके अनुसार, ये युद्धविराम शुक्रवार की दोपहर से शनिवार आधी रात तक लागू रहना था. उन्होंने दावा किया कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि ऑर्थोडॉक्स ईसाई क्रिसमस के त्योहार का जश्न मना सकें.
हालांकि उनके इस एलान को यूक्रेन ने तुरंत ही ख़ारिज कर दिया.
गिरी पत्तियों को कूड़ेदान में फेंकते हुए वहां के एक नागरिक सर्गेई ने मुझे ग़लत साबित करते हुए कहा, ''आप अपने दुश्मन के लिए भी ऐसा नहीं चाहेंगे. हालांकि हमने हमेशा की तरह क्रिसमस मनाया.''
"हमारे पास क्रिसमस ट्री और सजावट का सामान था, पर यह सब तहखाने में करना पड़ा."
सैनिकों के अलावा आप इस शहर में किसी आम आदमी से मिलने की उम्मीद नहीं कर सकते. 50 हज़ार की मूल आबादी वाले इस शहर में अब केवल दो हज़ार लोग ही बचे हैं.
सेना की गाड़ियां यहां के बर्फ़ीले रास्तों पर तेज़ी से चल रही हैं. हम पांच मिनट से ज़्यादा समय किसी एक जगह पर नहीं रह सकते. अन्यथा गोलाबारी के शिकार बनने का ख़तरा होता है.
गोलाबारी के और तेज़ होने का अनुमान लगाना कठिन है. हालांकि सर्गेई दावा करते हैं कि अभी यहां के हालात पहले से शांत हैं.
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युद्ध विराम का हासिल क्या रहा
वो कहते हैं, "क्या आप गिर चुकी उस छत को देख रहे हैं? वहां धमाका बड़ा ज़ोरदार था. बस डिपो पर जब हमला हुआ, तो वो भी ज़ोरदार था. जब इस लैंप पोस्ट को निशाना बनाया गया तो तेज़ आवाज़ हुई. इसलिए अभी का माहौल शांत है."
युद्धविराम की रूसी राष्ट्रपति पुतिन की घोषणा अहम थी. पिछले साल फ़रवरी में लड़ाई शुरू होने के बाद ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी भी पक्ष ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया.
हालांकि, युद्ध के लिहाज से पूर्वी यूक्रेन कोई अजनबी नहीं है. 2014 में अलगाववादियों का समर्थन करने के वक़्त से रूस यहां लड़ रहा है.
इन कुछ सालों के दौरान संघर्ष विराम के प्रयास पहले भी हुए, लेकिन ज़्यादातर विफल हो गए. ऐसे में बख़मूत के कुछ ही लोगों को ताज़ा युद्ध विराम के दौरान किसी राहत की कोई उम्मीद रही है.
(इस रिपोर्टिंग में सियोभान लेही, हैना चॉर्नस, पॉल फ़्रांसिस और आर्टेम बिलोव का भी सहयोग रहा.)
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