क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

इंटरपोल के चुनाव में दक्षिण कोरिया से हारा रूस

हालांकि यह पूरी तस्वीर नहीं है क्योंकि हर एक देश इन सूचनाओं को अपने क़ानून के अनुसार रोक सकता है. वैसे जो आंकड़े बीबीसी रिएलिटी चेक टीम को मिले हैं वो दर्शाते हैं कि पिछले एक दशक में रेड नोटिस भेजने की तादाद बढ़ी है.

फेयर ट्रायल संगठन द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2006 में इंटरपोल ने तीन हज़ार से कम नोटिस जारी किए थे. लेकिन यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता गया है जो साल 2017 में बढ़कर 13 हज़ार तक पहुंच गया.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

दुनियाभर की पुलिस संस्थाओं के संगठन इंटरपोल के नए प्रमुख का चुनाव हो गया है. दक्षिण कोरियाई नागरिक किम जोंग-यैंग को इस पद के लिए चुना गया है.

किम ने रूस के एलेक्जेंडर प्रोकोपचुक को मात दी. एलेक्जेंडर इंटरपोल के प्रमुख पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे थे. उन पर आरोप हैं कि उन्होंने रूस की आलोचना करने वालों के ख़िलाफ़ इंटरपोल के अरेस्ट वॉरंट का इस्तेमाल किया है.

रूस ने इन नतीजों पर नाराजगी जताई है और कहा है कि वोटिंग के दौरान बहुत अधिक हस्तक्षेप हुआ.

इसी साल सितंबर महीने में इंटरपोल के पूर्व प्रमुख मेंग होंगवेई अपनी चीन यात्रा के दौरान लापता हो गए थे. बाद में चीन ने इस बात की पुष्टि की थी कि होंगवेई उनके कब्ज़े में हैं और उन पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं जिसकी जांच की जा रही है.

https://twitter.com/INTERPOL_HQ/status/1065140054400614405?ref_src=twsrc^tfw

कौन हैं किम जोंग-यैंग?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 57 साल के किम को इंटरपोल की आमसभा में 101 में से 61 मत प्राप्त हुए. इंटरपोल ने उनकी जीत की पुष्टि की है.

किम दक्षिण कोरिया में पुलिस अफ़सर रह चुके हैं और एक बार दक्षिण कोरिया के सबसे अधिक आबादी वाले इलाक़े गियॉन्गी के पुलिस प्रमुख भी रह चुके हैं.

इससे पहले वह इंटरपोल के उप-प्रमुख थे और मेंग होंगवेई की गुमशुदगी के बाद से इंटरपोल के कार्यवाहक प्रमुख के तौर पर काम संभाल रहे थे. वे मेंग होंगवेई के कार्यकाल के बचे हुए दो साल तक इस पद पर बने रहेंगे.

हालांकि इस पद पर उनका रहना एक तरह से महज़ रस्मअदायगी भर ही माना जाएगा, क्योंकि इंटरपोल के रोजाना के काम की ज़िम्मेदारी महासचिव जरगेन स्टॉक के हाथों में रहेगी.

चुनाव के बाद किम ने कहा, ''मौजूदा वक़्त में दुनिया के सामने आम जनता की सुरक्षा से जुड़ी कई नई चुनौतियां हैं. इन चुनौतियों से पार पाने के लिए हमें स्पष्ट नज़रिए की ज़रूरत है. हमें भविष्य के लिए भी योजनाएं बनानी होंगी.''

इंटरपोल के पूर्व प्रमुख मेंग होंगवेई
EPA
इंटरपोल के पूर्व प्रमुख मेंग होंगवेई

कौन हैं एलेक्ज़ेंडर प्रोकोप्चुक?

प्रोकोप्चुक रूस के जनरल हैं और उन्होंने कई साल तक रूस के गृह मंत्रालय में काम किया है.

जब वे मॉस्को में इंटरपोल के ब्यूरो चीफ़ थे तब उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने इंटरपोल के अंतरराष्ट्रीय अरेस्ट वॉरंट जिसे इंटरपोल की भाषा में 'रेड नोटिस सिस्टम' कहा जाता है, उसका ग़लत इस्तेमाल किया था और इसके ज़रिए उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचकों को निशाना बनाया था.

हालांकि वो इंटरपोल के चार उप प्रमुखों में से एक रहे और उन पर लगा कोई भी आरोप साबित नहीं हो सका.

मॉस्को का कहना था कि प्रोकोप्चुक इंटरपोल के उप प्रमुख बने रहेंगे और यूरोप का प्रतिनिधित्व करेंगे.

ये भी पढ़ेंः

एलेक्ज़ेंडर प्रोकोप्चुक
Getty Images
एलेक्ज़ेंडर प्रोकोप्चुक

किसने किया प्रोकोप्चुक का विरोध?

रूस के मानवाधिकार समूहों और दूसरे देशों के अधिकारियों के बीच यह डर पैदा होने लगा था कि अगर प्रोकोप्चुक इंटरपोल के प्रमुख बन जाते हैं तो रूस इस पद का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों के ख़िलाफ़ करेगा.

अमरीकी सीनेटरों के एक द्विपक्षीय समूह का कहना था कि प्रोकोप्चुक को चुनने का मतलब था कि लोमड़ी को किसी मुर्गी के बाड़े में घुसा देना. इसी तरह क्रेमलिन के एक मुख्य आलोचक ने कहा कि प्रोकोप्चुक को इंटरपोल का प्रमुख बनाने से माफ़िया के हाथों में ताकत मिल जाती.

इस तरह की प्रतिक्रियाओं के बाद रूस ने कहा है कि इस चुनाव में बहुत हद तक हस्तक्षेप किया गया है.

ब्रिटेन के विदेश विभाग और अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने किम जोंग यैंग की दावेदारी के पक्ष में अपना मत दिया. वहीं लिथुआनिया और यूक्रेन ने कहा था कि अगर प्रकोप्चुक जीतते हैं तो वे इंटरपोल से अलग हो जाएंगे.

https://twitter.com/SecPompeo/status/1065284683594956800

कितने रेड नोटिस जारी हुए?

बीबीसी की रिएलिटी चेक टीम के अनुसार अधिकतर नोटिस सार्वजनिक नहीं हैं इसलिए इन्हें ट्रैक कर पाना बेहद मुश्किल है. यह पता लगाना भी मुश्किल है कि क्या ये नोटिस सिर्फ राजनीतिक कारणों से ही जारी किए गए.

लेकिन रेड नोटिस पर पब्लिश किए गए इंटरपोल के डेटाबेस को खंगालने के बाद कुछ आश्यचर्यजनक जानकारियां प्राप्त होती हैं.

पहली, वो मामले जिन्हें प्रत्येक देश ने सार्वजनिक किया है, इसमें इंटरपोल का डेटा दिखाता है कि 160 लोग ऐसे हैं जिनकी तलाश रूस को थी. इसमें कुछ नाम ऐसे भी हैं जिनकी तलाश अमरीका को थी.

एक व्यक्ति की तलाश ब्रिटेन को थी और चीन को 44 लोगों की तलाश थी.

हालांकि यह पूरी तस्वीर नहीं है क्योंकि हर एक देश इन सूचनाओं को अपने क़ानून के अनुसार रोक सकता है. वैसे जो आंकड़े बीबीसी रिएलिटी चेक टीम को मिले हैं वो दर्शाते हैं कि पिछले एक दशक में रेड नोटिस भेजने की तादाद बढ़ी है.

फेयर ट्रायल संगठन द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2006 में इंटरपोल ने तीन हज़ार से कम नोटिस जारी किए थे. लेकिन यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ता गया है जो साल 2017 में बढ़कर 13 हज़ार तक पहुंच गया.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Russia to beat Interpol in South Korea
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X