क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

रूस ने समुद्र में उतारा तैरता परमाणु ऊर्जा केंद्र

रूस ने तैरते हुए परमाणु ऊर्जा केंद्र को समुद्र में उतार दिया है. यह ऊर्जा केंद्र आर्कटिक बंदरगाह के मुरमांस्क से सुदूर पूर्व में चूकोटका तक जाएगा. यह यात्रा पांच हज़ार किलोमीटर लंबी है. परमाणु एजेंसी रोज़नेरगोतम का कहना है कि अकाडेमिक लोमेनोसेफ़ नामक यह तैरता ऊर्जा केंद्र दूरदराज़ के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को बढ़ावा देगी.

 

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
अकाडेमिक लोमेनोसेफ़
Reuters
अकाडेमिक लोमेनोसेफ़

रूस ने तैरते हुए परमाणु ऊर्जा केंद्र को समुद्र में उतार दिया है. यह ऊर्जा केंद्र आर्कटिक बंदरगाह के मुरमांस्क से सुदूर पूर्व में चूकोटका तक जाएगा. यह यात्रा पांच हज़ार किलोमीटर लंबी है.

परमाणु एजेंसी रोज़नेरगोतम का कहना है कि अकाडेमिक लोमेनोसेफ़ नामक यह तैरता ऊर्जा केंद्र दूरदराज़ के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को बढ़ावा देगी.

इस ऊर्जा केंद्र के मुख्य उद्देश्यों में से एक चूकोटका के चाउन-बिलिबिन खनन कॉम्प्लेक्स में बिजली उपलब्ध करवाना भी है. इस कॉम्प्लेक्स में सोने की खान भी है.

ग्रीनपीस संगठन का कहना है कि इस कठोर मौसम के वातावरण में यह परियोजना बेहद भारी जोखिम भरी है.

अकाडेमिक लोमेनोसेफ़
Getty Images
अकाडेमिक लोमेनोसेफ़

लोमेनोसेफ़ को लेकर चेताया भी गया

ग्रीनपीस समेत कई आलोचकों ने रूस और सोवियत संघ के पिछले परमाणु हादसों के बहाने अकाडेमिक लोमेनोसेफ़ मिशन पर चिंता जताई है. आलोचकों का कहना है कि इससे आर्कटिक में प्रदूषण का ख़तरा है.

इस मिशन के शुरू होने से दो सप्ताह पहले आर्कटिक में रूसी नौसेना के परीक्षण रेंज में एक परमाणु इंजन में धमाका हुआ था जिसमें पांच परमाणु इंजीनियर की मौत हुई थी और विकिरण का रिसाव हुआ था. इस घटना को 1986 के चेर्नोबिल हादसे के बाद सबसे बुरा हादसा बताया गया था.

इस तैरते ऊर्जा केंद्र में बहुत अधिक रेडियोएक्टिव ईंधन है. अकाडेमिक लोमेनोसेफ़ का एक मक़सद रूस के आर्कटिक क्षेत्र में समुद्री तेल भंडार तक बिजली पहुंचाना भी है. साथ ही इसके ज़रिए ताज़ा पानी बनाना और भविष्य में द्वीपों तक इसका लाभ पहुंचाना है.

अकाडेमिक लोमेनोसेफ़
Getty Images
अकाडेमिक लोमेनोसेफ़

अमरीका भी बना चुका है तैरता परमाणु ऊर्जा केंद्र

लोमेनोसेफ़ को सेंट पीट्सबर्ग में बनाया गया है और रूसी आइसब्रेकर जहाज़ों में इस्तेमाल होने वाले दो परमाणु रिएक्टरों को इसमें लगाया गया है. केएलटी-40एस नामक इन रिएक्टरों में 80-80 मेगावॉट की क्षमता है और कहा जा रहा है कि इसको सुनामी से भी नुकसान नहीं होगा.

रूस के विएस्टी समाचार कार्यक्रम का कहना है कि इस परमाणु केंद्र की इतनी क्षमता है कि यह एक लाख लोगों निवासियों के शहर को गर्म रख सकता है और उसे रोशन कर सकता है.

इस जहाज़ पर 70 लोगों का क्रू सवार है. यह 140 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है और माना जा रहा है कि यह 40 सालों तक काम कर सकता है.

पनामा कैनाल में 1968-76 के दौरान अमरीकी सेना ने तैरते परमाणु ऊर्जा केंद्र का इस्तेमाल किया था. इसका नाम एमएच-1ए स्टरगिस था. यह दूसरे विश्व युद्ध का एक कार्गो शिप था जिसे बाद में रिटायर कर दिया गया.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Russia launches nuclear power center in sea
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X