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अपने खुलासे से अमेरिका को हिलाने वाले स्नोडेन को रूस में मिला स्थायी निवास का अधिकार

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मॉस्को। अमेरिका की खुफिया सूचनाए लीक करने वाले एडवर्ड स्नोडेन (Edward Snowden) को रूस ने स्थायी निवास का अधिकार प्रदान किया है। स्नोडेन के वकील ने बताया कि ये उनका रूस की नागरिकता की तरफ एक और कदम है।

Edward Snowden

37 साल के स्नोडेन ने 2013 में अमेरिकी की सुरक्षा एजेंसियों से जुड़ी खुफिया जानकारी लीक कर दी थी जिसके बाद हंगामा मच गया था। स्नोडेन उस समय अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के साथ काम कर रहे थे। लीक के बाद स्नोडेन भागकर रूस पहुंचे थे जहां तब से उन्हें शरण मिली हुई है।

अमेरिकी एजेंसियां सालों से स्नोडेन की अमेरिका वापसी का इंतजार कर रही हैं जहां उन पर खुफिया सूचनाओं को लीक करने के मामले में देश के खिलाफ जासूसी करने का मामला चलाया जा सके। अगर स्नोडेन अमेरिका लौटते हैं तो अमेरिकी कानून के मुताबिक उन्हें 30 साल तक की जेल हो सकती है।

रूस ने दी स्थायी निवास की अनुमति
अब रूस ने उन्हें स्थायी रूप से रहने की अनुमति दे दी है। रूस में एडवर्ड स्नोडेन के वकील एनॉटली कुचरेना ने बताया कि "उनके रूसी निवास परमिट की अवधि समाप्त हो रही थी और हमने इसे बढ़ाने का अनुरोध किया था। हमने अप्रैल में कागजात जमा किए थे और हमें अब (गुरुवार को) स्थायी निवास का अधिकार मिल गया है।" अधिवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते इस प्रक्रिया में सामान्य से अधिक समय लग गया।

वकील के मुताबिक स्नोडेन अभी रूसी नागरिकता के बारे में नहीं सोच रहे हैं। रूस में स्नोडेन एक आम जिंदगी जी रहे हैं। वे सोशल मीडिया पर भी हैं जहां उन्होंने रूस की प्राकृतिक सुंदरता और लोगों के व्यवहार की तारीफ की है। वहीं वे समय-समय पर सरकारी नीतियों का विरोध भी करते रहते हैं।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अगस्त में कहा था कि वह स्नोडेन की माफी के बारे में विचार कर रहे हैं। न्यूयार्क टाइम्स में अपने एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका में लोग सोचते हैं कि स्नोडेन के साथ कानून और प्रवर्तन एजेंसियां सही व्यवहार नहीं कर रही हैं। इसके बाद उम्मीद जताई जाने लगी थी कि शायद अमेरिकी सरकार उन्हें माफी दे दे। फिलहाल अभी अमेरिका में चुनाव है और स्नोडेन के भविष्य पर तब तक चर्चा नहीं होने वाली है।

भारत में भी उठा था जासूसी मामला
अमेरिका ने 2013 में उस समय पूरी दुनिया में हंगामा मचा दिया था जब उन्होंने एक रिपोर्ट लीक कर ये जानकारी लोगों के सामने रख दी थी कि अमेरिकी गुप्तचर एजेंसियां लाखों नागरिकों के फोन टैप कर रही हैं। ब्रिटेन के अखबार गार्डियन ने इस रिपोर्ट के आधार पर रिपोर्ट छापी जिसके बाद पूरी दुनिया का ध्यान इस तरफ गया। यही नहीं इस रिपोर्ट में भारत में भी अमेरिकी गुप्तचर एजेंसियों द्वारा जासूसी करवाने की बात सामने आई थी। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) ने भारतीय जनता पार्टी की भी जासूसी करवाई थी जिसके बाद भारत सरकार ने अमेरिका के सामने सख्त आपत्ति जताई और भविष्य में ऐसी किसी घटना के न होने को लेकर अमेरिकी राजनयिक को भी तलब किया था।

जिसने 'आधार' का भांडा फोड़ा, उसे सम्मानित करना चाहिए, ना कि गिरफ्तार: एडवर्ड स्नोडेनजिसने 'आधार' का भांडा फोड़ा, उसे सम्मानित करना चाहिए, ना कि गिरफ्तार: एडवर्ड स्नोडेन

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English summary
russia granted permanent residency rights to US whistleblower edward snowden
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