चीन की राजनीति में महिलाओं को क्यों समझा जाता है नालायक, क्या शी जिनपिंग दिला पाए अधिकार?
कम्यूनिस्ट पार्टी के संविधान में महिलाओं के अधिकार को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है। चीन की राजनीति में हर वो प्रावधान किए गये हैं, जिससे महिलाएं ऊंचे पदों तक पहुंच ना पाए।
बीजिंग, जुलाई 04: चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना को 100 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी वहां की राजनीति में महिलाओं की भूमिका काफी ज्यादा कम है। चीनी की राजनीति में महिलाएं लगातार पिछड़ रही हैं। सुपरचाइना में लिखते हुए जियायुन फेंग ने कहा है कि चीन में बड़े पैमाने पर आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन हुए हैं, और पिछले 100 सालों में चीन का विकास भी काफी तेजी से हुआ है, लेकिन राजनीति में महिलाओं का आगे आना अभी भी महिलाओं के लिए सबसे मुश्किल बात है। पुरुष अभी भी चीन के राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं पर हावी हैं। चीन की कम्यीनिस्ट पार्टी की स्थापना दिवस के 100 साल पूरे होने पर समाचार चैनल अलजजीरा ने चीन की राजनीति में महिलाओं की स्थिति को लेकर एक सर्वेक्षण किया है, जिसमें पता चला है कि चीनी राजनीति में महिलाओं की भूमिका बेहद कमजोर है।
चीन की राजनीति में महिलाओं की स्थिति
अलजजीरा के सर्वेक्षण में कहा गया है कि चायना कम्यूनिस्ट पार्टी के करीब 9 करोड़ 20 लाख सदस्यों में सिर्फ 2 करोड़ 80 लाख महिलाएं हैं। जो 30 प्रतिशत से काफी कम है और इनमें से सिर्फ पांच महिलाएं ही ऐसी हैं, जो 13वीं नेशनल पीपुल्स कांग्रेस, चीन की शीर्ष विधायिका और 13वीं चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (सीपीपीसीसी), देश की शीर्ष राजनीतिक सलाहकार संस्था की सभी प्रतिनिधि हैं। अल जज़ीरा की रिपोपर्ट में पता चला है कि 1949 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से चीन के शीर्ष राजनीतिक निकाय में एक भी महिला को नियुक्त नहीं किया गया है। 71 वर्षीय उप प्रधान मंत्री सुन चुनलन पोलित ब्यूरो में एकमात्र महिला हैं, जो एक 25 सदस्यीय पैनल है, जो स्थायी समिति को रिपोर्ट करती है। जिससे साफ पता चलता है कि चीन की राजनीति में सिर्फ और सिर्फ पुरूषों की ही चलती है।
महिलाओं के अधिकार का जिक्र नहीं
कम्यूनिस्ट पार्टी के संविधान में महिलाओं के अधिकार को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है, भले ही महिलाएं चीन के "न्यू कल्चर मूवमेंट" और 4 मई 1919 को हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल रही हैं, और जिन महिलाओं की वजह से माओ ने चीन में कम्यूनिस्ट पार्टी को मजबूती थी, उन्हें भी चीन की राजनीति से दरकिनार कर दिया गया। 2017 में सीसीपी की सबसे हालिया राष्ट्रीय कांग्रेस में (यह आयोजन हर पांच साल में आयोजित किया जाता है) कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की एक परियोजना, चाइना डेटा लैब के अनुसार, 938 कुलीन प्रतिनिधियों में से केवल 83 महिलाएं शामिल हो पाई थीं, जो 10 प्रतिशत के आंकड़े से भी कम है। अधिकांश महिलाएं प्रांतीय स्थायी समिति में पाई जाती हैं। चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो में सिर्फ उप-प्रधानमंत्री प्रीमियर सन चुनलन की एक मात्र महिला हैं। वहीं, कम्यूनिस्ट पार्टी की कोर 7 सदस्यीय पोलित ब्यूरो में एक भी महिला नहीं है।
जवान महिलाओं को बिल्कुल स्थान नहीं
चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी में आंशिक तौर पर तो महिलाओं को एंट्री मिल जाती है, लेकिन पार्टी के अंदर उन्हें बढ़ावा नहीं मिलता है। खासतौर पर अगर कोई कम उम्र की महिला कम्यूनिस्ट पार्टी में ऊंची रैंक हासिल करना चाहे, तो उनके लिए ये असंभव बात होती है। कम्यूनिस्ट पार्टी में महिलाएं सिर्फ एक चौथाई हैं, लेकिन उन्हें पुरूष सदस्यों के मुकाबले नीचे रखा जाता है। यूसीएसडी के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर विक्टर शिह ने कहा कि, "शायद पार्टी के सदस्यों की भर्ती को लेकर पुरूष कार्यकर्ता पूर्वाग्रह से ग्रसित रहते हैं और महिलाओं को ऊंचे पद के काबिल नहीं समझते हैं। कम्यूनिस्ट पार्टी के हर महत्वपूर्ण पद पर सिर्फ पुरूष हैं, और ये पुरूषों का पूर्वाग्रह से ग्रसित सोच ही है'' उन्होंने कहा कि ''पुलिसिंग, इंटरनेट सेंसरशिप और सेना चीन में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और पुरुष-प्रधान विशेषज्ञता वाले होते हैं। महिलाओं को आमतौर पर शिक्षा, संयुक्त मोर्चा (प्रचार) कार्य, सामाजिक नीतियों में लगाया जाता है। आप उन प्रकार की विशेषज्ञताओं में काफी उच्च स्तर तक पहुंच सकते हैं, लेकिन उन फील्ड में भी ऊंचे पदों पर महिलाओं को जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाती है''
महिलाओं को क्यों किया जाता है दरकिनार?
चीन में रैंकों के जरिए बढ़ने के लिए पार्टी के सदस्यों को 'विशिष्ट पदों' के लिए पात्रता साबित करने के लिए किसी माइलस्टोन को हासिल करना पड़ता है। चीन के अधिकांश शीर्ष नेताओं ने किसी प्रांत के प्रमुख के तौर पर या किसी शहर के गवर्नर के तौर पर काम किया होता है और उन्हें केन्द्रीय नेतृत्व में जगह दी जाती है, लेकिन उन पदों पर केवल कुछ ही महिलाएं हैं, जिसका नतीजा ये होता है कि कुछ महिला उम्मीदवारों को वरिष्ठ भूमिकाओं के लिए योग्य ही नहीं माना जाता है। और जब तक चीन की कोई महिला उस पद के योग्य हो पाती हैं, वो रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच जाती हैं। चीन में महिलाओं के लिए रिटायरमेंट की उम्र सिर्फ 55 साल है। द पार्टी: द सीक्रेट वर्ल्ड ऑफ चाइनाज कम्युनिस्ट रूल्स के लेखक रिचर्ड मैकग्रेगर बताते हैं कि, "यह अमेरिका की तरह नहीं है, जहां 45 वर्षीय बराक ओबामा राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी पेश कर सकते हैं।" "आप चीन में बनाए गये एक निश्चित रैंकिंग के सहारे ही ऊंचे पदों के योग्य हो सकते हैं, और उसी तरह से रिटायर हो सकते हैं। आपके 55 वर्ष की आयु से पहले पोलित ब्यूरो का सदस्य बनना बहुत दुर्लभ है, इसका मतलब है कि महिलाओं का वहां तक पहुंचना नामुमकिन है और चूंकी चीन में लोकतंत्र का कोई महत्व नहीं है, इसीलिए इसे ठीक करना नामुमकिन है''
चीन का पीतृसत्तात्मक समाज
चीन के मर्केटर इंस्टीट्यूट फॉर चाइना स्टडीज, जर्मनी के एक विश्लेषक वैलेरी टैन कहते हैं कि, ''जबकि 10 प्रतिशत प्रांतीय, नगरपालिका और काउंटी स्तर के नेतृत्व पदों को महिलाओं के लिए अलग रखा जाना चाहिए, लेकिन पुरुषों को वरीयता मिलने की वजह से महिलाओं के लिए कोई रिजर्व कैटोरिगी नहीं है। वैलेरी टैन कहते हैं कि ''शी जिनपिंग के शासन काल में महिलाओं की भागीदारी और कम कर दी गई है। उन्होंने कहा कि '' लैंगिक रूढ़िवादिता या ऐतिहासिक पारंपरिक मानदंड आज भी बहुत ज्यादा हैं, जो शी जिनपिंग के कार्यकाल में और ज्यादा बढ़ गया है। चीन में एक कॉमन रूढ़ीवादी सोच है कि महिलाओं को शादी करनी है, फिर बच्चे को जन्म देना है। खासकर अब जबकि चीन की जनसंख्या दर भयानक स्तर पर गिर रही है, तब महिलाओं को जबरन बच्चे पैदा करने के लिए बाध्य किया जाता है और उन्हें बच्चों को पालने के लिए कहा जाता है।'' चीन में स्थिति ये है कि ''सरकार या पार्टी सचिव के प्रमुख के रूप में काउंटी स्तर के पदों पर महिलाएं केवल 9.33 प्रतिशत हैं, जो शहरों में 5.29 प्रतिशत और प्रांतीय स्तर पर 3.23 प्रतिशत तक गिर जाती है।
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